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रील्स के चक्कर में जान जोख़िम में डालते युवा (Youth Risking Their Lives To Make Reels)

मोबाइल रील्स… यानी एक से डेढ़ मिनट का शॉर्ट वीडियो. इन्हें देखते-देखते ओर बनाते-बनाते कब घंटों गुज़र जाते हैं, पता ही नहीं चलता. सोशल मीडिया पर कुछ मिनटों की ये रील बनाकर चंद लाइक्स और कुछ पैसों की लालच में लोग अपनी जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. रील्स बनाने के चक्कर में लोगों की ज़िंदगी खत्म हो रही है. फिर भी लोग इससे सबक नहीं ले पा रहे हैं.

  • 22  जून 2024 को पुणे में रील्स के कारण जान जोखिम में डाल रहे युवक-युवती को भारती विद्यापीठ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 24 साल के मिहिर नितिन गांधी और 21 साल की मीनाक्षी हनुमंत सालुंखे समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इसमें दोनों वीडियोग्राफर भी शामिल हैं. पुलिस जांच में पता चला है कि मिहिर गांधी और मीनाक्षी सालुंखे, पुणे से कात्रज हाईवे के किनारे, एक पुरानी इमारत के ऊपर गए और अपनी और दो अन्य लोगों की जान जोखिम में डालकर रील्स बनाईं.
  • 17 जून 2024 को महाराष्ट्र में एक दुखद घटना घटी. रील्स बनाने के दौरान एक युवती की मौत हो गई है. लड़की जब रील्स बना रही थी तो गलती से उसने कार को रिवर्स गियर में डालकर एक्सीलेटर दबा दिया, जिससे कार खाई में गिर गई और उसकी मौत हो गई. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है.
  • 20 मई 2024 को झारखंड के साहिबगंज जिले में तौसीफ नाम का एक 18 वर्षीय व्यक्ति इंस्टाग्राम रील बनाने के लिए करीब 100 फीट की ऊंचाई से खदान झील में कूद गया. घटना का एक वीडियो, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसमें युवक को पानी में कूदते हुए दिखाया गया है, जबकि उसका दोस्त उसकी हिम्मत को रिकॉर्ड कर रहा है. हालांकि पानी में गिरने के बाद जैसे ही वह तैरने लगा तो डूबने लगा.
  • हाल ही में एक लड़की का वीडियो सामने आया है, जिसमें वह आंखों में नींबू निचोड़ रही है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि लड़की अपनी एक आंख में नींबू का रस निचोड़ती हुई नज़र आ रही है. जैसे ही नींबू के रस की कुछ बूंदें लड़की की आंखों में गिरीं, वो दर्द कराह उठी. अपनी आंख पर हाथ रखकर लड़की जोर-जोर से चिल्लाने लगी. इस वीडियो को अब तक 10.7 मिलियन लोग देख चुके हैं.

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क्या है ये रील बनाना?
दरअसल रील बनाने का चस्का टिकटॉक ऐप से शुरू हुआ था, लेकिन भारत में टिकटॉक के बंद होने के बाद लोग फेसबुक और इंस्टाग्राम पर हर तरह के रील डालने लगे. ये रील 30 सेकंड के छोटे-छोटे वीडियोज़ शॉर्ट्स कहलाते हैं. शुरू-शुरू में ये रील्स 30 सेकंड का हुआ करता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 90 सेकंड कर दिया है. वैसे कुछ वीडियो 2 मिनट तक के भी होते हैं. रील्स भी एक तरह के शॉर्ट वीडियोज़ ही हैं. इन रील्स में कॉमेडी रील्स भी होती हैं, जिन्हें हर उम्र का व्यक्ति पसंद करता है. इन रील्स में फैशन और ग्लैमर पर भी फोकस किया जाता है, जो युवाओं को बहुत आकर्षित करता है.

जल्दी पॉपुलर बनना, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की नज़र में आना और लोगों के बीच में अपनी फैन फॉलोइंग बढ़ाना, ये सभी आजकल युवाओं को आकर्षित करने के बड़े कारण बनते जा रहे हैं. यही वजह है कि आजकल युवा वर्ग में रील्स बनाने का प्रचलन तेज़ी से बढ़ता जा रहा है.

कहां बनाई जाती हैं ये रील्स? 
अक्सर नाचने-गाने वाले वीडियो या उछलकूद से संबंधित वीडियो पार्क, मेट्रो स्टेशन, सड़कों, गलियों या ऐसे स्थानों पर शूट किए जाते हैं जहां आम नागरिकों का आना-जाना लगा रहता है. ऐसे में ये रील्स बनाने वाले अक्सर इस तरह का माहौल बना देते हैं, जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कभी वाहन चलाते समय स्टंटबाजी, कभी सड़कों व चौराहों पर डांस, स्टंट करना, झील किनारे बंसियों पर खड़े होकर रील्स बनाना, कभी किसी पहाड़ पर खड़े होकर अजीब हरकतें करना, कभी रेलवे ट्रैक पर जाकर या प्लेटफार्म या चलती ट्रेन में दरवाज़े पर खड़े होकर रील्स बनाना. कई बार पब्लिक प्लेस पर ऐसे खतरनाक स्टंट करते हैं, जिनसे कई मौकों पर लोगों को चोटें लग जाती हैं या उनकी जान को ख़तरा बना रहता है.


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रील बनाने के साइड इफेक्ट्स

  • रील बनाना एक लत है. जिसमें आपको घंटों का पता भी नहीं चलता. यह एक तरह से समय की बर्बादी करने जैसा है.
  • अपनों से दूर हो जाना और उनके साथ टाइम स्पेंड न करना, क्यूंकि रील बनाने से फुर्सत मिले तो कुछ ओर सोचे भी.
  • करियर का शुरू होने से पहले ही ख़त्म हो जाना. आजकल युवाओं को लगता है कि पढ़ने-लिखने से भी कौन सी नौकरी मिलनी है, तो इससे अच्छा तो रील बनाने में ही अपना करियर बनाते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि यह रील बनाने का चस्का कुछ ही समय रहेगा. हो सकता है आज इससे आप कुछ कमाई भी कर लें, लेकिन प्रोफेशनली इसे करियर नहीं बनाया जा सकता. लेकिन ये बात वक्त बीत जाने पर समझ में आती है. जब हाथ में न रील बनाना रहता है और ना ही कोई डिग्री होती है.
  • वर्चुअल वर्ल्ड में ज़्यादा समय बिताने के चलते रियल लाइफ में कॉन्फिडेंस कम हो जाता है. चार लोगों के बीच उठने-बैठने में परेशानी होती है, जिससे डिप्रेशन भी हो जाता है.
  • रील्स बनाने और देखने के चलते कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स भी हो रही हैं. जैसे कई घंटे एक ही पोजीशन में रील देखने के चलते कमर दर्द की समस्या भी बढ़ रही है. युवाओं में पोस्चर से सम्बंधित कई तरह की दिक्कतें जैसे कि गर्दन और हाथों में दर्द जैसी समस्याएं भी हो रही हैं.
  • रील्स का प्रयोग इतना बढ़ गया है कि बच्चे का ब्रेन सोने और जागने के टाइम में फर्क नहीं कर पा रहा. लोग रील्स की वजह से टाइम मैनेजमेंट नहीं कर पा रहे हैं, जिसके कारण उनके दूसरे कामों पर असर हो रहा है.
  • जो लोग रील्स को घंटों स्क्रोल करते हुए देख रहे हैं, उनमें अंगूठे में टेढ़ापन, दर्द, जॉइंट ब्रेक होने की शिकायतें भी हो रही हैं. कई बार अंगूठे में कापल टर्नल सिंड्रोम भी हो जाता है. जिसमे आपका अंगूठा मुड़ना बंद कर देता है.
  • मोबाइल का ज़्यादा प्रयोग करने से इंसोम्निया, स्लीप डिसऑर्डर, एंग्ज़ाइटी की समस्या और स्ट्रेस भी काफी बढ़ गया है.
  • लड़कियों में इससे हीनभावना की समस्या बढ़ रही है. वह रील्स देखकर सोचती हैं कि मैं इतनी गुड लुकिंग क्यों नहीं हूं. इस कारण उनमें ईटिंग डिसऑर्डर तक पनप रहा है.

रील से ज्यादा ज़रूरी है रियल लाइफ
आप कुछ मिनटों के लिए रील्स देखकर आनंद ज़रूर ले सकते हैं. लेकिन इन्हें बनाकर जान जोखिम में न डालें. घर पर कोई आपका इंतज़ार कर रहा होता है. लोग रील्स बनाने के इस कदर दीवाने हैं कि वह कुछ भी कर गुज़रने के लिए तैयार रहते हैं.


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रील से ज़्यादा महत्वपूर्ण आपकी रियल लाइफ है. रील बनाने के चक्कर में अपना जीवन जोखिम में न डालें. ऐसे वीडियो बनाकर रातोंरात प्रसिद्धि प्राप्त करना लिखाई-पढ़ाई की तुलना में कहीं आसान दिखता है, लेकिन ये वीडियो कब तक चलेंगे कितना पैसा अर्जित कर पाएंगे जैसे प्रश्‍न आज आपके लिए मायने नहीं रखते, लेकिन एक बार सोचकर देखिएगा ज़रूर. आपका यह शौक कहीं एडिक्शन तो नहीं बन गया. अगर ऐसा है तो यहीं रुक जाएं. 2-4 मिनट की वाहवाही और कुछ लाइक्स के लिए ऐसे कदम न उठाएं, जिसके बाद आपके परिजनों के पास रोने के सिवाय कुछ ना बचे. आप सिर्फ अपने बारे में नहीं, बल्कि अपनों के लिए भी सोचिए. आप कहीं गए हैं तो आपके आने का इंतज़ार आपके परिजनों को भी रहता है.

- शिखा जैन

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