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योगा फॉर फ्लैट टमी (Yoga For Flat Tummy)

जंक फूड, अनहेल्दी लाइफस्टाइल ने एक ऐसी सबसे बड़ी समस्या हमें दे दी है, जो ख़ुद कई समस्याओं व रोगों की जड़ है, वो है- मोटापा. मोटापे से मुक्ति और फ्लैट टमी (Yoga For Flat Tummy) के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ-साथ इन आसनों को अपनाएं.

शशांकासन

- वज्रासन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें. - सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएं. - धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और हाथों को स्ट्रेच करते हुए ज़मीन को छुएं. - यह भी विश्राम प्रदान करने के लिए एक उत्तम अभ्यास है. - गैस्ट्राइटिस और पेप्टिक अल्सर से पीड़ित लोग और गर्भवती महिलाएं यह आसन न करें. घुटने में दर्द, आर्थराइटिस, पीठ दर्द और हाई बीपी हो, तो वज्रासन में न बैठें, बल्कि कोई और सरल आसन चुनें. Yoga For Flat Tummy अन्य लाभः स्फूर्ति, चुस्ती प्रदान कर स्लिम बनाए रखता है. यह पेट की मसल्स को टोन करता है. साथ ही पेट के फैट्स को कम करने के लिए भी यह एक बेहतरीन आसन है. शरीर में रक्तसंचार को सुचारू बनाए रखता है और पेट व लिवर की कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है.
फ्लैट टमी के लिए टॉप ४ योगा पोज़ेज़ हैं फायदेमंद- देखें वीडियो:
https://youtu.be/kXGQVFmMg5w

शलभासन

- पेट के बल लेट जाएं. हथेलियां जांघों के नीचे रखें. - ठोड़ी ज़मीन से लगाकर रखें. - धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर उठाएं. - घुटनों को मुड़ने न दें (चित्र देखें). - दोनों पैरों को जितना ऊपर ला सकते हैं, लाएं. - कुछ क्षण इस स्थिति में रुकें. - धीरे-धीरे पूर्वावस्था में आ जाएं. - 30-30 सेकंड के 3-5 राउंड्स. - आंखें बंद एवं एकाग्रता पीठ व पेट पर हो. - अगर पीठ या कमर में ज़्यादा दर्द हो, तो एक पैर से भी इसे किया जा सकता है. हर्निया और अपेंडिक्स से पीड़ित व्यक्ति यह आसन न करें. Yoga अन्य लाभः जोड़ों के दर्द निवारण में सहायक है. पाचनशक्ति को बढ़ाकर एसिडिटी की समस्या से भी निजात दिलाता है.

धनुरासन

- पेट के बल लेट जाएं. - अपने दोनों पैरों को घुटने से मोड़ें. - दोनों हाथों से दोनों पैरों को टखने के पास से पकड़ें. - धीरे-धीरे अपने शरीर को ऊपर की तरफ़ खींचें. हाथ एकदम खिंचे हों. - शरीर को नाभि पर भी उठा सकते हैं (चित्र देखें). - पेटदर्द, पीठदर्द, गर्दन दर्द और घुटने के दर्द में यह आसन न करें. यह भी पढ़ें: थायरॉइड के साथ मोटापा घटाने के पक्के उपाय व डायट प्लान Yoga अन्य लाभः रीढ़ को लचीला बनाकर रक्तसंचार को बेहतर बनाता है. सांस संबंधी समस्याओं में भी काफ़ी लाभदायक है, इसलिए अस्थमा और ब्रॉन्काइटिस से पीड़ित लोगों को इसकी सलाह दी जाती है.

बचें इन ग़लतियों से

- योग कभी भी सीधे ज़मीन पर न करें, बल्कि योगा मैट, दरी या कालीन बिछाकर करें. - योग में सांसों का बहुत महत्व है, इसलिए ध्यान रखें कि जब भी शरीर को फैलाएं, तो सांस लें और शरीर को सिकोड़ते व़क्त सांस छोड़ें. - योगासन सुबह-शाम कर सकते हैं. पर ध्यान रहे कि पानी पीने के तुरंत बाद योगासन न करें, बल्कि 15-20 मिनट रुककर करें. चाय-कॉफी आदि के आधे घंटे बाद ही योगासन करें. - अपनी क्षमता अनुसार योग करें. उतना ही योगाभ्यास करें, जितना आसानी से कर पाएं. धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं. - योग करते व़क्त फाइनल पोश्‍चर तक पहुंचने की जल्दबाज़ी कभी न करें और न ही किसी पोज़ को ज़बर्दस्ती ट्राई करें. - ज़्यादा असर चाहते हैं, तो लाइफस्टाइल और खान-पान की आदतें भी बदलें. तभी आपको पूरा फ़ायदा होगा. - फ़ौरन परिणाम की उम्मीद न करें. योग धीरे-धीरे असर करता है. ख़ुद को कम से कम छह महीने का समय दें. - योग शुरू करते ही ये सोचकर दवाएं न बंद कर दें कि अब सारी बीमारियां ठीक हो जाएंगी. ध्यान रखें कि योग तुरंत असर नहीं करता. कुछ महीने योगाभ्यास करने के बाद अपना चेकअप करवाएं और डॉक्टर की सलाह के बाद ही कोई फैसला लें. विराट कोहली, क्रिकेटर Yoga “योगाभ्यास करें. इससे आप अधिक रिलैक्स्ड, एनर्जेटिक और एक्टिव महसूस करेंगे.” विराट कोहली ने योग पर ट्वीट करके इस तरह से योग के प्रति अपना प्यार जताया. इंडियन क्रिकेट के पोस्टर बॉय विराट कोहली का मानना है कि किसी भी प्लेयर के लिए फिटनेस बहुत ज़रूरी होती है. फिट रहने के लिए संतुलित भोजन और नियमित एक्सरसाइज़ से बेहतर कुछ भी नहीं. यह भी पढ़ें: रोज़ 4 मिनट करें ये… और 1 महीने में बन जाएं स्लिम एंड सेक्सी यह भी पढ़ें: Fat To Fit: 8 हफ़्तों में वज़न घटाएं- नज़र आएं स्लिम-ट्रिम

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