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योगासन जो वज़न कम करने में करते हैं मदद (Yoga Asanas That Help Weight Loss)

आजकल की व्यस्त जीवनशैली के कारण अधिकतर लोगों के पास जिम जाने का समय नहीं है, लेकिन यहाँ पर बताए गए इस आसनों का घर पर ही नियमित अभ्यास करके आप अपना वज़न ज़रूर काम कर सकते हैं.

  1. वीरभद्रासन

- पैरों के बीच अंतर रखकर खड़े हो जाएं.

- हाथों को अपने बगल में रखें.

- गहरी सांस लेते हुए बाईं ओर मुडें.

- सांस छोड़ते हुए अपने पैरों को अलग फैलाएं.

- दोंनो पैरों के बीच कम से कम चार फिट की दूरी रखें.

- अब दाएं पैर को 90 डिग्री पर मोड़ें और बाएं पैर को 45 डिग्री के कोण पर अंदर की तरफ़ खींचें.

- पैर को 90 डिग्री बायीं ओर मोड़ें. हिप्स और आर्म्स का एंगल एक जैसा यानी 180 डिग्री होना चाहिए.

- अब बांहों को अपने सिर के ऊपर से ले जाते हुए आसमान की ओर फैलाएं और दोनों हथेलियों को आपस में मिलाकर प्रणाम की मुद्रा बनाएं.

- थोड़ी देर इसी पोज़ीशन में रहें. पहली वाली स्थिति में आ जाएं. यही प्रक्रिया दूसरे पैर के साथ दोहराएं.

सावधानी बरतें:

  • जिन लोगों को कूल्हे, घुटने, पीठ और कंधे में चोट लगी हो तो वे इस आसन को न करें.

 - इस आसन को करते समय बांहें, कमर और जांघों की मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं, लेकिन इस आसन को करते समय दर्द नहीं होना चाहिए.

- गर्दन के दर्द से परेशान हैं, तो भी इस आसन को करने से बचें.

2. त्रिकोणासन

- दोनों पैरों के बीच थोड़ा फासला छोड़कर सीधे खड़े हो जाएं.

- दाएं पैर को दाईं ओर मोड़ें.

- कंधे की ऊंचाई तक दोनों हाथों को साइड में फैलाएं.

- सांस लेते हुए दाईं ओर झुकें.

- अब दाएं हाथ से दाएं पैर को छूने की कोशिश करें.

सावधानी बरतें:

- जो लोग माइग्रेन की समस्या से पीड़ित है, वे इस आसन को न करें.

- डायरिया में भी त्रिकोणासन करना ठीक नहीं होता है.

- हाई या लो ब्लड प्रेशर की स्थिति में बिना ट्रेनर की सलाह के इस आसन को न करें.

3. सेतु बंधासन

- पीठ के बल लेट जाएं.

- दोनों हाथों को अपनी लंबाई में स्ट्रेच करें.

- धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ते हुए कमर को ऊपर उठाएं.

- थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें.

- इस प्रक्रिया को 2-3 बार दोहराएं.

सावधानी बरतें:

- अगर गर्दन में चोट लगी है, तो इस आसन को करने से बचें.

- गर्भवती महिलाएं योगा टीचर की देखरेख में इस आसन को करें.

- कमर में चोट और किसी तरह की सर्जरी होने की स्थिति में सेतु बंधासन न करें.

4. सर्वांगासन

  • पीठ के बल लेट जाएं.
  • अपने पैरों, कूल्हे और फिर कमर को एक साथ उठाएं. सारा भार आपके कन्धों पर आ जाए. पीठ को हाथों से सहारा दें.
  • कोहनियों को ज़मीन पर दबाते हुए और हाथों को कमर पर रखते हुए, अपनी कमर और पैरों को सीधा रखें. शरीर का पूरा भार आपके कंधों व हाथों के ऊपरी हिस्से पर होना चाहिए.
  • लंबी गहरी सांस लेते रहें और 30-60 सेकंड्स तक आसन में ही रहें.
  • पूर्व स्थिति में आ जाएं.

सावधानी बरतें:

- हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग इस आसन का अभ्यास न करें.

-  पीरियड्स में भी इस आसन को न करें.

-  स्लिप डिस्क, स्पोंडिलोसिस, गर्दन में तकलीफ, मोतियाबिंद, कंधे की चोट और हृदय से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित हैं, तो भी इस आसन को करने से बचें.

5. धनुरासन

- पेट के बल लेट जाएं.

- हाथों को पैरों के पास रखें.

- धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ें और हाथों से टखने को पकड़ें.

- सांस अंदर की ओर खींचें व सीने को उठाएं और जांघों को फ़र्श से ऊपर उठाएं.

सावधानी बरतें

- धनुरासन उन लोगों को नहीं करना चाहिए, जिन्हें गर्दन में तकलीफ या पीठ के निचले हिस्से में चोट लगी हो.

- इस आसन को करते समय एड़ियों को बहुत जोर से न दबाएं.

6. अधोमुख श्वानासन

- पेट के बल लेट जाएं.

- सांस लेते हुए अपने पैरों व हाथों के बल पर शरीर को उठाएं.

- सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे हिप्स को ऊपर की तरफ़ उठाएं.

- हाथों को ज़मीन की ओर दबाएं व गर्दन को लंबा खींचने का प्रयास करें.

- कुछ देर रहें, फिर पूर्वस्थिति में आ जाएं.

सावधानी बरतें

 - जिनकी पीठ में चोट लगी हो वे लोग इस आसन को न करें.
- गर्भवती महिलाएं और कार्पल सिंड्रोम से परेशान लोग इस अधोमुख श्वानासन को करने से बचें.

- इस आसन को करते समय अपनी क्षमता के अनुसार ही जोर लगाएं.

7. सूर्य नमस्कार

- सीधे खड़े हो जाएं और अपने दोनों पैरों को मिला लें.

- कमर सीधी रखें. हाथों को अपने सीने के पास लाएं और नमस्कार करें.

- हाथों को सिर के ऊपर से पीछे की तरफ़ ले जाते हुए कमर को पीछे की तरफ़ झुकाएं.

- आगे की ओर झुकते हुए अपने हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं.

- इस अवस्था में सिर घुटनों से मिला हो.

- एक पैर पीछे की ओर ले जाएं.

- पैर का घुटना ज़मीन से छूना है.

- दूसरे पैर को मोड़ें. हथेलियों को ज़मीन पर सीधा रखें और ऊपर सिर रखकर सामने की ओर देखें.

- दोनों हाथों और पैरों को सीधा रखते हुए पुश-अप करने की अवस्था में आ जाएं.

- हथेलियां, छाती, घुटने और पैरों को ज़मीन से सटाएं.

- हथेलियों को ज़मीन पर रखते हुए पेट को ज़मीन से सटाते हुए गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं.

- पैरों को ज़मीन पर सीधा रखते हुए कूल्हे को ऊपर की ओर उठाएं. कंधों को सीधा और मुंह को अंदर की तरफ़ रखें.

- दाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं.

- ध्यान रहे घुटना ज़मीन से ला हो.

- दूसरे पैर को मोड़े और हथेलियों से ज़मीन को छुएं.

- सिर को आसमान की ओर रखें.

- ऊपरी प्रक्रिया द्वारा होते हुए आगे की ओर झुककर हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं और सिर घुटनों से मिलाएं.

- खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठा लें और सीधा रखें.

- कमर को पीछे की तरफ़ झुकाते हुए हाथों को नमस्कार करने की मुद्रा में ही पीछे की ओर ले जाएं.

सावधानी बरतें

- सूर्य नमस्कार हमेशा खाली पेट करें.

- एक आसन से दूसरे आसन की स्थिति में बड़ी सहजता के साथ आएं ना कि झटके से.

- सूर्य नमस्कार करते समय अपने शरीर की क्षमता के अनुरूप ही सभी स्टेप्स करें.

-  रीढ़ की हड्डी में किसी प्रकार की तकलीफ या किसी चोट के कारण दर्द हो तो ऐसी स्थिति में सूर्य नमस्कार न करें.

बॉक्स मैटर

इन आसनों के होते हैं और भी फ़ायदे

1. वीरभद्रासन

- वीरभद्रासन करने से हाथ, पैर, कंधे, गर्दन, पेट, कमर, पिंडली और टखने की मांसपेशियां मज़बूत होती है.

- इस आसन को करने से बैलेंस बनाने मदद मिलती है.

-- थकान दूर होती है और ऊर्जा का संचार होता है.

- लंबे समय तक कंप्यूटर और लैपटॉप में काम करने से जो शारीरिक दर्द होता है, उससे राहत मिलती है.

  • त्रिकोणासन

- इससे गर्दन, पीठ, कमर, घुटनों व हाथ-पैर की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं.

- कमर दर्द से राहत पाना चाहते हैं तो इस आसन करें.

- इस आसन को करने से तनाव और अवसाद से छुटकारा मिलता है.


3. सेतु
बंधासन:

- एंग्जाइटी, थकान, थायरॉयड, कमर दर्द, सिरदर्द और इंसोम्निया में फायदेमंद है सेतु बंधासन.

- इस आसान को करने से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ता है.

- दिमागी शांति मिलती है.
- रक्त संचार, पाचन और मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है.

  • सर्वांगासन

- सर्वांगासन वज़न कम करने के साथ-साथ ब्लड सर्कुलेशन को भी कंट्रोल करता है.

- कब्ज, अपच जैसी पाचन की समस्याओं से राहत दिलाने वाला योगाभ्यास है.

-  बांहों और कंधों को मजबूत करने के साथ रीढ़ को लचीला बनाता है.

- उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है.

- इंसोम्निया में  बहुत लाभकारी है ये आसन.

  • धनुरासन

- यह आसन मोटापा कम करने के साथ मसल्स को स्ट्रॉन्ग बनाता है.

-  हड्डियों में लचीलापन भी लाता है.

- जिन लोगों को कमर में अकड़न, स्लिप डिस्क, सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस है, उन्हें धनुरासन करने से लाभ होता है.

6. अधोमुख श्वानासन

- वेट लॉस के अलावा यह पूरे शरीर को टोन करने के साथ हाथ, पीठ, हैमस्ट्रिंग को भी स्ट्रांग बनाता है.

- इस आसन को ब्लड सर्कुलेशन को भी ठीक करता है.

- अधोमुख श्वानासन शारीरिक स्वास्थ्य से लेकर मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है.

-  अधोमुख श्वानासन स्ट्रेस रिलीविंग एक्सरसाइज है, जिसे करने से तनाव कम होता है.

सूर्य नमस्कार

- सूर्य नमस्कार करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है.

- बैली फैट कम करने में मदद मिलती है.

- रीढ़ की हड्डी मजबूत और फ्लेक्सिबल बनती है.

- इसके नियमित अभ्यास से गैस, कब्ज, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है.

- पूनम कोठारी

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