इस महामारी के दौरान हममें से ज़्यादातर लोगों के लिए मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंस बनाए रखना, हाथों की हाइजीन आदि दिनचर्या का हिस्सा बन गई है. वैसे तो ये तरीक़े कोरोना वायरस से संक्रमित होने से बचने के लिहाज़ से बेहद प्रभावी हैं और प्रतिरक्षा बनाए रखने तथा संक्रमण से लड़ने की शरीर की शक्ति को बेहतर करने के लिए बेहद प्रभावी भी हैं. लेकिन टीका लगवाना ऐसा करने का एक तरीक़ा है और दूसरा तरीक़ा पूरी तरह आपके नियंत्रण में है; अपने फेफड़े पर ध्यान देकर इसकी शुरुआत कीजिए. इस पर डॉ. पुनीत खन्ना, विभागाध्यक्ष और कंसल्टेंट, रेसपायरेट्री मेडिसिन के, ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं.
हवा से भरे शरीर के अंगों की यह स्पांजी (खांखर) जोड़ी सीने के दोनों तरफ़ होती है और शरीर में इसकी बड़ी भूमिका है. ये हवा का ऑक्सीजन खून के प्रवाह (लाल रक्त कोशिकाएं) में शामिल करते हैं, जो बाद में पूरे शरीर में प्रवाहित होकर बहता रहता है. जब आप सांस छोड़ते हैं, तब ये शरीर को कार्बन डाइऑक्साइड से छुटकारा पाने में सहायता करते हैं.
ज़्यादातर स्वस्थ लोग अपने शरीर के अंगों, जैसे- लंग्स या फेफड़े के बारे में नहीं जानते है, क्योंकि वे आसानी से सांस ले पाते हैं और अपने दैनिक कार्य बिना किसी परेशानी या प्रयास के कर लेते हैं. लेकिन शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को नुक़सान पहुंचा रहे हैं इन अंगों को नुक़सान होने से गंभीर स्थिति हो सकती है और कभी-कभी तो यह स्थिति घातक भी हो सकती है.
उम्र बढ़ने और समय के साथ-साथ हमारे फेफड़े कम लचीले हो जाते हैं और ऑक्सीजन के स्तर को आदर्श बनाए रखने की उनकी क्षमता ख़त्म हो जाती है. इसके अलावा, तंबाकू का सेवन करनेवाले यानी बीड़ी, सिगरेट, हुक्का आदि पीनेवाले अपने फेफड़ों को नुक़सान पहुंचा सकते हैं, क्योंकि तंबाकू के धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड होता है, जो खून में ऑक्सीजन की जगह ले लेता है. इससे शरीर का यह अंग आवश्यक ऑक्सीजन से वंचित रहता है. यह समझना महत्वपूर्ण है कि फेफड़ों को शरीर के बाकी हिस्सों की तरह रोज़मर्रा की देखभाल की आवश्यकता होती है और इसका प्रबंध किया जा सकता है. हर साल आज के दिन दुनियाभर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, अतः आइए आज के दिन फेफड़े यानी लंग्स को स्वस्थ रखने से जुड़े प्रभावशाली ट्रिक्स के बारे में जानते हैं.
शराब और सिगरेट से बचें
फेफड़ों से संबंधित किसी भी मुश्किल से बचने का यह सबसे अच्छा तरीक़ा है. सिगरेट के धुएं के साथ फेफड़ों में कई रसायन प्रवेश करते हैं. यह वायुमार्ग को संकरा कर देता है और सांस लेने में कठिनाई का कारण बनता है. धूम्रपान फेफड़ों में स्थायी क़िस्म के सूजन का कारण बन सकता है, जो आगे चलकर ब्रोंकाइटिस का कारण बन सकता है. समय के साथ, धूम्रपान फेफड़ों के ऊतकों को नष्ट कर देता है और कैंसर में बढ़ने वाले परिवर्तनों को ट्रिगर कर सकता है. यदि आप धूम्रपान करते हैं और ख़ुद छोड़ने में असमर्थ हैं, तो स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की मदद ले सकते हैं.
एक्सरसाइज़ है ज़रूरी
इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप युवा हैं या बुज़ुर्ग, दुबल-पतले हैं या भारी-भरकम, कोई पुरानी बीमारी है या नहीं. शारीरिक गतिविधियां आपके फेफड़ों को स्वस्थ रखती हैं. व्यायाम करते समय दिल तेज़ी से धड़कता है और फेफड़े ज़्यादा काम करते हैं. आपकी मांसपेशियों को ईंधन देने के लिए शरीर को अधिक ऑक्सीजन की ज़रूरत होती है. इसके लिए फेफड़े ज़्यादा काम करते हैं. इस तरह आप जितना काम करेंगे आपके फेफड़े भी उतना ही काम करेंगे और स्वस्थ्य रहेंगे.
प्रदूषण से दूर रहें
दूसरे की सिगरेट का धुंआ पीना या प्रदूषण भी फेफड़े के लिए नुक़सानदेह है. कार से निकलनेवाली गैस हो या निर्माण स्थल की नुक़सानदेह होती हैं. ऐसी जगहों से बचें जहां प्रदूषण होने की आशंका हो. अगर इनसे बचना मुश्किल हो, तो जहां तक संभव हो अपने फेफड़ों को राहत दें और वैसी जगह में कम समय रहें.
संक्रमण से बचें
संक्रमण से फेफड़ों को ख़तरा हो सकता है, ख़ासकर उम्र बढ़ने के साथ. संक्रमित होने से बचने के कई उपाय हैं. स्वच्छता बनाए रखकर आप आसपास के परिवेश में मौजूद हो सकनेवाले वायरस या कीटाणुओं से बच सकते हैं. साबुन से हाथ धोना और अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का उपयोग आपके लिए अच्छा है. मुंह के कीटाणुओं को संक्रमण फैलाने से रोकने के लिए मुंह की स्वच्छता ज़रूरी है. अगर आप बीमार होते रहते हैं, तो संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दूसरों से दूरी बना कर रखें.
पौष्टिकता से भरपूर संतुलित भोजन करें
संतुलित आहार से आपको स्वस्थ और फिट रहने में मदद मिलेगी, साथ ही संक्रमण को भी रोका जा सकेगा. अच्छा पोषण आपके लक्षणों को भी नियंत्रित करेगा. ब्रिटिश लंग फाउंडेशन के मुताबिक, आपको और आपके फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए पांच प्रमुख खाद्य समूहों को मिलाकर एक अच्छा संतुलित आहार लेना चाहिए. अपने भोजन में इन खाद्य समूहों को शामिल करें- फल और सब्ज़ियां , स्टार्च कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, डेयरी खाद्य पदार्थ और तेल, ताकि आपको स्वस्थ और फिट रहने के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों का मिलना सुनिश्चित हो.
कोविड-19 में फेफड़े की क्षमता कैसे बढ़ाएं…
- तेज चलना, दौड़ना, तैराकी या साइकिल चलाने की तरह कोई भी व्यायाम, जिससे आपकी सांस ठीक-ठाक फूलने लगे, फेफड़ों की क्षमता में सुधार करने में मामूली रूप से मदद करता है. फेफड़ों की क्षमता में सुधार के लिए व्यापक वज़न प्रशिक्षण या उच्च सघनता वाले एक्सरसाइज़ करने की आवश्यकता नहीं है.
- व्यायाम प्रेरित अस्थमा (दमा) वाले लोगों को निर्धारित दवाओं के साथ व्यायाम करने से पहले उपयुक्त ढंग से वार्मअप करना चाहिए.
- एम्फिसिमा, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के मरीजों को गहरी सांस लेने की तकनीक का अभ्यास करना चाहिए. जिन लोगों को ऐसी कोई समस्या नहीं है, उन्हें भी ऐसा करना चाहिए. डायाफ्रामेटिक ब्रीदिंग से गहरी सांस खींची जा सकती है, इससे पेट में फेफड़ों से अलग करनेवाली डायाफ्राम मांसपेशी को मज़बूती मिलती है.
- प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट की सही मात्रा के साथ संतुलित आहार लेने से श्वसन मांसपेशियों और फेफड़ों की प्रतिरक्षा को भी मज़बूत करने में मदद मिलती है.
- हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं. यह फेफड़ों के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना शरीर के बाकी हिस्सों के लिए है.
- एलर्जी या फेफड़ों की किसी भी बीमारीवाले लोगों को सलाह के अनुसार नियमित रूप से निमोनिया और फ्लू का टीका लगवाना चाहिए.
- घर के अंदर या बाहर का प्रदूषण फेफड़ों की क्षमता को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है. हाल की घटनाओं के मद्देनज़र घर से निकलें, तो हर समय मास्क लगाकर रहें.
- वजन बढ़ने से भी फेफड़ों की क्षमता कम होती है, क्योंकि पेट की चर्बी फेफड़ों को ठीक से फैलने नहीं देती है. सही भोजन, पर्याप्त व्यायाम और किसी भी रूप में विषाक्त सांस लेने से बचना फेफड़ों को स्वस्थ रखने का मूलमंत्र है.
Photo Courtesy: Freepik
यह भी पढ़ें: नवजात शिशुओं के लिए कंगारू केयर वरदान है… (7 Bonding Benefits Of Skin To Skin Kangaroo Care…)