20 मार्च को वर्ल्ड हैप्पीनेस डे (World Happiness Day) मनाया जाता है. आज के दिन यदि हम भारत की खुशहाली की बात करें, तो पाएंगे कि खुशहाल देशों की श्रेणी में बहुत पीछे है भारत. आख़िर क्यों हम ख़ुशहाल नहीं हैं?
हर इंसान जिंदगीभर मेहनत इसलिए करता है, ताकि वो अच्छा और खुशहाल जीवन जी सके, लेकिन इतनी मेहनत करने के बाद भी क्या हम खुशहाल हैं? आखिर हम भारतीय खुश क्यों नहीं रहते हैं?
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खुशहाल देशों की श्रेणी में भारत बहुत पीछे है और हमारे देश में रहने वाले लोग तनाव में ज्यादा रहते हैं. आखिर क्या है इसकी वजह?
बता दें कि इस रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स में पहले स्थान पर फिनलैंड है यानी फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश है. इस देश में अपराध के आंकड़े भी बहुत कम हैं.
फिनलैंड के बाद क्रमशः नॉर्वे, डेनमार्क, आइसलैंड, स्विट्जरलैंड देश दुनिया के खुशहाल देशों में सबसे आगे हैं. इन देशों के लोग अपनी ज़िंदगी से संतुष्ट हैं इसलिए वो हमेशा खुशहाल नज़र आते हैं.
कितने खुशहाल हैं हम भारतीय?
भारत की बात करें तो संयुक्त राष्ट्र की 2018 की इस रिपोर्ट के मुताबिक, हमारा देश विश्व के खुशहाल देशों की लिस्ट में 133वें स्थान पर है यानी हमारे देश के लोग अन्य देशों के मुकाबले खुशहाल नहीं हैं. यहां पर कि पाकिस्तान और नेपाल भी खुशहाली के मामले में भारत से आगे हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अवसादग्रस्त लोग और हृदय रोगियों की संख्या बहुत ज्यादा है. भारत के लोग बहुत ज्यादा तनाव में रहते हैं, जिसके कारण यहां के बहुत ज्यादा लोग अवसाद और हृदय रोग से पीड़ित हैं. इसके साथ ही भारत में भ्र्ष्टाचार और अपराध के मामले भी ज्यादा हैं, जिसके कारण लोगों में सुरक्षा की भावना अन्य देशों के मुकाबले कम है.
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हमेशा खुश रहने के लिए सीखें ये 10 आदतें
1) सुबह की शुरुआत ईश्वर के स्मरण और योग या एक्सरसाइज़ से करें. इससे मन की शांति तो मिलती ही है, आप दिनभर के लिए नई ऊर्जा भी मिलती है.
2) छोटी-छोटी चीज़ों में ख़ुशियां ढूंढ़ने की कोशिश करें यानी ख़ुश होने के मौ़के तलाशें. ऐसा करने से जीवन में आई हर छोटी-बड़ी समस्या से लड़ने का हौसला मिलता है.
3) ख़ुश रहने के लिए सही लाइफ़ स्टाइल ज़रूरी है इसलिए रात में जल्दी सोएं और सुबह जल्दी उठ जाएं. साथ ही अच्छा खाएं, अच्छा सोचें और अच्छा महसूस करें.
4) हमारी अधिकतर समस्याएं हमारे अहम् के चलते शुरू होती हैं. यदि हम अहम् को त्याग दें तो न ही हम छोटी-छोटी बातों पर आहत होंगे और न ही तनावग्रस्त.
5) कई लोग पहले काम को टालते जाते हैं, फिर एक साथ बहुत सारा काम देखकर तनावग्रस्त हो जाते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए अपना हर काम समय पर पूरा करें.
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6) दूसरों की क़ामयाबी से कुढ़ने वाले कभी ख़ुश नहीं रहते. ऐसा करने की बजाय दूसरों की क़ामयाबी से प्रेरणा लेकर उन जैसा बनने का प्रयास करें.
7) ज़रूरी नहीं कि हमेशा कुछ पाकर ही ख़ुशी मिले, कई बार दूसरों के चेहरे की मुस्कान भी बेइंतहा ख़ुशी देती है इसलिए दूसरों के लिए जितना कर सकें, ज़रूर करें.
8) यदि आप अपने करियर से ख़ुश नहीं हैं, तो कोई पसंदीदा पार्ट टाइम कोर्स करें और नए सिरे से करियर की शुरुआत करें.
9) जब भी ग़ुस्सा आए या किसी बात से नाराज़ हों तो अपनी भावनाओं को काग़ज़ पर उतार दें. जिस तरह कह देने से मन हल्का हो जाता है, उसी तरह अपनी भावनाओं को लिख देने से भी बहुत सुकून महसूस होता है. ज़रूरी नहीं कि आप नकारात्मक बातें ही लिखें, जब कोई बात या चीज़ अच्छी लगे, उसके बारे में भी अपनी डायरी में ज़रूर लिखें.
10) स्थितियां हमेशा आप के अनुरूप ही हों ये मुमकिन नहीं, कई बार आपको विपरीत स्थितियों में मन मारकर भी रहना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में हालात को कोसने के बजाय उनसे सामंजस्य बिठाने की कोशिश करें. ऐसा करके आप तनाव को कुछ हद तक कम कर सकते हैं.