Close

विंटर बेबी केयर (Winter Baby Care)

मांएं सर्दी का मौसम आते ही अपने नवजात शिशु को ढेर सारे कपड़े पहनाकर, सिर पर ऊनी टोपी बांधकर, उन्हें ऊनी कंबल में लपेटकर रखती हैं. उन्हें डर लगा रहता है कि कहीं उनके नन्हें-मुन्ने लाड़ले को‌ सर्दी न लग जाए. हम यहां पर नवजात शिशु को सर्दी से बचाए रखने के लिए कुछ उपयोगी टिप्स दे रहे हैं. इन नुस्ख़ों को अपनाने पर बच्चों को कभी सर्दी नहीं लगेगी.

जिस कमरे में बच्चा सोता है, उसकी खिड़कियां बंद न करें, न कभी अंगीठी जलाकर रखें और न सर्दी से बचाव के लिए हीटर का प्रयोग करें. यदि आप खिड़की खोलकर वहां तुलसी के पौधे का गमला रख देंगे और आसपास दो-तीन ताज़े नीबू धागे से बांधकर लटका देंगे, तो नवजात शिशु का सर्दी से प्राकृतिक रूप से बचाव होगा.

नवजात शिशु के शरीर पर हल्के हाथों से राई के तेल की मालिश करके कम से कम कपड़े पहनाकर नंगे बदन ही सुबह की गुलाबी धूप का सेवन कराएं, ऐसा नियमित रूप से करें. आपके शिशु को कभी सर्दी नहीं होगी और न कभी न्यूमोनिया होगा.

शिशु को सोने से पहले उसके नाक, कान और माथे पर तुलसी का रस लगाने से सर्दी नहीं होगी. आप तुलसी के रस की एक बूंद शहद के साथ मिलाकर उसे चटा भी सकती हैं.

यह भी पढ़ें: बच्चों को बचपन से ही सिखाएं ये 15+ हार्ट हेल्दी हैबिट्स (15+ heart-healthy habits every parent should teach their kids)

सुबह नवजात शिशु को शहद चटाएं, इससे भी उस पर सर्दी का आक्रमण नहीं होगा,

शिशु को स्नान कराने से पहले हाथों में शहद लगाकर उस पर नींबू का रस निचोड़कर उसकी छाती पर मलें.

नवजात शिशु के झूले के पास या उसके सोने के स्थान के आसपास कपड़े की एक पोटली में प्याज़ को कुचलकर बांधकर रख दें. हवा में प्याज़ की गंध मिल जाने से सर्दी का प्रभाव नहीं होगा.

  • कभी-कभी गुनगुने पानी में नीम की पत्तियां उबालकर नवजात शिशु को उससे स्पंज करें.
  • सर्दी के प्रभाव से नवजात शिशुओं को बचाए रखने के लिए आप उन्हें ख़ूब हंसाएं या फिर वे रोते हैं, तो कुछ पल उन्हें चुप न कराएं. सर्दी से बचाव करने का यह कुदरती प्राणायाम है. यदि बच्चा दिनभर चुप रहता है, तो अवश्य ही उसे सर्दी लग जाएगी, चुप रहनेवाले शिशुओं में प्रतिरोधक शक्ति का अभाव होता है.

यह भी पढ़ें: इन फन एक्टिविटीज़ से कम करें बच्चों का स्क्रीन टाइम (Reduce Your Children Screen Time With These Fun Activities)

स्नान कब न करें?
बुखार, दस्त, हैजा आदि बीमारियों में शिशु को स्नान नहीं कराना चाहिए. अधिक सर्दी पड़ने पर, हिमपात होने पर, ज़ुकाम ज़्यादा तेज़ होने पर ज़िद करके शरीर के साथ ज़्यादती करके बीमार शिशु को या सर्दियों की खुली हवा में स्नान नहीं करना चाहिए.

- ऊषा गुप्ता

Photo Courtesy: Freepik

अभी सबस्क्राइब करें मेरी सहेली का एक साल का डिजिटल एडिशन सिर्फ़ ₹599 और पाएं ₹1000 का गिफ्ट वाउचर.

Share this article