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एब्यूसिव रिलेशनशिप में क्यों रहती हैं महिलाएं? (Why Women Stay In Abusive Relationship?)

सब ठीक हो जाने के इंतज़ार में कई महिलाएं चुपचाप सब कुछ सहते हुए एब्यूसिव रिलेशनशिप में रहती हैं… लेकिन कई बार उनकी इस चुप्पी का परिणाम इतना घातक होता है कि उसकी भरपाई मुश्किल हो जाती है… घर बचाने की कोशिश में कई बार उनका और बच्चों का भविष्य ख़राब हो जाता है… पेश है, भारत में एब्यूसिव रिलेशनशिप का दंश झेलती महिलाओं पर एक रिपोर्ट.

एब्यूसिव रिलेशनशिप के कारण

काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ. माधवी सेठ के अनुसार, एब्यूसिव रिलेशनशिप के कई कारण होते हैं. प्रताड़ित करनेवाले और प्रताड़ित होनेवाले दोनों का बचपन कैसे बीता है, इसका भी उनके व्यवहार पर असर पड़ता है. डॉ. माधवी सेठ के अनुसार एब्यूसिव रिलेशनशिप के ये कारण होते हैं-

  • जो महिलाएं बचपन में अपनी मां को पिता से पिटते या गाली सुनते देखती हैं, तो उन्हें लगता है कि ऐसा होना सामान्य बात है. ऐसे में जब वो इसकी शिकार होती हैं, तो उन्हें इसमें कुछ ग़लत नहीं लगता और वो चुपचाप सब कुछ सहती जाती हैं. उन्हें ये समझ ही नहीं आता कि वो एब्यूसिव रिलेशनशिप में हैं.
  • इसी तरह जो लड़के बचपन में अपने पिता को अपनी मां को पीटते देखते हैं, वो महिलाओं की इज़्ज़त नहीं करते. उन्हें लगता है कि पत्नी को पीटना उनका अधिकार है.
  • कई घरों में आज भी पति के पैर दबाना, सास के पैर दबाना औरत का धर्म माना जाता है. इसी तरह पत्नी या बहू को मारना-पीटना भी अधिकार समझा जाता है.
  • महिलाएं अपने पति में अपने पिता की छवि तलाशती हैं. ऐसे में यदि किसी महिला का पिता उसकी मां को पीटता या गाली देता था, तो उसे भी पति के हाथों पिटना सामान्य-सी बात लगती है.
  • पुरुष भी पत्नी में अपनी मां की छवि तलाशते हैं, इसलिए उन्हें भी अपनी मां जैसी महिला ही पसंद आती है और वे अपनी पत्नी के साथ भी वैसा ही व्यवहार करते हैं, जैसा उनके पिता उनकी मां के साथ करते थे.
  • अधिकतर महिलाएं आर्थिक और भावनात्मक रूप से पुरुष से जुड़ी होती हैं, इसलिए वो पुरुष की हर ज़्यादती बर्दाश्त करती हैं.
  • कई महिलाएं पति की प्रताड़ना इसलिए बर्दाश्त करती हैं, ताकि रिश्ता टूटने से उनके बच्चों का भविष्य ख़राब न हो जाए. वो अपने कंफर्ट ज़ोन से बाहर निकलने से डरती हैं. वो ये मान लेती हैं कि उनका पति ऐसा ही है और अब उन्हें आगे की ज़िंदगी ऐसे ही बितानी है.
  • परिवार, रिश्तेदार और समाज का प्रेशर भी महिलाओं को एब्यूसिव रिलेशनशिप में रहने के लिए बाध्य करता है.
  • कई महिलाएं पति से ज़्यादा काबिल होते हुए, उनसे ज़्यादा कमाते हुए भी एब्यूसिव रिलेशन में रहती हैं. उन्हें लगता है कि उनके थोड़ा-सा सहन करने से यदि घर ठीक से चल रहा है तो कोई बात नहीं. पति सबके सामने उन्हें थप्पड़ भी मार देता है, तो भी वो कुछ नहीं कर पातीं.
  • कई महिलाएं यहां तक कहती हैं कि पति उन्हें मारता है तो क्या हुआ, उन्हें प्यार भी तो करता है. उन्हें लगता है कि पति यदि उन्हें प्यार करता है, तो उसे पत्नी को पीटने का भी अधिकार है.
ख़तरनाक होता है मेंटल एब्यूस

फिज़िकल एब्यूस की तरह कई महिलाएं मेंटल एब्यूस की शिकार भी होती हैं. मेंटल एब्यूस पढ़े-लिखे और पॉलिश्ड लोगों में ज़्यादा पाया जाता है और मेंटल एब्यूस के केसेस ज़्यादा ख़तरनाक होते हैं, क्योंकि यहां पर प्रताड़ना के कोई निशान नज़र नहीं आते, लेकिन चोट बहुत ज़्यादा पहुंचती है.

  • यदि किसी पुरुष की पत्नी उससे ज़्यादा क़ाबिल है, तो वो मेंटल एब्यूस का सहारा लेता है. वो सबके सामने पत्नी को ज़लील करके या उसका मज़ाक उड़ाकर उसका कॉन्फिडेंस कम कर देता है. किसी क़ाबिल महिला के लिए ये घोषित कर देना कि वो क़ाबिल नहीं है, उस महिला के सेल्फ कॉन्फिडेंस और सेल्फ रिस्पेक्ट के लिए बहुत घातक होता है.
  • पत्नी कहीं पति से आगे न निकल जाए, इसके लिए कई पुरुष अपनी पत्नी को काम करने से रोकते हैं. अपने बचाव में वो पत्नी को ये दलील देते हैं कि हमारे घर में महिलाएं काम नहीं करतीं या तुम्हें काम करने की क्या ज़रूरत है.
  • पति के अचीवमेंट के बारे में महिलाएं तो बढ़-चढ़कर बताती हैं, लेकिन कई पुरुष ऐसा नहीं करते. पत्नी की कामयाबी से उन्हें ईर्ष्या होने लगती है और वो पत्नी को बात-बात में नीचा दिखाने लगते हैं.

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एब्यूसिव रिलेशनशिप के परिणाम
  • पति जब पत्नी को सबके सामने पीटता है, तो इससे उस महिला का कॉन्फिडेंस कम होता है और दूसरों के सामने वो दया का पात्र बन जाती है.
  • आज की पढ़ी-लिखी लड़कियां अब एब्यूसिव रिलेशन बर्दाश्त नहीं करतीं, जिससे उनके रिश्ते लंबे समय तक नहीं टिक पाते. तलाक़ के मामले बढ़ने का एक कारण घरेलू हिंसा भी है.
  • पति से प्रताड़ित महिला यदि इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाती है, तो घर की अन्य महिलाएं उसका साथ देने की बजाय उसे ही दोषी ठहराती हैं. ऐसे में कई महिलाएं चाहकर भी कुछ नहीं कर पातीं.
पति द्वारा प्रताड़ित महिलाओं का सच

भारत में पति से प्रताड़ित होनेवाली महिलाओं की संख्या बहुत है और हैरत की बात ये है कि अधिकतर महिलाओं को इससे कोई आपत्ति भी नहीं हैं. ऐसी महिलाओं को लगता है कि पति से पिटना उनकी नियति है और उन्हें ऐसे ही जीना है.

  • वडोदरा के एक ग़ैर सरकारी संगठन ‘सहज’ के अध्ययन के अनुसार, भारत में क़रीब एक तिहाई शादीशुदा महिलाएं पतियों के हाथों हिंसा की शिकार होती हैं और हैरत की बात ये है कि कई महिलाओं को पति के हाथों पिटाई से कोई गुरेज भी नहीं है.
  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएचएफएस) 4 के आंकड़ों के अनुसार, 15 से 49 साल के आयु वर्ग की महिलाओं में से लगभग 27 प्रतिशत ने 15 साल की उम्र से ही हिंसा बर्दाश्त
    की है.
  • इंडियन जर्नल ऑफ कम्यूनिटी मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की राजधानी दिल्ली में हर तीसरी महिला घरेलू हिंसा की शिकार है.
  • नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे के अनुसार, भारत में 37 फ़ीसदी महिलाएं अपनी शादीशुदा ज़िंदगी में सेक्सुअल, शारीरिक और मानसिक हिंसा सहती हैं. सर्वे से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि जो महिलाएं अपने पतियों पर निर्भर हैं, उन्हें दूसरी महिलाओं की अपेक्षा ज़्यादा यातनाएं झेलनी पड़ती हैं.
एब्यूसिव रिलेशनशिप से कैसे उबरें?
  • एब्यूसिव रिलेशनशिप से उबरने के लिए सबसे पहले महिला को इसकी जानकारी होनी चाहिए कि वो जो सहन कर रही है, वो एब्यूसिव व्यवहार है.
  • यदि आपका पति आपको प्रताड़ित करता है, तो पति से इस बारे में शांति से बात करें. उन्हें प्यार से समझाएं कि उनके ऐसे व्यवहार से आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस कम होता है और आप दोनों के रिश्ते में तनाव भी बढ़ता है.
  • पैरेंट्स को ये बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि उनका व्यवहार उनके बच्चों के लिए रोल मॉडल बने. पापा मार सकते हैं और मम्मी मार खा सकती है, यदि ये सब बच्चे अपने घर में देखते हैं, तो आगे चलकर वो भी ऐसा ही व्यवहार करते हैं. अत: बच्चों के सामने कभी भी झगड़ा न करें. घर में सभी एक-दूसरे की रिस्पेक्ट करें, ताकि बच्चे भी आपसे यही सीखें.
  • अपने बेटे को महिलाओं की इज़्ज़त करना सिखाएं.
  • अपनी बेटी को मेंटली और फिज़िकली मज़बूत बनाएं. बेटी को सिखाएं कि चुपचाप मार खाना या प्रताड़ना सहना सही नहीं है.
  • अपने बच्चों को सिखाएं कि कोई भी किसी को शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं कर सकता, फिर चाहे वो पुरुष हो या महिला.
पुरुष भी होते हैं एब्यूस

ऐसा नहीं है कि स़िर्फ महिलाएं ही पति द्वारा प्रताड़ित होती हैं, पुरुष भी पत्नी द्वारा प्रताड़ित होते हैं. फ़र्क़ स़िर्फ इतना है कि महिलाएं पति को फिज़िकल एब्यूस नहीं करतीं, वो मेंटल एब्यूस करती हैं. जो पुरुष अपनी पत्नी से प्रताड़ित होते हैं, उनकी शिकायत होती है कि उनकी पत्नी उन पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें दोषी ठहराती हैं, बात-बात में आंसू बहाकर उनसे हर बात मनवा लेती है, उन्हें सेक्स से वंचित रखती है, व़क्त पर खाना नहीं देती, बच्चों को उनके ख़िलाफ़ भड़काती है आदि. कई महिलाएं इतनी मेन्यूपुलेटिव होती हैं कि पुरुष ये समझ ही नहीं पाता कि आख़िर उनकी पत्नी के मन में चल क्या रहा है. ऐसी महिलाएं इतने शातिर तरी़के से पुरुष को प्रताड़ित करती हैं कि लोगों को दोषी भी पुरुष ही लगता है. ऐसी महिलाएं आंसुओं का सहारा लेकर अपना बचाव करती हैं और पुरुष को दोषी ठहरा देती हैं.

- कमला बडोनी

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