आपके सफ़र का साथी ट्रैवल इंश्योरेंस (Why Travel Insurance Is Necessary For You?)
छुट्टियों में अक्सर लोग परिवार सहित घूमने के लिए देश-विदेश की यात्रा पर निकल जाते हैं. यात्रा पर निकलने की तैयारी भी महीनों पहले शुरू हो जाती है, लेकिन इस दौरान वे ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी (Travel Insurance Policy) लेना ज़रूरी नहीं समझते हैं. नतीजतन यात्रा में होनेवाली परेशानियां सफ़र का सारा मज़ा ख़राब कर देती हैं. अगर आप भी अन्य लोगों की तरह अपने सफ़र का मज़ा किरकिरा नहीं करना चाहते हैं, तो ऐसे उठाएं ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी का लाभ. क्यों कराएं ट्रैवल इंश्योरेंस?- विदेश यात्रा के दौरान मेडिकल ख़र्च आपकी जेब पर बहुत भारी पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में ट्रैवल इंश्योरेंस आपके लिए बहुत मददगार साबित होता है.
- अगर आप अपनी विदेश यात्रा के दौरान होनेवाली परेशानियों, जैसे- ट्रिप रद्द होना, सामान खोना, विमान का दुर्घटनाग्रस्त होना आदि से बचना चाहते हैं, तो ऐसे में ट्रैवल इंश्योरेंस बहुत फ़ायदेमंद साबित होता है.
- विदेश यात्रा के दौरान अगर आपका पासपोर्ट खो जाता है, तो इस स्थिति में ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी की सहायता से आप उस देश के दूतावास से डुप्लीकेट पासपोर्ट हासिल कर सकते हैं.
- ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी कई तरह की होती हैं, जैसे- सोलो ट्रिप, मल्टी ट्रिप, सालभर घूमने के लिए जाना आदि. यदि आप सोलो ट्रिप पर जा रहे हैं, तो ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि पॉलिसी लेने की अवधि यात्रा की अवधि से कम नहीं हो.
- पॉलिसी लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि यदि किसी कारण से यात्रा में देरी हो रही हो, तो तब तक ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी एक्सपायर न हो जाए.
- यात्रा पर निकलने से पहले यात्री यानी बीमाकर्ता इंश्योरेंस कंपनी से जांच-पड़ताल कर लें कि वे उस डेस्टिनेशन को कवर करते हैं या नहीं, जहां वे घूमने के लिए जा रहे हैं.
- ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी ख़रीदते समय अगर बीमाकर्ता या उनके पारिवारिक सदस्य को पहले से ही कोई बीमारी है, तो उसके बारे में बीमा कंपनी को अवगत कराए, क्योंकि ट्रैवल इंश्योरेंस कंपनियां पहले से होनेवाली बीमारियों को कवर नहीं करती हैं. ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी में केवल कुछ जानलेवा बीमारियों को ही कवर किया जाता है.
- बीमाकर्ता को चाहिए कि वह तय डेस्टिनेशन के अलावा उन सुविधाओं की भी एक लिस्ट बनाए, जिन पर वह एक तय राशि क्लेम कर सकता है.
- यदि यात्री किसी ऐसी जगह पर घूमने के लिए जा रहे हैं, जो शेंगेन अप्रूव्ड (Schengen Approved) है, तो यात्री को बीमा कंपनी से यह ज़रूर पूछना चाहिए कि ऐसे डेस्टिनेशन के लिए आपका ट्रैवल इंश्योरेंस वैध है या नहीं. शेंगेन अप्रूव्ड एरिया यानी कि यूरोपीय देशों द्वारा किया गया एक समझौता है, जो यात्रियों को उन देश की सीमाओं के पार बिना पासपोर्ट के कहीं भी घूमने की अनुमति नहीं देता है. इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यात्री वीएफएस वेबसाइट चेक कर सकते हैं.
- बहुत सारे यात्री ऐसे विशेष ट्रैवल इंश्योरेंस की मांग करते हैं, जो किसी विशेष क्षेत्र के लिए हो. इन विशेष ट्रैवल इंश्योरेंस योजनाओं की कीमत उस विशेष क्षेत्र के चिकित्सा उपचार की लागत को ध्यान में रखते हुए या फिर अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए तय की जाती है.
- बीमा पॉलिसी के दस्तावेज़ों पर एक कस्टमर केयर हेल्पलाइन नंबर दिया होता है. अगर यात्री को बीमा पॉलिसी संबंधी किसी तरह की पूछताछ करनी है, तो वह इस कस्टमर केयर पर फोन करके सारी जानकारी हासिल कर सकता है.
- यात्री को पॉलिसी क्लेम करने की समयसीमा का ध्यान रखना चाहिए. वह केवल तय या सीमित समयसीमा के भीतर ही क्लेम कर सकता है, पॉलिसी ख़त्म होने के बाद नहीं. यदि बीमा कंपनी किसी लोकल सर्विस प्रोवाइडर के साथ टाइ-अप करती है, तो उस स्थिति में यात्री पॉलिसी के कॉन्ट्रैक्ट में दिए गए निर्देेशों को ध्यान में रखें.
- ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले यात्री पॉलिसी के कॉन्ट्रैक्ट को अच्छी तरह से पढ़ लें कि उसमें क्या-क्या सुविधाएं शामिल की गई हैं. उदाहरण के लिए- बहुत-सी बीमा कंपनियां एडवेंचर स्पोर्ट्स और ऐसे खेलों को कवर नहीं करती हैं, जिनमें नेचुरल डेथ होने का संभावना होती है. इन सब नियम-निर्देशों जानने के बाद ही यात्री ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी लें.
- उड़ानों में देरी होना या उनके कैंसल होने पर यात्रा में देरी होती है. ऐसी स्थिति में ट्रैवल इंश्योरेंस बहुत मददगार साबित होता है.
- यात्रा में देरी होने के अलावा उस दौरान खाने-पीने में होनेवाले ख़र्च और होटल में रुकने का ख़र्च भी ट्रैवल इंश्योरेंस में कवर होता है.
- सफ़र में अगर किसी यात्री का सामान खो जाता है या चोरी हो जाता है, तो इसे भी ट्रैवल इंश्योरेंस में कवर किया जाता है.
- यात्रा के दौरान यदि परिवार का कोई सदस्य बीमार पड़ जाता है या किसी का एक्सीडेंट हो जाता है, तो अस्पताल का सारा ख़र्च, जैसे- अस्पताल का बिल, डॉक्टर की फीस, मेडिकल जांच (एक्स-रे आदि) के बिल भी ट्रैवल इंश्योरेंस में कवर होता है.
- यात्रा के दौरान यदि किसी यात्री की मृत्यु हो जाती है, तो इस स्थिति को भी ट्रैवल इंश्योरेंस में कवर किया जा सकता है. जिन परिस्थितियों में यात्री की मृत्यु होती है, उसी के अनुसार कवरेज मिलता है.
- देवांश शर्मा
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