बॉलीवुड इंडस्ट्री के किंग खान यानि शाहरुख खान (Shahrukh Khan) यूं हि किंग नहीं कहलाते हैं. वो गरीबी का स्वाद चखे हैं, मेहनत की भट्टी में तपे हैं और ज़िंदगी के हर जंग से लड़े हैं. तब जाकर सफलता की उड़ान उड़े हैं. आज वो जिस मुकाम पर हैं, उसे हासिल करने के सपने बड़े से बड़े देखते रह जाते हैं, लेकिन हर किसी के लिए इस तरह के मुकाम को हासिल करना आसान नहीं होता. आज हम आपको शाहरुख खान का एक पुराना वीडियो दिखाएंगे, जिसमें वो अपने पिता की मौत के बाद ज़िंदगी में आए खालीपन और गरीबी के बारे झकझोर देने वाली बातें बता रहे हैं.
बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान (Shahrukh Khan) का बचपन गरीबी में गुज़रा था. शाहरुख के पिता का नाम मीर ताज मोहम्मद था, जो कि एक फ्रीडम फाइटर थे. जब हिंदुस्तान और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो वो दिल्ली आ गए. दिल्ली में ही उन्होंने अपना एक रेस्ट्रॉन्ट शुरु किया. कहने को तो वो गरीब थे, लेकिन दिल उनका काफी अमीर था. अपने बच्चों यानि शाहरुख और उनकी बहनों को उन्होंने ज़िंदगी की काफी अच्छी सीख दी थी. उन्हें अच्छे संस्कार और अच्छी तालीम दी थी. उन्हीं के दिए सीख और संस्कार की बदोलत शाहरुख खान ने ज़िंदगी में इतना कुछ हासिल कर लिया, जिसके लोग सपने भी नहीं देख पाते.
शाहरुख खान (Shahrukh Khan) को अपने पिता पर काफी ज्यादा गर्व है. उनके द्वारा दिए सीख को अब तक शाहरुख खान भूले नहीं हैं. हालांकि शाहरुख खान अपने पिता की तरह मरना नहीं चाहते हैं. इस बात का जिक्र शाहरुख खान ने साल 2012 में दिए एक इंटरव्यू के दौरान किया था. उन्होंने अपने पिता को 'सबसे सफल फेल्यिर' बताया था.
उसी इंटरव्यू के दौरान शाहरुख खान (Shahrukh Khan) ने अपनी ज़िंदगी से जुड़े कई इमोशल किस्से कहे थे. उन्होंने कहा था कि किस तरह पिता की मौत ने उनकी ज़िंदगी में एक खालीपन लाने का काम किया था. जिंदगी में आए उसी खालीपन को भरने के लिए किंग खान ने एक्टिंग का सहारा लिया.
दरअसल शाहरुख खान (Shahrukh Khan) के पिताजी कैंसर से पीड़ित थे. जब शाहरुख सिर्फ 15 साल के थे, तभी पिता का देहांत हो गया. हालात ऐसे थे कि हॉस्पीटल से जब पिता का डेड बॉडी घर लाना था, तो उस वक्त कोई ड्राइवर उन्हें घर छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुआ था. उस वक्त शाहरुख काफी छोटे थे. उन्हें बिल्कुल भी गाड़ी चलाना नहीं आता था. लेकिन उस वक्त न जाने कैसे उन्होंने गाड़ी चलाई और पिता की बॉडी को घर लेकर आ गए. उस वक्त शाहरुख की मां उनके साथ थी. उन्होंने शाहरुख से पूछा कि, तुमने गाड़ी कब चलाना सीखा? मां का सवाल सुन शाहरुख भी हैरान हो गए और बोले - बस अभी.
शाहरुक खान (Shahrukh Khan) ने आगे बताया कि उस समय उन्हें खुद ये समझ नहीं आया था कि आखिर उन्होंने गाड़ी चला कैसे ली. उन्होंने बताया कि आखिर कोई उनके पिता की बॉडी को घर पहुंचाने के लिए राजी क्यों नहीं था. दरअसल हर किसी को यही लगता था कि वो उन्हें वो पैसे नहीं देंगे. पिता की मौत से एक रात पहले जब उनके पड़ोसी का ही एक ड्राइवर शाहरुख और उनकी मां को हॉस्पीटल ले कर जा रहा था तो वो बता रहा था कि जिनके लोग मर जाते हैं उनके घरवाले ठीक से पैसे भी नहीं देते. बस यही कहकर उन्हें अस्पताल में उतारकर वो ड्राइवर चला गया था.
पिता की मौत से बहन को लगा था सदमा
जब शाहरुख खान (Shahrukh Khan) और उनकी मां पिता की बॉडी को लेकर घर आए और अपनी बहन को इस बात की जानकारी दी तो वो खुद को संभाल ही नहीं पाई थीं और बेहोश हो गईं थीं. शाहरुख खान ने बताया कि लगातार 2 सालों तक उनकी बहन पिता के जाने से शॉक में रही थीं और डिप्रेशन में चली गई थीं. शाहरुख खान के इस वीडियो को notwhyral नाम के एक यूजर ने अपने इंस्टा अकाउंट पर पोस्ट किया है. आप भी देखें शाहरुख खान का वो वीडियो-
बहन की ऐसी हालत देख शाहरुख खान (Shahrukh Khan) को बहुत बुरा लग रहा था. वो नहीं चाहते थे कि उनकी हालत भी उनकी बहन की तरह हो जाए. उन्होंने खुद को बहुत हिम्मत देने की कोशिश की थी. उस मुश्किल दौर से लड़ने के लिए उन्होंने खुद को तैयार किया. खुद को डिप्रेशन में आने से बचाने के लिए उन्होंने एक्टिंग करने की शुरुआत की. शाहरुख खान ने बताया कि, जिस दिन उनके पिता ने उन्हें हमेशा के लिए छोड़ दिया और इस दुनिया को अलविदा कह गए उसी दिन उन्होंने ज़िंदगी को जीने का एक रूखा तरीका सीख लिया था.
इंटरव्यू के दौरान शाहरुख खान (Shahrukh Khan) ने कहा था कि वो अपने पिता की तरह अनजान बनकर इस दुनिया से नहीं जाना चाहते थे. उन्हें अपने पिता पर काफी गर्व था, लेकिन शाहरुख मानते हैं कि कहीं न कहीं उनके पिता के अंदर फेलियर को लेकर एक डर था. आज शाहरुख खान के अंदर उस तरह का कोई डर नहीं है.