मधुबाला फिल्म जगत बेहद खूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक हैं. मधुबाला की खूबसूरती का ज़िक्र आज भी होता है. ऊपरवाले ने मधुबाला को खूबसूरती और अदाकारी तो बहुत दी, लेकिन उनके हाथों की लकीरों में प्यार की रेखा बहुत छोटी कर दी. मधुबाला की निजी ज़िंदगी बहुत दर्दभरी रही. असल ज़िंदगी में मधुबाला खुशियों के लिए तरसती रह गई, वो जीना चाहती थी, लेकिन किस्मत ने उन्हें जी भरकर जीने भी नहीं दिया. दिलीप कुमार के साथ मधुबाला का नौ साल का मोहब्बत का रिश्ता आखिर क्यों टूटा? मधुबाला और दिलीप कुमार सगाई के बंधन में बंधने के बाद भी शादी के रिश्ते में क्यों नहीं बंध पाए? मधुबाला की छोटी बहन मधुर भूषण ने हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में मधुबाला और दिलीप कुमार के रिश्ते के बारे में बात की और उनका रिश्ता टूटने की वजह भी बताई.
कोर्ट केस के कारण आई मधुबाला और दिलीप कुमार के रिश्ते में दरार
यासेर खान ने ट्विटर हैंडल पर मधुबाला की बहन की बताई सारी बातें शेयर की हैं. मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने मधुबाला और दिलीप कुमार के रिश्ते के बारे में बताते हुए कहा कि मधुबाला और दिलीप कुमार एक दूसरे के लिए बने थे. उनके रिश्ते में दरार तब आई, जब 50 के दशक मे रिलीज हुई फिल्म नया दौर के दौरान एक कोर्ट केस हो गया. उस कोर्ट केस के कारण मधुबाला और दिलीप कुमार के रिश्ते में दूरियां आ गईं. दरअसल हुआ यूं की इस फिल्म की यूनिट को ग्वालियर में कहीं शूट करना था. इस जगह पर एक और फिल्म 'जबीन जलील' की शूटिंग के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई और भीड़ ने महिलाओं पर हमला कर दिया, उन्होंने महिलाओं के कपड़े भी फाड़ दिए थे. इस बात से मधुबाला के पिता परेशान हो गए और उन्होंने शूटिंग की लोकेशन बदलने की मांग की. फिर ये केस अदालत में पहुंचा और दिलीप कुमार ने मधुबाला के पिता को तानाशाह कहा. इतना ही नहीं, उन्होंने फिल्म के निर्देशक बी.आर. चोपड़ा का सपोर्ट किया. फिर इस केस के कारण मधुबाला और दिलीप कुमार के रिश्ते में दरार पड़ गई. मधुबाला ने बात को सुलझाने की कोशिश भी की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने अपने इंटरव्यू में कहा कि आपा उन दिनों बहुत रोती थी. दोनों की अपनी शर्तें थीं. दिलीप कुमार कहते, 'तुम अपने पिता को छोड़ दो, मैं तुमसे शादी कर लूंगा.' वहीँ मधुबाला कहती, 'मैं तुमसे शादी कर लूंगी, लेकिन घर आकर सॉरी कह दो और उन्हें गले लगा लो.' दोनों में से कोई झुकने को तैयार नहीं था और दोनों के ईगो ने उनके रिश्ते को बर्बाद कर दिया. मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने अपने इंटरव्यू में बताया कि उनके पिता ने मधुबाला से सगाई तोड़ने के लिए कभी नहीं कहा और न ही उन्होंने दिलीप कुमार को माफी मांगने के लिए कहा, फिर भी ये रिश्ता टूट ही गया. मधुर भूषण ने ये भी बताया कि मधुबाला ने बीमारी की स्थिति में ही फिल्म मुग़ल-ए-आज़म की शूटिंग की थी.
मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने बताया कि मधुबाला को पहला प्यार दिलीप कुमार से नहीं हुआ था. ये बात यासेर खान ने ट्विटर हैंडल पर शेयर की है-
मधुबाला के पहले प्यार नहीं थे दिलीप कुमार
यासेर खान ने ट्विटर हैंडल पर वो सारी बातें शेयर की हैं, जो मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने बताईं. मधुर भूषण ने बताया कि मधुबाला को पहला प्यार दिलीप कुमार से नहीं हुआ था, मधुबाला को सबसे पहले प्रेमनाथ से प्यार हुआ था, लेकिन इन दोनों का रिश्ता छह महीने में ही टूट गया. इसकी वजह ये थी कि प्रेमनाथ ने मधुबाला को अपना मज़हब छोड़ने के लिए कहा. मधुबाला इसके लिए राज़ी नहीं थीं, इसलिए दोनों अलग हो गए. इसके बाद मधुबाला की ज़िंदगी में दिलीप कुमार आए, लेकिन इन दोनों नौ साल का रिश्ता भी शादी के बंधन में नहीं बंध सका.
...और फिर मधुबाला को किशोर कुमार से हुआ प्यार
मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने अपने इंटरव्यू में बताया कि दिलीप कुमार से रिश्ता टूटने के बाद मधुबाला को किशोर कुमार से प्यार हुआ. उस वक़्त उनका और उनकी पत्नी का तलाक हो रहा था. मधुबाला और किशोर कुमार की प्रेम कहानी 'चलती का नाम गाड़ी' और 'हाफ टिकट' फिल्म के दौरान शुरू हुई. 1960 में जब मधुबाला और किशोर कुमार ने शादी की, तब मधुबाला 27 साल की थीं.
मधुबाला कहती रह गईं, “मुझे ज़िंदा रहना है, मुझे मरना नहीं है"
मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने अपने इंटरव्यू में मधुबाला की ज़िंदगी के आख़िरी दिनों का दर्द भी बताया. मधुर भूषण ने बताया कि शादी के बाद मधुबाला और किशोर कुमार लंदन गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें बताया कि मधुबाला अब सिर्फ दो साल तक ज़िंदा रह सकती हैं. उसके बाद किशोर ने मधुबाला को उसके मायके लाकर छोड़ दिया और कहा कि वो अब मधुबाला की देखभाल नहीं कर सकते. किशोर कुमार अक्सर बाहर रहते थे इसलिए वो मधुबाला की देखभाल नहीं कर पा रहे थे, लेकिन मधुबाला अब भी किशोर कुमार के साथ रहना चाहती थीं. किशोर उनसे मिलने दो महीने में एक बार आते थे. शायद वो मधुबाला से अलग होना चाहते थे. मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने बताया कि अपनी ज़िंदगी के आखिरी दिनों में भी मधुबाला अक्सर रोती रहती थीं. वो अक्सर यही कहती थीं, “मुझे ज़िंदा रहना है, मुझे मरना नहीं है, डॉक्टर कब इलाज निकालेंगे?" मधुबाला की इस दर्दभरी पुकार पर ज़िंदगी को बिल्कुल भी रहम नहीं आई और आखिरकार 23 फरवरी 1969 को मधुबाला ने ज़िंदगी नाता तोड़ इस दुनिया को अलविदा कह दिया.