हिंदी फिल्म जगत के दिग्गज अभिनेता संजय मिश्रा (Sanjay Mishra) के एक्टिंग हुनर को कौन नहीं जानता है. अपने दमदार अभिनय की बदोलत वो किरदार में जान डाल दिया करते हैं. वैसे तो उन्होंने हर तरह के किरदार को निभा कर लोगों को अपना कायल बना लिया, लेकिन खासकर कॉमेडी फिल्मों में उन्हें और भी ज्यादा पसंद किया गया. इंडस्ट्री में देखा जाए तो उनके पास कभी भी काम की कोई कमी नहीं रही, लेकिन बावजूद इसके आखिर उनकी लाइफ में ऐसा क्या हो गया था कि उन्होंने अच्छे खासे एक्टिंग करियर को छोड़कर ढाबे पर जूठे कप धोने जैसे काम को करना सही समझा.
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संजय मिश्रा (Sanjay Mishra) ने एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया. जिनमें 'वेलकम', 'गोलमाल', 'धमाल', 'फंस गए रे ओबामा' और 'ऑल द बेस्ट' जैसी शानदार फिल्में शामिल हैं. आज भले ही वो इंडस्ट्री के मशहूर एक्टरों की लिस्ट में शुमार हैं, लेकिन उनकी लाइफ में एक वक्त ऐसा भी आया था, जब उन्होंने इंडस्ट्री को छोड़ देने का मन बना लिया और छोड़ भी दिया था. एक इंटरव्यू के दौरान संय मिश्रा (Sanjay Mishra) ने बताया था कि एक समय में वो अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर काफी ज्यादा परेशान थे, जिसकी वजह से वो अपने प्रोफेशन को ही बदल देना चाहते थे.
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इंटरव्यू के दौरान संजय मिश्रा (Sanjay Mishra) ने बताया था कि, उन दिनों वो काफी ज्यादा बीमार रहते थे और उसी दौरान उनके पिता का निधन भी हो गया. पिता के निधन ने उन्हें पूरी तरह से तोड़ कर रख दिया. वो बहुत ज्यादा मायूस हो गए थे. दरअसल वो अपने पिता के काफी करीब थे. ऐसे में जब सर से पिता का साया उठा तो उन्हें काफी गहरा मानसिक आधात लगा था. वो इस तकलीफ को सहन नहीं कर पा रहे थे. हालात ऐसे हो गए थे कि उन्होंने एक्टिंग को छोड़ कर मुंबई से दूर चले जाने का मन बना लिया.
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संजय मिश्रा (Sanjay Mishra) ने एक्टिंग की दुनिया को अलविदा कह दिया और चले गए उत्तराखंड. वहां ऋषिकेश में उन्होंने एक ढाबे पर काम करने की शुरुआत कर दी. वहां वो ऑमलेट बनाया करते थे और जूठे कप भी धोया करते थे. इसके बदले उन्हें रोज के सिर्फ 150 रुपए मिलते थे. ढाबे के मालिक ने तो उन्हें नहीं पहचाना था, लेकिन वहां आनेवाले कई ग्राहक उन्हें पहचान जाया करते थे और उनके साथ फोटो भी खिचवाया करते थे.
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दरअसल संजय मिश्रा (Sanjay Mishra) अपने पिता के देहांत के बाद अकेले ही रहना चाहते थे, जिसकी वजह से वो मुंबई न जाकर ऋषिकेश चले गए. हालांकि उन्होंने कुछ ही समय तक ढाबे में काम किया था, क्योंकि इंडस्ट्री को अपने उस शानदार एक्टर की याद आने लगी थी. उन्हीं दिनों की बात थी, जब रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) फिल्म 'ऑल द बेस्ट' बना रहे थे. रोहित शेट्टी ने पहले भी फिल्म 'गोलमाल' में संजय मिश्रा के साथ काम किया था, इसलिए उन्हें अपनी इस फिल्म में भी वो चाहिए थे. ऐसे में रोहित शेट्टी संजय मिश्रा को ऋषिकेश से वापस मुंबई ले आए.
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संजय मिश्रा (Sanjay Mishra) ने बताया था कि फिल्म की शूटिंग के दौरान वो अपने पिता की याद में वैन में बैठकर काफी रोया करते थे. हालांकि बदलते वक्त के साथ सब अच्छा होता चला गया और वो भी अपने काम में व्यस्त होते चले गए. पिता की याद तो दिल में हमेशा है और उन्हीं की दुआ की वजह से आज संजय मिश्रा इस मुकाम पर हैं.