किन मामलों में कर सकते हैं शिकायत?
- अगर आपके बैंक अकाउंट से अनाधिकृत रूप से इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर हो जाए. - अगर सर्विस प्रोवाइडर आपके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर न करे. - अगर आप ऑनलाइन पेमेंट या ट्रांज़ैक्शन नहीं कर पा रहे हों. - अगर ट्रांज़ैक्शन के बाद निश्चित समयावधि के भीतर वॉलेट में पैसे जमा न हों. - ऑनलाइन पेमेंट या फंड ट्रांसफर का ट्रांज़ैक्शन ऑनलाइन न दिखे. - ट्रांज़ैक्शन फेल होने पर रक़म अकाउंट में रिफंड न हो. - स्टॉप पेमेंट रिक्वेस्ट को समय पर स्टॉप न करें. - इसके अलावा यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई), भारत बिल पेमेंट सिस्टम, भारत क्यूआर कोड, यूपीआई क्यूआर कोड से जुड़े मामलों को भी आप डिजिटल ओम्बड्समैन के पास ले जा सकते हैं.कहां करें शिकायत?
कस्टमर केयर - किसी भी तरह की शिकायत करने के लिए सबसे पहले अपने पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर के कस्टमर केयर से संपर्क करें. - उन्हें ऑनलाइन ईमेल करें और साथ में सभी ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स भी अटैच करें. - कंप्लेन नंबर और अपने कंप्लेन की कॉपी संभालकर रखें. - उनके सोशल मीडिया हैंडल, जैसे- ट्विटर आदि के ज़रिए उन्हें शिकायत करें. अपनी इमेज के लिए वो जल्द से जल्द मामले को सुलझाने की कोशिश करते हैं. - आपको अपने बैंक में जाकर एक फॉर्म भरना होगा, जिसके बाद वो ज़रूरी एक्शन लेंगे. - आजकल ज़्यादातर वॉलेट्स अपने ऐप में ही ‘हेल्प’ सेगमेंट देते हैं, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर कस्टमर शिकायत कर सके. - अगर ऐप की तरफ़ से कोई समस्या नहीं होगी, तो वो आपको अपने बैंक से संपर्क करने के लिए कहेंगे. उसके बाद आपको अपने बैंक से फॉलोअप करना होगा. - शिकायत करने के बाद आपको 30 दिनों तक इंतज़ार करना होगा. - अगर 30 दिनों के भीतर उनकी तरफ़ से कोई जवाब न आए या फिर आपको संतोषजनक जवाब न मिले या फिर आपकी शिकायत अस्वीकृत हो जाए, तो एक साल के भीतर आप ओम्बड्समैन से शिकायत कर सकते हैं.यह भी पढ़ें: जानें डिजिटल पेमेंट्स की एबीसी (Different Methods And Benefits Of Digital Payments In India)
ओम्बड्समैन फॉर डिजिटल ट्रांज़ैक्शन्स देश के 19 शहरों में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच में ओम्बड्समैन नियुक्त किए गए हैं. स़िर्फ मुंबई और दिल्ली में दो-दो ओम्बड्समैन अपॉइन्ट किए गए हैं. - अपने शहर के ओम्बड्समैन के बारे में जानने के लिए आरबीआई की वेबसाइट पर जाएं. वहां आपको नाम, पता, ईमेल आईडी, टेलीफोन नंबर आदि की पूरी जानकारी मिल जाएगी. - कई ओम्बड्समैन को राज्यों के अलावा यूनियन टेरीटरीज़ और कुछ दूसरे राज्यों के शहर भी दिए गए हैं, इसलिए पहले लिस्ट में अपने शहर के ओम्बड्समैन को कंफर्म कर लें, तभी शिकायत करें. - आपको सर्विस प्रोवाइडर की तरफ़ से शिकायत अस्वीकृत हो जाने या कोई जवाब न आने की स्थिति में एक साल के भीतर ओम्बड्समैन को शिकायत करनी होगी, वरना आपकी शिकायत पर सुनवाई नहीं होगी. - आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि अगर आपका मामला पहले से किसी कोर्ट-कचहरी या आर्बिट्रेटर (मध्यस्थ) के पास है, तो ओम्बड्समैन आपकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं करेंगे. - अगर आप ख़ुद शिकायत नहीं कर सकते, तो किसी सहयोगी की मदद ले सकते हैं, पर वो वकील नहीं होना चाहिए. - ओम्बड्समैन पहले सेटलमेंट की कोशिश करते हैं, लेकिन अगर किसी तरह बात न बने, तो वो अपना फैसला देंगे. - ओम्बड्समैन कस्टमर को एक लाख से लेकर 20 लाख तक का मुआवज़ा दिला सकते हैं. - अगर आप ओम्बड्समैन के फैसले से ख़ुश नहीं हैं, तो 30 दिनों के भीतर आरबीआई के डेप्यूटी गर्वनर के सामने अपना मामला रख सकते हैं.जब हो नेट बैंकिंग ट्रांसफर में गड़बड़ी
जब भी हम नेट बैंकिंग के ज़रिए किसी वॉलेट में पैसे जमा करते हैं, तो हमारे बैंक और उस वॉलेट के बीच एक पेमेंट गेटवे होता है, जो पैसे ट्रांसफर करता है. कभी-कभी सर्वर या नेटवर्क के प्रॉब्लम की वजह से भी पैसे अकाउंट से कट जाते हैं, पर वॉलेट में नहीं पहुंचते, ऐसे में आपको दो दिनों तक इंतज़ार करना चाहिए. आमतौर पर दो दिनों के भीतर बैंक में पैसे वापस आ जाते हैं, लेकिन अगर नहीं आते, तो आपको तुरंत वॉलेट के कस्टमर केयर में संपर्क करना चाहिए.जब हो कार्ड के ज़रिए पेमेंट में गड़बड़ी
अगर आप डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके पेमेंट कर रहे हैं और वहां पैसे अटक जाते हैं, तो आपको सात दिनों का इंतज़ार करना होगा. शिकायत की प्रक्रिया वही है, जो नेट बैंकिंग की है. सतर्क रहें व स्मार्ट बनें - किसी भी तरह का ट्रांज़ैक्शन करते व़क्त सतर्क रहें, अगर कहीं कोई गड़बड़ी हो, तो तुरंत एक्शन लें. - अपने कार्ड और नेट बैंकिंग पासवर्ड व डिटेल्स संभालकर रखें. - अपने बैंक अकाउंट को वॉलेट से लिंक करने की बजाय हमेशा वॉलेट में ही कुछ पैसे जमा रखें, ताकि वॉलेट से ही आसानी से पेमेंट हो जाए और हर बार बैंक अकाउंट तक न जाना पड़े. - वॉलेट में पैसे रखने से आपका काम सुविधाजनक तरी़के से हो जाता है और हैकर्स को आपके अकाउंट के डीटेल्स भी नहीं मिलते. - नेट बैंकिंग व डेबिट कार्ड के पासवर्ड अलग-अलग रखें और समय-समय पर बदलते भी रहें. - अपने मोबाइल पर कोई भी ऐप डाउनलोड करते समय ध्यान रखें कि उसके साथ कोई मालवेयर न आ जाए, वरना वो आपके मोबाइल की सारी ज़रूरी जानकारी चुरा सकता है. - अगर मुमकिन हो, तो अलग-अलग वॉलेट्स के लिए अलग-अलग ईमेल आईडी का इस्तेमाल करें. - इस्तेमाल करने के बाद ई-वॉलेट से लॉगआउट करें, वरना मोबाइल खोने या चोरी होने पर धोखाधड़ी का डर रहता है.- सुनीता सिंह
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