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सोने की पोजीशन से जुड़ी अन्य धार्मिक मान्यताएं: 1) शास्त्रों के अनुसार, सोने से पहले चित्त शांत रखना चाहिए. 2) सोने से पहले ईश्वर का ध्यान करना चाहिए और इस अनमोल जीवन के लिए आभार प्रकट करना चाहिए. 3) शास्त्रों के अनुसार, शाम के समय ख़ासकर गोधूलि बेला में कभी नहीं सोना चाहिए. 4) भोजन करते ही सो नहीं जाना चाहिए. सोने से दो घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए. 5) रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने की आदत डालनी चाहिए, इससे तन और मन दोनों स्वस्थ और निरोगी रहते हैं.यह भी पढ़ें: चरणामृत और पंचामृत में क्या अंतर है? (What Is The Difference Between Charanamrit And Panchamrit)
दक्षिण की तरफ पैर करके न सोने के पीछे ये वैज्ञानिक महत्व है जब हम उत्तर की तरफ़ सिर करके सोते हैं, तब हमारा शरीर पृथ्वी की चुंबकीय तरंगों की सीध में आ जाता है. शरीर में मौजूद आयरन दिमाग़ की ओर संचारित होने लगता है. इससे अल्ज़ाइमर व दिमाग़ संबंधी बीमारियां व ब्लडप्रेशर होने की संभावना बढ़ जाती है. इसका एक महत्वपूर्ण आधार यह भी है कि आप अपने पूर्वजों, पितरों व बड़ों को मान-सम्मान दें.
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