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कैंसिल चेक क्या होता है? कब और कहां पड़ती है इसकी ज़रूरत? (What Is A Canceled Cheque? When And Where It Is Required?)

कई बार बैंक या इंश्योरेंस कंपनियां अपने कस्टमर्स से कैंसिल चेक मांगती हैं. लेकिन हममें से आज भी बहुत-से लोग ऐसे हैं, जिन्हें ये पता नहीं है कि कैंसिल चेक क्यों मांगा जाता है और इसकी ज़रूरत क्यों पड़ती है.

समय के साथ टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रसार ने बैकिंग के क्षेत्र में अपने क़दम जमा लिए हैं. ई-बैंकिंग/डिजिटल बैंकिंग के दौर में चेक आज भी बहुत महत्वपूर्ण हैं. लेन-देन करने के लिए आज भी कैंसिल चेक का इस्तेमाल किया जाता है. तो चलिए जानते हैं कैंसिल चेक से जुडी कुछ ज़रूरी बातें.

क्या होता है कैंसिल चेक?

कैंसिल चेक आम चेक की तरह ही होता है. यदि आप अपने चेक के ऊपर दो तिरछी लाइन खींचकर बड़े-बड़े अक्षरों में कैंसिल लिख देते हैं, तो उसे कैंसिल चेक कहते हैं. चेक के ऊपर कैंसिल इसलिए लिखा जाता है ताकि कोई दूसरा व्यक्ति इस चेक का ग़लत उपयोग नहीं कर पाए.

कैंसिल चेक पर होती हैं ये महत्वपूर्ण जानकारियां

लेनदेन करते समय कैंसिल चेक को बहुत ही महत्वपूर्ण वेरिफाइड डॉक्यूमेंट के तौर देखा जाता है. कैंसिल चेक से कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया सकता. इसका उद्देश्य

केवल चेक देनेवाले व्यक्ति के अकाउंट को वेरिफाई करना होता है. दूसरे शब्दों में कहें तो अगर आप किसी को कैंसिल चेक दे रहे हैं, तो उस चेक के ज़रिए निम्न वेरिफिकेशन किया जाता है-

1. आपका नाम

2. आपके बैंक का नाम- जिसमें आपका अकाउंट है

3. आपका बैंक अकाउंट नंबर

4. बैंक का आईएफएससी कोड

5. आपके हस्ताक्षर

कैंसिल चेक पर आपके अकाउंट की पुख्ता जानकारी लिखी हुई होती है, इसलिए इसे हर किसी को नहीं देना चाहिए. कैंसिल चेक देते समय सावधानी बरतनी बेहद ज़रूरी है-

  • कैंसिल चेक में व्यक्ति के अकाउंट से जुडी अहम जानकारी, जैसे- व्यक्ति का नाम, अकाउंट नंबर, बैंक का नाम और आईएफएससी कोड होता है, इसलिए लेनदेन करते समय सोच-समझकर कैंसिल चेक दें. यूं ही बेकार समझकर किसी भी अनजान व्यक्ति को कैंसिल चेक न दें, वह इसका ग़लत इस्तेमाल कर सकता है.
  • यहां पर एक और महत्वपूर्ण बात बता दें कि लेनदेन के दौरान जहां तक संभव हो, बिना साइन किया कैंसिल चेक ही दें. यदि देना बहुत ज़रूरी है, तो साइन किया हुआ कैंसिल चेक केवल उन लोगों, संस्थानों और कंपनियों को दें, जिन पर आपको पूरा विश्‍वास हो, जो आपके चेक का ग़लत उपयोग नहीं करेंगे.
  • कैंसिल चेक को भरते समय ब्लैक या ब्लू इंक वाले पेन का इस्तेमाल करें. किसी अन्य कलर की इंक का यूज़ कैंसिल चेक को लिखने के लिए नहीं करना चाहिए.

किन जगहों पर पड़ती है कैंसिल चेक की ज़रूरत?

  • कोई भी वित्तीय लेनदेन करते समय कैंसिल चेक की आवश्यकता पड़ती है.
  •  यदि आप किसी बैंक में नया अकाउंट खोलना चाहते हैं, तो केवाईसी के लिए

बैंक आपसे कैंसिल चेक की मांग करते हैं.

  •  किसी भी तरह की बीमा पॉलिसी लेने के लिए कैंसिल चेक की ज़रूरत पड़ती है.
  •  जब आप बैंक से कार लोन, होम लोन या पर्सनल लोन लेते हैं तो बैंक कैंसिल चेक की मांग करते हैं.
  •  लोन की ईएमआई भरने के लिए कैंसिल चेक बैंक को देना होता है.
  •  नौकरी के लिए किसी नई कंपनी को जॉइन करते वक्त समय भी कैंसिल

चेक की ज़रूरत पड़ती है.

  • डीमैट खाता खुलवाने के लिए कैंसिल चेक की ज़रूरत होती है.
  • ईपीएफ (एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड) से ऑनलाइन पैसा निकालना है, तो कैंसिल चेक की आवश्यकता पड़ती है.
  • म्यूचुअल फंड और स्टॉक मार्केट में निवेश करते वक़्त केवाईसी करवाना होता है, ऐसे समय में कंपनियां कैंसिल चेक की मांग करती हैं.

क्या कैंसिल चेक से अनजान व्यक्ति निकाल सकता है रुपये?

यदि किसी का कैंसिल चेक ग़लती से खो या गुम जाता है, तो परेशान होने की ज़रूरत नहीं है. कैंसिल चेक से कोई भी अनजान व्यक्ति आपके अकाउंट से रुपये नहीं निकाल सकता. क्योंकि कैंसिल चेक का उपयोग सिर्फ़ अकाउंट को वेरिफाई करने के लिए किया जाता है और जब किसी को कैंसिल चेक दिया जाता है, तो चेक के बीचोंबीच में मोटे-मोटे अक्षरों में कैंसिल लिख दिया जाता है, ताकि कोई भी व्यक्ति चेक का ग़लत इस्तेमाल न कर सके.

क्यों पड़ती है कैंसिल चेक की ज़रूरत?

सामान्यतया जब भी आप किसी को चेक देते हैं, तो उस पर आपका साइन होता है, लेकिन जब आप किसी को कैंसिल चेक देते हैं, तो उस पर साइन करने की ज़रूरत नहीं होती है. सिर्फ चेक के बीच में कैंसिल लिखना होता. कैंसिल लिखने से ही काम चल जाता है. इसके अलावा एक और तरीक़ा है बैंक को कैंसिल चेक देने का. चेक पर क्रॉस का साइन भी बना सकते हैं, क्योंकि बैंक या कंपनियां कस्टमर के बैंक अकाउंट को वेरिफाई करने के लिए कैंसिल चेक की मांग करती हैं.

- पूनम नागेंद्र शर्मा

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