वास्तु के कुछ नियमों का पालन करेंगे, तो घर में नकारात्मक ऊर्जाओं से जो असंतुलन होता है, उसके प्रभाव को कम कर सकते हैं.
कैसा हो लिविंग रूम?
यह ऐसा कमरा है, जहां लोग सबसे पहले प्रवेश करते हैं और यहां कदम रखते ही यह ज़रूरी है कि हर किसी को पॉज़िटिविटी का एहसास हो.
- पॉज़िटिव फीलिंग के लिए ज़रूरी है दीवारों का सही कलर सिलेक्शन.
- यहां आप व्हाइट, लाइट ब्लू, क्रीम या पिंक जैसे लाइट शेड भी यूज़ कर सकते हैं या फिर ग्रीन या यलो के शेड्स भी लगा सकते हैं.
- वास्तु के अनुसार आपको अगर अपने लिविंग रूम को पॉज़िटिविटी से भरपूर दिखाना हो, तो इन कलर्स के साथ रेड कलर का टच भी दीवारों को दें, क्योंकि रेड कलर एनर्जी का प्रतीक है.
वास्तु रूल्स
- ड्रॉइंग रूम या लिविंग रूम का डेकोर पॉज़िटिव एनर्जी देनेवाला हो.
- यहां भी वेंटिलेशन व रोशनी भरपूर हो.
- बेहतर होगा कि यहां खिड़कियां अन्य कमरों की तुलना में अधिक हों.
- खिड़कियां पूर्वी दीवार या उत्तर दिशा में हों, तो बेहतर होगा.
- यहां कोई शोपीस या पेंटिंग हो, तो वो नेचर से संबंधित हो. ध्यान रहे कि क्रोध, डरावने या लड़ाई-झगड़ेवाले शोपीस या पेंटिंग यहां न रखें.
- सीलिंग का कलर दीवारों के कलर से अलग रखें.
- फॉल्स सीलिंग लगवाते व़क्त यह ध्यान रहे कि सीलिंग न तो बहुत ज़्यादा नीची हो और न ही बहुत ज़्यादा ऊंची, क्योंकि ऊंचाई से डर, भय व असुरक्षा की भावना पनपती है, जबकि नीचे होने से दबाव महसूस होता है.
- लिविंग रूम को कलरफुल और लाइफ से भरपूर बनाने के लिए रंग-बिरंगे फूलों से इसका डेकोर करें. ध्यान रखें कि प्लास्टिक के फूल इस्तेमाल में न लाएं. नेचुरल फूल लगाएं, इससे पॉज़िटिव एनर्जी आती है.
कैसा हो बेडरूम?
यह आपका पर्सनल कमरा होता है. ज़ाहिर है यहां आकर आपको सुकून महसूस
होना चाहिए.
- बेहतर होगा कि बेडरूम में बहुत ज़्यादा ब्राइट व आंखों को चुभनेवाले कलर्स यूज़ न करें.
- आपका मूड अच्छा हो और नींद अच्छी आए, इसी को ध्यान में रखते हुए यहां लाइट कलर्स
यूज़ करें.
- वास्तु के अनुसार बेडरूम में क्रीम, लाइट पिंक, आसमानी या लाइट ग्रीन कलर यूज़ करना बेहतर होगा.
वास्तु रूल्स
- बेडरूम में पूजा स्थान यानी मंदिर नहीं होना चाहिए.
- आपका बेड दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए.
- दक्षिण की तरफ़ सिर करके सोना चाहिए. दक्षिण की तरफ़ सिर करके सोने से धन तथा आयु में वृद्धि होती है.
- चाहें तो पूर्व दिशा की ओर भी सिर किया जा सकता है, क्योंकि इससे मस्तिष्क तेज़ होता है और विद्या प्राप्त होती है.
- बेड के सामने आईना नहीं होना चाहिए.
- आपके बेडरूम का दरवाज़ा भी ठीक बेड के सामने नहीं खुलना चाहिए.
- बेहतर होगा कि दरवाज़ा भीतर की ओर खुले, इससे पॉज़िटिव एनर्जी आती है.
- इस बात का भी ध्यान रखें कि दिन के व़क्त कमरे में नेचुरल लाइट यानी सूर्य की
रोशनी आए.
- कमरे में वेंटिलेशन भी अच्छा हो. इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है और निगेटिव एनर्जी नहीं आती.
- लव बर्ड्स या प्रेम के प्रतीक पक्षियों की तस्वीरें कमरे में लगाई जा सकती हैं.
- कपल्स को बेडरूम में हल्का पीला या गुलाबी कलर करवाना चाहिए.
कैसा हो किचन?
किचन बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहीं से हमारे स्वास्थ्य की शुरुआत होती है. यहां पनप रही ऊर्जा व भावनाएं सीधे हमारे मन-मस्तिष्क व सेहत पर प्रभाव डालती हैं.
- किचन के लिए सबसे अच्छा कलर होता है व्हाइट. आप क्रीम भी यूज़ कर सकते हैं.
- यदि किचन को किसी वास्तु दोष से बचाना है या किचन में कोई दोष हो, तो आग्नेय कोण में रेड कलर करवाएं.
- किचन में ब्लू या स्काई ब्लू कलर यूज़ न करें.
- डायनिंग एरिया में लाइट ग्रीन कलर करवा सकते हैं.
वास्तु रूल्स
- किचन हमेशा आग्नेय कोण में ही होना चाहिए.
- पीने का पानी उत्तर-पूर्व दिशा में हो.
- गैस के ऊपर शेल्फ आदि न हों, तो बेहतर होगा.
- ब्लैक कलर के ग्रेनाइट का इस्तेमाल किचन में न ही करें, तो बेहतर होगा.
- ब्लैक की जगह व्हाइट या मैरून या ग्रीन ग्रेनाइट यूज़ किया जा सकता है.
- फ्रिज उत्तर-पश्चिम दिशा में रख सकते हैं.
- सिंक उत्तर-पश्चिम दिशा में ही हो, तो बेहतर है.
- किचन में चिमनी या एग्ज़ॉस्ट फैन ज़रूर रखें, ताकि वेंटिलेशन बना रहे और धुआं पूरे घर में न फैले.
- गैस कभी भी किचन के बीचोंबीच न रखें.
- किचन के दक्षिण-पश्चिम भाग में गेहूं, आटा, चावल आदि रखें.
- उत्तर दिशा की तरफ़ मुंह करके खाना नहीं पकाना चाहिए.
- टूटे-फूटे बर्तन का प्रयोग न करें. बेहतर होगा उन्हें किचन में रखें ही नहीं, क्योंकि ऐसा करने से घर में झगड़े होते हैं और अशांति का माहौल बना रहता है.
- डाइनिंग रूम हमेशा पूर्व या पश्चिम में हो.
- किचन में साफ़-सफ़ाई का हमेशा ध्यान रखना चाहिए.
- किचन में हमेशा गुड़ रखना सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है.
कैसा हो पूजा घर?
आस्था के लिए यूं तो मन में शुद्ध विचार ही काफ़ी होते हैं, लेकिन हमें कोई प्रतीक भी चाहिए होता है, जिससे ईश्वर से कनेक्शन आसान हो जाए. ऐसे में पूजा घर से संबंधित कुछ नियमों का भी ख़्याल रखना ज़रूरी है.
- मंदिर यानी पूजा घर का कलर स़फेद या लाइट क्रीम होना चाहिए.
- पूजा घर में आप आध्यात्मिकता के प्रतीक रंगों का भी प्रयोग कर सकते हैं, जैसे- नारंगी, गेरुआ आदि. इसके अलावा आप लाइट यलो या लाइट ब्लू भी यूज़ कर सकते हैं.
- कुल मिलाकर पूजा घर का वातावरण सात्विक होना चाहिए, जहां बैठकर मन एकाग्र हो सके और शांति व सुकून का आभास हो.
वास्तु रूल्स
- बेडरूम में मंदिर न बनवाएं. यदि मजबूरी हो, तो मंदिर पर परदा लगा दें.
- पूजा घर के सामने टॉयलेट का दरवाज़ा न खुले. इसके अलावा पूजा घर शौचालय के ठीक ऊपर या नीचे न हो.
- पूजा घर का दरवाज़ा लोहे या टिन का न हो.
- कोशिश करें कि पूजा घर ईशान कोण में हो.
- पूजा के दौरान कभी भी प्रतिमा यानी मूर्तियों के आमने-सामने न बैठें, बल्कि हमेशा थोड़ा-सा दाएं कोण में बैठकर पूजा-अर्चना करें.
- मूर्ति का मुख पूर्व या पश्चिम की ओर हो, तो बेहतर होगा.
- पूजा घर में किसी भी उग्र देव का चित्र या प्रतिमा न रखें.
- कुलदेवता का चित्र हो, तो यह बेहद शुभ होगा.
- बिट्टू शर्मा
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