दिवाली क़रीब है और सभी इस त्योहार को मनाने के लिए बहुत उत्साहित हैं. लोग ज़ोर-शोर से तैयारियां कर रहे हैं, जैसे घर की सफ़ाई, ख़रीददारी की लिस्ट बनाना, मेन्यू तय करना, नए कपड़े ख़रीदना आदि. कई लोग अपने परिवार के साथ त्योहार मनाने के लिए अपने होमटाउन जाने की भी योजना बना रहे हैं. हर कोई पूरे जोश में है. टीवी के कलाकार भी अपने ख़ास दिवाली प्लान्स शेयर कर रहे हैं, इनमें हैं एंड टीवी की ‘भाबीजी घर पर हैं’ के रोहिताश्व गौड़, ‘अटल’ धारावाहिक की नेहा जोशी, ‘हप्पू की उलटन पलटन’ सीरियल के योगेश त्रिपाठी.
रोहिताश्व गौड़
हर साल मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण रिवाजों में से एक होता है अपने परिवार के साथ लक्ष्मी पूजा करना. यह एक पवित्र अवसर होता है, जब हम साथ मिलकर प्रार्थना करते हैं और स्वास्थ्य, समृद्धि तथा प्रसन्नता के लिए आशीर्वाद मांगते हैं. पूजा के बाद हमारा घर त्योहार की मिठाइयों और स्नैक्स की ख़ुशबू से भर जाता है. मेरी पत्नी और बेटियां पारंपरिक पकवान बनाती हैं और हम दिवाली के इन पकवानों का मज़ा साथ मिलकर लेते हैं. हम बीते दिनों को याद करते हैं और नई यादें संजोते हैं. मेरी पत्नी एक बेहतरीन कुक है और तरह-तरह की मिठाइयां बनाती है, जिनमें मेरी फेवरेट गुझिया भी शामिल है. वह बाहर से कुरकुरी होती हैं और उनके भीतर पौष्टिक खोया तथा सूखे मेवे भरे होते हैं. मेरी पत्नी बेसन के लड्डू और सूजी का हलवा भी बनाती है. इन चीज़ों की सुगंध मुझे अपने बचपन की दिवाली में ले जाती है. इस त्योहार पर मैं कुछ बांटने की भी सोचता हूं. कभी चैरिटी करता हूं, तो कभी ऐसे लोगों के साथ वक़्त बिताता हूं, जिनके पास परिवार नहीं है.
नेहा जोशी
दिवाली को लेकर मेरे दिल में हमेशा से एक ख़ास जगह रही है. हम घर पर काफ़ी पहले से इसकी तैयारियां शुरू कर देते हैं और सब कुछ हमारी महाराष्ट्रियन परंपराओं के मुताबिक़ होता है. जल्दी सुबह अभ्यंग स्नान करना हमारी सबसे प्यारी परंपरा है. और माना जाता है कि त्योहार के पहले ऐसा करने से शरीर शुद्ध हो जाता है. हम देवी लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए अपने घर के आसपास दीये भी जलाते हैं, जिससे गर्माहट और रोशनी मिलती है. मैं इको-फ्रैंडली दिवाली के पक्ष में हूं और पटाखों की बजाय मिट्टी के पारंपरिक लैंप चुनती हूं. इस साल मैंने स्थानीय कारीगरों से ख़ूबसूरत और हाथ के पेंट किए हुए दीये लिए हैं. इससे उन्हें आर्थिक सहयोग मिल रहा है और पर्यावरण का ध्यान रखते हुए त्योहार भी अच्छी तरह मना सकेंगे. मेरे लिए दिवाली का मतलब अपने भीतर की रोशनी से है और ख़ुशी मनाने की क़ीमत प्रकृति से नहीं वसूलनी चाहिए.
महाराष्ट्र के स्वादिष्ट पकवान इस त्योहार का मुख्य आकर्षण होते हैं. मुझे परंपरिक व्यंजन बनाना पसंद है, जैसे पूरन पोली, शंकरपाली और चिवड़ा. घर की बनी ये चीज़ें मुझे बचपन की यादों में ले जाती हैं और जश्न ज़्यादा ख़ास हो जाता है. इन चीज़ों को परिवार और दोस्तों में बांटने में का भी अपना अलग आनंद है, इससे मुझे काफ़ी खुशी मिलती है.
योगेश त्रिपाठी
दिवाली बेहद ख़ास मौक़ा होता है और हर साल उससे मिलनेवाली ख़ुशी का मुझे इंतज़ार रहता है. इसके लिए हमारी तैयारियां जल्दी शुरू हो जाती हैं. हम पूरे घर की सफ़ाई करते हैं, क्योंकि ऐसा करना सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि के लिए ज़रूरी होता है. मेरा परिवार और मैं दीयों, रंगोली और रोशनी से अपना घर सजाते हैं. लक्ष्मी पूजा हमारी पसंदीदा परंपरा है और हम सभी सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य तथा धन-वैभव के लिए प्रार्थना करते हैं. पूजा के बाद हम पटाखे चला़ते हैं और फिर मेरी पत्नी के द्वारा बनाई गई पारंपरिक मिठाइयां खाते हैं. दिवाली की सबसे अच्छी बात होती है परिवार के साथ समय बिताना, हंसना-मुस्कुराना और बीते खुशनुमा लम्हों को याद करना, जिससे हमारा रिश्ता मज़बूत होता है. दरोगा हप्पू सिंह की भूमिका के कारण मेरा शूटिंग शेड्यूल व्यस्त होता है, लेकिन दिवाली के दौरान मैं समय निकालकर अपने प्रियजनों के साथ त्यौहार मना ही लेता हूं.
Photo Courtesy: Social Media
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