अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीतने वाली दक्षिण भारत से आईं बेहतरीन अदाकाराओं में वैजयंती माला 'राष्ट्रीय अभिनेत्री' का दर्जा पाने वाली पहली महिला हैं. वैजयंती माला भरतनाट्यम डांसर, कर्नाटक गायिका, डांस टीचर और सांसद भी रह चुकी हैं. वैजयंती माला ने अपने करियर की शुरुआत 1949 में तमिल फिल्म "वड़कई" से की थी. हिंदी सिनेमा में वैजयंती माला का बहुत योगदान है. वैजयंती माला को 1959 में फिल्म 'मधुमती', 1962 में 'गंगा जमुना' और 1965 में 'संगम' के लिए फिल्मफेयर का बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिल चुका है. वैजयंती माला ने हिंदी फिल्मों में लगभग दो दशकों तक राज किया है. दक्षिण भारत से आकर राष्ट्रीय अभिनेत्री का दर्जा पाने वाली वो पहली महिला हैं. उन्होंने अपने एक्टिंग करियर में बहुत ऊंचाइयां हासिल की, लेकिन वैजयंती माला की पर्सनल लाइफ हमेशा विवादों में रही. वैजयंती माला को राज कपूर से था प्यार, फिर उन्होंने एक शादीशुदा डॉक्टर से क्यों की शादी? आइए, जानते हैं वैजयंती माला की ज़िंदगी का ये सच.
जब वैजयंती माला को हुआ राज कपूर से प्यार
वैजयंती माला जितनी सुलझी हुई अदाकारा थी, उनकी पर्सनल लाइफ उतनी ही विवादों से भरी थी. फिल्म की शूटिंग के दौरान वैजयंती माला की नजदीकियां दिलीप कुमार और राज कपूर से रहीं. 1961 में आई फिल्म 'गंगा जमुना' के सेट पर दिलीप कुमार और वैजयंती माला का अफेयर शुरू हुआ.
वैजयंती माला को राज कपूर से भी प्यार हुआ था, इन दोनों के अफेयर की खबरें भी उस समय खूब सुर्ख़ियों में रही. बता दें कि वैजयंती माला और राज कपूर ने एक साथ 'नज़राना' और 'संगम' फिल्म में काम किया था. उसी दौरान दोनों के अफेयर की ख़बरें मशहूर होने लगी थीं. फिर जब ये बात राज कपूर की पत्नी कृष्णा कपूर को पता चली तो, वो घर छोड़कर चली गईं और करीब साढ़े चार महीने मुंबई के नटराज होटल में रहीं. राज कपूर के काफी मनाने के बाद कृष्णा कपूर इस शर्त पर मानीं कि वो फिर कभी वैजयंती माला के साथ काम नहीं करेंगे. पत्नी की शर्त के आगे राज कपूर को झुकना पड़ा और इस तरह वैजयंती माला और राज कपूर को एक-दूसरे से अलग होना पड़ा.
वैजयंती माला ने शादीशुदा डॉक्टर से क्यों की शादी?
वैजयंती माला और डॉ. बाली की प्रेम कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. एक बार फिल्म की शूटिंग के दौरान जब वैजयंती माला को निमोनिया हो गया था, तो उनका इलाज डॉ. बाली कर रहे थे. डॉ. बाली इलाज के दौरान वैजयंती माला के दीवाने हो गए थे. वैजयंती माला को भी डॉ. बाली का साथ अच्छा लगने लगा था. इस तरह इलाज करते-करते दोनों में प्यार हो गया और दोनों ने शादी का फैसला कर लिया और वैजयंती माला ने डॉ. बाली के साथ अपना घर बसा लिया.
वैजयंती माला ने इसलिए अवॉर्ड लेने से मना कर दिया था
एक वक्त था, जब वैजयंती माला इतनी फेमस हो गई थीं कि वो अपनी शर्तों पर काम करती थी. इसी के चलते एक बार उन्होंने अवॉर्ड लेने से भी मना कर दिया था. ये उस समय की बात है जब फिल्म 'देवदास' में उन्होंने चंद्रमुखी की भूमिका निभाई थी, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, लेकिन वैजयंती माला ने ये अवॉर्ड लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि देवदास की ज़िंदगी में पारो से ज्यादा चंद्रमुखी महत्वपूर्ण थी, इसलिए अगर देना है तो उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड दिया जाना चाहिए.
वैजयंती माला की सफलता का सफर
- वैजंयती माला को एक्टिंग विरासत में मिली थी. उनकी मां वसुंधरा 40 के दशक में तमिल फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री थी.
- वैजयंती माला ने अपने करियर की शुरुआत 1949 में तमिल फिल्म "वड़कई" से की थी.
- वैजयंती माला को 1959 में फिल्म 'मधुमती', 1962 में 'गंगा जमुना' और 1965 में 'संगम' के लिए फिल्मफेयर का बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिल चुका है.
- वैजयंती माला भरतनाट्यम डांसर, कर्नाटक गायिका, डांस टीचर और सांसद भी रह चुकी हैं.
- वैजयंती माला दक्षिण भारत से आकर राष्ट्रीय अभिनेत्री का दर्जा पाने वाली पहली महिला हैं.
- वैजयंती माला एक प्रसिद्ध डांसर हैं, उन्होंने हिंदी फिल्मों में क्लासिकल डांस के लिए एक अलग जगह बनाई.
- वैजयंती माला थिरकते पैरों ने उन्हें 'ट्विंकल टोज़ (twinkle toes) का खिताब दिलाया.
- वैजयंती माला और शम्मी कपूर पर फिल्माया गया फिल्म 'प्रिंस' का गाना 'बदन पे सितारे लपेटे हुए..' आज भी लोगों की जुबान पर रहता है.
- हिंदी सिनेमा में 1950-1960 के दशक की अभिनेत्रियों में वैजयंती माला को प्रथम श्रेणी की अभिनेत्रियों में गिना जाता है.