सुरक्षित रहें, सतर्क रहें
अपना रूटीन बदलती रहें - ज़्यादातर अपराधी अपराध करने के पहले कुछ दिनों या कुछ महीनों तक भी अपने टारगेट पर नज़र रखते हैं, उसका पीछा करते हैं, ताकि उसका रूटीन जान सकें. - इसलिए किसी भी अनहोनी से बचने के लिए बेहतर होगा कि अपना रूटीन थोड़े-थोड़े दिनों में बदलते रहें. - स्कूल-कॉलेज जाने का रास्ता हो, जिम-ऑफिस का या फिर शॉपिंग का- हमेशा एक ही रास्ते पर न जाएं. थोड़े-थोड़े दिनों में अपना रूट और टाइम बदलते रहें. - कभी-कभी अपने फ्रेंड्स या ग्रुप को भी साथ ले जाएं, ताकि किसी को ये न लगे कि आप अकेली हैं. सेल्फ डिफेंस के गुर सीखें - सेल्फ डिफेंस यानी आत्मरक्षा के कुछ तरीके सीख लें. - किसी हमले की हालत में अटैकर की आंखों में उंगलियों से वार करें. - हथेली का कप बनाकर कानों पर मारें या उसके घुटनों पर किक करें. - कभी किसी के चेहरे पर मुक्के से न मारें. उसके दांतों से आप ख़ुद घायल हो सकती हैं. इसकी बजाय कुहनी का इस्तेमाल करें. - इन ट्रिक्स को आज़माएंगी तो आपको इतना टाइम मिल जाएगा कि आप वहां से बच निकलें. यह भी पढ़ें: क्यों नहीं निभ रही शादियां? सीक्रेट हथियार कैरी करें - पेपर स्प्रे अपने पर्स में ज़रूर रखें. - पेपर स्प्रे न हो तो डियाडरेंट स्प्रे का इस्तेमाल भी कर सकती हैं. - जो चीज़ें आप रोज़ाना कैरी करती हैं जैसे आपका बैग, छतरी, सामान की थैली- इन्हें भी इमरर्जेंसी में आप अटैक करने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं. - घर पर हों तो किचन टूल्स से अटैक करें. सहायता के लिए फोन करें - मोबाइल फोन तो हमेशा साथ रखती हैं. इसकी हमेशा चार्ज रखें. किसी भी इमरर्जेंसी की स्थिति में आप फोन करके सहायता मांग सकती हैं. - कुछ इमरर्जेंसी कॉन्टैक्ट को स्पीड डायल में सेव करके रखें, ताकि ज़रूरत पड़ने पर तुरंत फोन कर सकें. - 100 नंबर पर कॉल करें. कई हेल्पलाइन भी ख़ास आपकी मदद के लिए बनाए गए हैं. इन्हें अपने मोबाइल में सेव करके रखें. चुप न रहें, आवाज़ उठाएं - अगर कोई आपको परेशान कर रहा हो तो चुप न बैठें और न ही ये सोचें कि आप उसे अकेली हैंडल कर लेंगी. अपनी सोसायटी, टीचर्स, पैरेंट्स, फैमिली, ऑफिस और आवश्यक हो तो पुलिस में शिकायत दर्ज़ कराएं. किसी अनहोनी के होने का इंतज़ार न करें. फौरन एक्शन लें.किन स्थितियों में कैसे करें सुरक्षा
जब घर से बाहर हों 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंग रेप केस ने लड़कियों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए. ऐसे हादसों से बचने के लिए हर महिला को अपनी सुरक्षा कुछ हद तक ख़ुद सुनिश्चित करनी होगी. इसके लिए इन बातों का ध्यान रखें. अलर्ट रहें - आपके साथ एक पुरुष है, तो ये सोचकर निश्चिंत न हो जाएं कि उसके होते हुए कोई आपका कुछ बिगाड़ नहीं सकता. आप दोनों मुश्किल में आ सकते हैं. अगर आपको कुछ भी गड़बड़ या संदेहास्पद लगे तो तुरंत किसी फ्रेंड को पिकअप करने के लिए फोन करें. - अनजान लोगों पर भरोसा न करें. ऐसे लोगों के साथ ट्रैवल भी न करें. ये आपके लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं. - जब भी अकेले हों, हमेशा अलर्ट रहें. आपकी बॉडी लैंग्वेज और चाल में भी कॉन्फिडेंस होना चाहिए. - रात में अकेले बाहर जाना रिस्की है. इसलिए हमेशा ग्रुप में ही बाहर जाएं. - सुनसान रास्ते पर जाने से बचें. यहां दुर्घटना होने की संभावना ज़्यादा होती है. फ्रेंड या परिवार से बातें करें - परिवार के किसी सदस्य या फ्रेंड को बता दें कि आप कहां जा रही हैं और कब तक लौटेंगी. उसे गाड़ी का नंबर भी बता दें और ये सुनिश्चित करें कि ड्राइवर को पता चलना चाहिए कि आप ऐसा कर रही हैं. - फोन पर ज़ोर से बात करते हुए बताएं कि आप कहां पहुंची हैं, कैसे ट्रैवल कर ही हैं आदि. इससे ड्राइवर आपको किसी भी तरह का कोई नुक़सान पहुंचाने की हिम्मत नहीं करेगा. शॉटकर्ट के चक्कर में न पड़ें - जल्दबाज़ी के चक्कर में शॉर्टकट लेने से बचें. ये शॉर्टकट ख़तरनाक भी हो सकता है. - अगर रात में लिफ्ट में जाना सेफ नहीं लग रहा तो बेहतर है सीढियों का ही इस्तेमाल करें. - किसी से लिफ्ट लेना भी रिस्की हो सकता है. इसलिए ऐसा करने से बचें. - अगर आपको लगता है कि कोई आपका पीछा कर रहा है तो फौरन रास्ता बदल दें. किसी भीड़भाड़ वाले रास्ते पर मुड़ जाएं. या आसपास कोई घर हो तो वहां का दरवाज़ा खटखटाएं. यह भी पढ़ें: क्यों आज भी बेटियां वारिस नहीं?[amazon_link asins='B00YMY3PX4,B071Z64PJK,B01N0ZM1R3,B00JG534KS' template='ProductCarousel' store='pbc02-21' marketplace='IN' link_id='2407071c-b972-11e7-963d-4372c418b8c8']
भीड़ में रहें सुरक्षित
ऐसे कई केसेस हुए हैं, जिसमें लड़कियोंं को भीड़ या किसी बड़े ग्रुप न घेरकर उनका यौन शोषण किया है और लड़की चाहकर भी कुछ नहीं कर पाई हैं. गोवाहाटी में एक टीनएज लड़की को ऐसे ही 30 लड़कों के एक ग्रुप ने घेरकर आधे घंटे तक उसका शोषण किया और बाद में उसे छोड़ दिया. आपके साथ ऐसा न हो, इसके लिए कुछ बातों को ध्यान रखें. - इस स्थिति से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप ऐसी भीड़ में जाने से बचें. - अगर आप कहीं ऐसे लड़कों का गु्रप देखें, जो शोर मचा रहे हों या जिन्हें देखकर आपको लगे कि उन्होंने ड्रिंक किया है, उनके नज़दीक जाने से बचें. एक किनारे पर ही खड़े रहें या सड़क क्रॉस करके सड़क के दूसरे किनारे हो जाएं. इससे आप सुरक्षित रहेंगी. - अगर आप ऐसी किसी स्थिति में फंस ही गई हैं तो तुरंत वहां से निकल जाएं. अकेले उनसे लड़ने या उलझने की ग़लती कभी न करें. - आप जिस एरिया में भी जाएं, पहले वहां के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें और वहां एंटर करने से पहले एक बार चारों तरफ देख लें. - आपके आसपास कौन क्या बातें कर रहा है, उसके प्रति अलर्ट रहें. रास्ते में मोबाइल पर बातें करते हुए या म्यूज़िक सुनते हुए न चलें. कुछ लोग इसका ग़लत फायदा उठा सकते हैं और आप आसानी से उनका टारगेट बन सकती हैं. - ख़ुद को प्रोटेक्ट करें. अपना बैग, बुक्स या फोल्डर को भीड़ से बचने के लिए शील्ड के तौर पर इस्तेमाल करें. - अगर रात में देर तक बाहर रहने वाली हैं तो बेहतर होगा कि ग्रुप में जाएं. मेट्रो सिटीज़ में लेट नाइट तक चहल-पहल रहती है, लेकिन छोटे शहरों में सब कुछ जल्दी बंद हो जाता है और रास्ते भी जल्दी सुनसान हो जाते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए प्लान करें. जल्दी घर लौटने की कोशिश करें.अगर अकेली रहती हों
कभी करियर की चाह में, कभी पढाई के लिए तो कभी किसी और कारण से कई बार अकेले रहना मजबूरी बन जाता है. ऐसी स्थिति में बड़ी चुनौती है अपनी सेफ्टी यानी आत्मरक्षा. ये उतना मुश्किल भी नहीं बशर्ते आप कुछ एहतियात बरतें. - अकेली रहने के लिए सबसे पहले तो जिस एरिया में घर लेने जा रही हैं या रह रही हैं उसका सुरक्षित होना ज़रूरी है. अच्छी तरह तहक़ीकात करने के बाद ही घर फाइनल करें. - ये भी सुनिश्चित कर लें कि आपकी सोसायटी द्वारा अपॉइंट किए गए सेक्योरिटी गार्ड्स का बैकग्राउंड वगैरह चेक करने के बाद ही उन्हें अपॉइंट किया गया है या आपकी सोसायटी ने लाइसेंस्ड सेक्योरिटी सर्विस की ही सेवा ली है. - घर के कामों के लिए बाई रखते समय उसकी भी ठीक से पड़ताल कर लें और उससे संबंधित सारी जानकारी पुलिस में रजिस्टर कर दें. - सेफ्टी डोर ज़रूर लगवाएं. - अगर सेफ्टी डोर न हो तो पीहोल से पहले देखें. उसके बाद ही दरवाज़ा खोलें. - किसी अजनबी को घर में न आने दें, ख़ासकर तब जब आप घर पर अकेली हों. - पड़ोसियों से मधुर संबंध बनाकर रखें. कुछ इमरर्जेंसी पड़ने पर सबसे पहले पड़ोसी ही सहायता के लिए पहुंचते हैं. इसलिए किसी भी हाल में उनसे कनेक्टिविटी बनाए रखें. कभी-कभार उनसे मिलने या हाय-हैलो कहने उनके घर विज़िट करें. इससे पड़ोसियों से आपके संबंध अच्छे बने रहेंगे. - सोसायटी में सीसीटीवी कैमरे लगवाएं. इसमें थोड़ा ख़र्च ज़रूर लगेगा, लेकिन आपकी सेफ्टी के लिए ये ज़रूरी है.- प्रतिभा तिवारी
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