1. मधुमती (1948)
मशहूर डायरेक्टर बिमल रॉय के निर्देशन में बनी यह उस साल की सबसे हिट फिल्म थी. फिल्म में जहां मुख्य भूमिका में दिलीप कुमार और वैजंतीमाला हैं, वहीं प्राण और जॉनी वॉकर सर्पोटिंग रोल में हैं. फिल्म की कहानी पुर्नजन्म पर आधारित है, एक बेहतरीन कहानी है. शहरी बाबू आनंद को गांव की आदिवासी लड़की मधुमती से प्यार हो जाता है, पर दोनों मिल नहीं पाते, क्योंकि मधुमती का मर्डर हो जाता है. दोनों पुनर्जन्म लेकर 30 साल बाद वापस मिलते हैं और इस बार मधुमती के कातिल को सबके सामने लाते हैं. यह फिल्म पुनर्जन्म पर बनी बॉलीवुड की शुरुआती फिल्मों में से एक है. फिल्म को उस साल के नौ फिल्मफेयर अवॉर्ड मिले थे, जो अब तक किसी फिल्म को नहीं मिले थे. फिल्म को बेस्ट फीचर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था. फिल्म का संगीत और गाने आज भी उतने ही लोकप्रिय है. सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसी, दिल तड़प-तड़प कह रहा है आ भी जा, आजा रे परदेसी, चढ़ गयो पापी बिछुआ, ज़ुल्मी संग आंख लड़ी... जैसे कई बेहतरीन गाने आज भी लोगों की ज़ुबां पर रहते हैं.2. मिलन (1967)
सुनील दत्त, नूतन, जमुना, प्राण, देवेन वर्मा जैसे स्टारकास्ट से बनी यह फिल्म उस साल की ब्लॉकबस्टर हिट फिल्म थी. फिल्म के निर्देशन अदुर्ती सुब्बा राव थे. यह फिल्म उनकी तेलुगू फिल्म मूगा मनसुलू का रीमेक है. फिल्म की कहानी शुरू होती है गोपी और राधा की शादी से. शादी के बाद हनीमून के लिए जाते हैं, जहां जाकर गोपी को अपने पिछले जन्म के बारे में धीरे-धीरे सब याद आ जाता है. पिछले जन्म में गोपी एक साधारण नाविक था और राधा उसी के गांव की एक धनी परिवार की बेटी. राधा जब विधवा हो जाती है, तो उसके साथ गोपी का नाम जोड़कर जब लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश करते हैं, तो वो दोनों नदी में कूदकर अपनी जान दे देते हैं. कुदरत का कमाल ही होता है कि अगले जन्म में दोनों मिलते हैं और लव मैरिज करते हैं. फिल्म का संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलालजी का है और गाने आज भी बेहद लोकप्रिय हैं. सावन का महीना पवन करे शोर, हम-तुम युग-युग से, मैं तो दीवाना, राम करे ऐसा हो जाए, बोल गोरी बोल तेरा कौन पिया... जैस बेहतरीन गानों से सजी ये फिल्म एक बार ज़रूर देखें.3. नील कमल (1968)
राम माहेश्वरी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में वहीदा रहमान, मनोज कुमार, राजकुमार मुख्य भूमिका में हैं. वहीदा रहमान को इस फिल्म के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी मिला था. फिल्म की कहानी पुनर्जन्म पर आधारित एक बेहतरीन एकतरफ़ा प्यार पर आधारित कहानी है. फिल्म की कहानी शुरू होती है सीता कॉलेज ट्रिप पर गई है, जहां खंडहरों से कुछ आवाज आती है. सीता रोज़ की तरह रात को नींद में चलती रहती है, तभी उसे गाड़ी से बचाने राम वहां पहुंच जाता है. राम और सीता की शादी हो जाती है, पर उसका रोज़ रात को नींद में चलना जारी रहता है. उसकी सास और ननद उसके पति को भड़काती हैं कि उसका किसी ग़ैरमर्द से संबंध है, जिससे मिलने वो रात को जाती है. एक रात सीता वहां पहुंच जाती है, जहां पुराने ज़माने के चित्रकार चित्रसेन को ज़िंदा दीवार में चुनवा दिया था, क्योंकि वो राजकुमारी नील कमल से प्रेम करता था. रोज़ रात को चित्रसेन ही गाना गाकर नील कमल को बुलाता है. पर सीता उससे कहती है कि उसने कभी उससे प्यार नहीं किया और वो स़िर्फ अपने पति राम से प्यार करती है, तो चित्रसेन की भटकती आत्मा हमेशा के लिए वहां से लुप्त हो जाती है. फिल्म का गीत-संगीत ज़बर्दस्त है. रोम-रोम में बसनेवाले राम, बाबुल की दुआएं लेती जा, आ जा तुझको पुकारे मेरा प्यार आज भी लोकप्रिय हैं.4. कर्ज़ (1980)
सुभाष गई द्वारा निर्देशित इस फिल्म में ऋषि कपूर, टीना मुनीम और सिमी गरेवाल मुख्य भूमिका में थे. फिल्म की कहानी एक ऐसे लड़के मॉन्टी की है, जो सिंगर और म्यूज़िशियन है. एक दिन एक धुन बजाते ही उसे पुराना कुछ याद आता है और उसका पता लगाने के लिए उस जगह पर जाता है. वहां उसे पता चलता है कि जिससे उसने दिलो जान से चाहा था और शादी की थी, उसी कामिनी ने दौलत के लिए उसका खून कर दिया था, इसीलिए वह पुनर्जन्म लेकर वापस आया है, ताकि मौत का कर्ज़ उतार सके. फिल्म के गाने इतने पॉप्युलर हुए थे कि लोगों की ज़बान पर रहते थे. फिल्म का संगीत दिया था मशहूर म्यूज़िक जोड़ी लक्ष्मीकांत-प्यारेलालजी ने. ओम शांति ओम, एक हसीना थी, दर्दे दिल दर्दे जिगर, मैं सोलह बरस की जैसे बेहतरीन गानें इसी फिल्म की सौगात हैं.5. कुदरत (1981)
चेतन आनंद द्वारा लिखी और निर्देशित इस फिल्म में राजेश खन्ना, हेमा मालिनी, राजकुमार और विनोद खन्ना मुक्य भूमिका में थे. महबूबा के बाद राजेश खन्ना और हेमा मालिनी की यह दूसरी फिल्म थी, जो पुनर्जन्म पर आधारित थी. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर चार करोड़ से ज़्यादा की कमाई की थी. राजेश खन्ना को फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड भी मिला था. फिल्म की कहानी को फिल्मफेयर बेस्ट स्टोरी का अवॉर्ड मिला था. फिल्म की कहानी शुरू होती है चंद्रमुखी से जो पहली बार शिमला जाती है, पर वहां उसे बहुत कुछ जाना-पहचाना लगता है. इसी बीच चंद्रमुखी मोहन से मिलती है, जो वकील था अपने मेंटर जनक से मिलने आया था. चंद्रमुखी को सब याद आ जाता है कि पिछले जन्म में वह पारो और मोहन माधव था और दोनों एक-दूसरे को बहुत प्यार करते थे, पर जमींदार जनक चंद्रमुखी का बलात्कार कर उसे मार डालता है. उसके मरने की ख़बर से माधव भी ख़ुदकुशी कर लेता है. जनक के ख़िलाफ़ वो कोर्ट में जाता है और सच सबके सामने आ जाता है. फिल्म का ज़बर्दस्त संगीत आरडी बर्मन ने दिया है और लिरिक्स मजरूह सुल्तानपुरी के हैं. इसके गीत तूने ओ रंगीले कैसा जादू किया और हमें तुमसे प्यार कितना काफ़ी पॉप्युलर हैं.6. सूर्यवंशी (1992)
फिल्म में सलमान खान, शीबा और अमृता सिंह लीड रोल में थे. अमृता सिंह इस फिल्म में निगेटिव किरदार में नज़र आई हैं. फिल्म के डायरेक्टर राकेश कुमार हैं. एक महल की खुदाई के दौरान कई साल पुरानी एक कहानी सामने निकलकर आती है, जिसके मुताबिक राजकुमारी सूर्यलेखा की आत्मा उस महल में फंस गई है और राजकुमार विक्रम सिंह का इंतज़ार कर रही है. विक्की पूर्व जन्म में र्सूर्यवंशी राजकुमार विक्रम सिंह था, जो अपने दोस्त का बदला लेने के लिए सूर्यलेखा से प्यार का नाटक करता है. सूर्यलेखा महल से कूदकर जान दे देती है और विक्रम सिंह को राजगुरू मार देते हैं. यह एक एक्शन ड्रामा फिल्म है.7. करण-अर्जुन (1995)
बॉलीवुड के दो सबसे बड़े सुपरस्टार्स शाहरुख खान और सलमान खान एक साथ इस फिल्म में पुनर्जन्म लें और फिल्म सुपरहिट न हो, ऐसा भला हो सकता है क्या. एक लाचार मां के दो बेटे जो मरने के बाद अलग-अलग जगह पैदा होते हैं, पर पिछले जन्म के बारे में याद आते ही अपनी मां के पास आ जाते हैं, ताकि अपनी मौत का बदला ले सकें. फिल्म के निर्माता और निर्देशक राकेश रोशन हैं. फिल्म में राखी, काजोल, अमरीश पुरी, ममता कुलकर्णी और जॉनी लिवर मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म का डायलॉग मेरे करण-अर्जुन आएंगे रोज़मर्रा की बातचीत का हिस्सा बन गया है. फिल्म के संगीतकार राजेश रोशन को फिल्मफेयर का बेस्ट म्यूज़िक डायरेक्टर का अवॉर्ड मिला था. फिल्म के सभी गाने बहुत मशहूर हैं.8. ओम शांति ओम (2007)
फराह ख़ान की यह फिल्म 1948 की फिल्म मधुमती से इंस्पायर्ड है. शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और अर्जुन रामपाल की इस फिल्म से दीपिका पादुकोण ने डेब्यू किया था. दीपिका पादुकोण को इसके लिए फिल्मफेयर का बेस्ट डेब्यू अवॉर्ड भी मिला. फिल्म की कहानी फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर अदाकारा और एक स्ट्रगलिंग एक्टर की लव स्टोरी पर है, जो दोबारा जन्म लेकर गुनहगार को सबके सामने लाते हैं. फिल्म9. मक्खी (2012)
बाहूबली जैसी सुपरहिट फिल्म बनानेवाले लेजेंडरी फिल्ममेकर एसएस राजमौली द्वारा निर्देशित यह फिल्म पहले तेलुगू में बनी थी, जिसे बाद में हिंदी में डब किया गया था. पहली बार इस फिल्म में ऐसा हुआ था कि हीरो मरकर एक मक्खी के रूप में पुनर्जन्म लेकर आता है और अपनी प्रेमिका को हर मुश्किल से बचाता है. फिल्म की कहानी बेहद मज़ेदार है. मक्खी के रूप में आकर विलेन को सताना और ख़त्म कर देना दर्शकों को बेहद दिलचस्प लगता हैै. फिल्म के बेहतरीन इफेक्ट्स के लिए इसे नेशनल अवॉर्ड फॉर बेस्ट स्पेशल इफेक्ट मिला. मनोरंजन के शौकीनों को यह फिल्म एक बार ज़रूर देखनी चाहिए.10. हाउसफुल 4 (2019)
साजिद नाडियादवाला की यह कॉमेडी फिल्म भी पुनर्जन्म पर आधारित है. अक्षय कुमार, रितेश देखमुख, बॉबी देओल, कृति सेनॉन, पूजा हेगड़े और कृति खरबंदा मुख्य भूमिका में हैं. 14वीं शताब्दी के राजकुमारों और राजकुमारियों की प्रेम कहानी, जब 800 साल बाद दोबारा मिलते हैं, तो किस तरह उनकी ज़िंदगी में बदलाव आते हैं. कॉमेडी दर्शकों को पसंद आई. 250 करोड़ के पार कमाई करनेवाली इस फिल्म का गाना बाला ओ बाला काफ़ी पॉप्युलर हुआ है.- अनीता सिंह
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