हर पैरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा आत्मविश्वास से भरपूर हो. लेकिन बच्चे में आत्मविश्वास तभी आएगा जब पैरेंट्स बच्चे की परवरिश करते समय कुछ बातों का ध्यान रखेंगे. यहां पर बताए गए टिप्स को अपनाकर पेरेंट्स अपने बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं.
बच्चों को अपने फ़ैसले खुद लेने दें
छोटी उम्र से ही बच्चों को अपने फ़ैसले खुद लेना सिखाएं. उनमें अपना फैसला लेने की काबिलियत तभी आएगी जब वे अपना काम खुद करेंगे, न कि पैरेंट्स। फ़ैसला लेते समय बच्चों का मार्गदशन करें, उनको सही-गलत की जानकारी दें. हो सकता उनका फ़ैसला गलत हो, लेकिन गलती करके ही बच्चे को समझ आएगा. जब तक बच्चे अपना काम खुद नहीं करेंगे, तब तक वे सीख नहीं पाएंगे. और उनमें आत्मविश्वास नहीं आएगा.
पैरेंट्स से ही सीखते हैं बच्चे
पैरेंट्स जो काम करते हैं, बच्चे भी वही करते हैं. इसलिए पैरेंट्स को पहले अपने अंदर आत्मविश्वास पैदा करना होगा. सारे घर -बाहर के सारे काम खुद करने होंगे, तभी बच्चे उन्हें देख कर प्रेरित होंगे और सीखेंगे. बच्चा पैरेंट्स से ही आपसी व्यवहार और रिश्ते बनाना सीखता है.
बच्चों को न तो ताना मारें और दूसरों से उनकी तुलना करें
अधिकतर पैरेंट्स की समस्या होती है कि वे दूसरे बच्चों से अपने बच्चों को तुलना करते हैं. जो की सही नहीं है. ऐसा करने से बच्चों का आत्मविश्वास कम होता है. जरुरी नहीं कि सब बच्चे होशियार और बुद्धिमान हो. कोई पढ़ाई में आगे होता है तो कोई स्पोर्ट्स एक्टिविटी में. उसे दोनों के फायदे बताएं. बच्चे के साथ जबर्दस्ती न करें, दबाव न डालें.
बच्चों में डेवलप करें कॉन्फिडेंस
बच्चों में आत्मविश्वास विकसित करने के लिए पैरेंट्स ये टिप्स अपना सकते हैं, जैसे- बच्चों को आत्मविश्वास से भरी लाइनें लिखकर दें और उसे शीशे के सामने बोलने के लिए कहें. इस तरह की लाइनें रोजाना बोलने से बच्चों से आत्मविश्वास बढ़ेगा. अगर कोई जब कोई उन पर कमेंट करता है या परेशान करता है, तो उन पर इसका कोई असर नहीं होगा.
प्रतियोगिताओं में भाग लेने ले लिए प्रेरित करें
स्कूल, सोसाइटी, कॉलोनी में हर जगह होने वाली गतिविधि में भाग लेने के लिए बच्चों को मोटिवेट करें. उन्हें समझाएं कि पार्टिसिपेट करना ज्यादा मायने रखता है, जीतना नहीं. पैरेंट्स इस बात का ध्यान रखें कि एक्टिविटी में भाग लेने के लिए बच्चों के साथ जबरदस्ती नहीं करें. उन्हें उनकी पसंद की एक्टिविटी खुद चुनने दें. इतना ही नहीं यदि बच्चा प्रतियोगिता में सबसे खराब परफार्म भी करे, तो भी आपको उसकी तारीफ करके उसे प्रेरित करें. इन बातों से उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा. धीरे-धीरे वह खुद एक्टिविटी और प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगेगा. और इससे उसका स्टेज फीयर खत्म होगा.