हेल्थ प्रॉब्लम्स का असर हमारी सेहतमंद ज़िंदगी पर तो पड़ता ही है, कुछ हेल्थ प्रॉब्लम्स सेक्स लाइफ को भी मुश्किल में डाल सकते हैं. बीमारियां का हमारी सेक्स लाइफ पर क्या असर होता है? ये हमारे सेक्स जीवन को किस तरह प्रभावित करती हैं? आइए, जानते हैं.
धूल-मिट्टी, प्रदूषण, बदलती लाइफस्टाइल और बदलते मौसम के चलते आए दिन हमें कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है. ये बीमारियां हमारी सेहतमंद ज़िंदगी को प्रभावित करने के साथ ही हमारी सेक्स लाइफ पर भी गहरा असर डालती हैं. कौन-सी हैं वो बीमारियां तथा कैसे निपटें उनसे?
डायबिटीज़
डायबिटीज़ का सेक्स लाइफ पर गहरा असर होता है. यह रोगी की कामेच्छा, परफॉर्मेंस और ऑर्गेज़्म को बुरी तरह से प्रभावित करता है. कई बार डायबिटीज़ के कुछ रोगी नपुंसक तक हो जाते हैं. डायबिटीज़ के ऐसे रोगी जो इंसुलिन लेते हैं, कई बार सेक्स क्रिया के दौरान अधिक उत्तेजना के चलते वे हाइपोग्लेसेमिया की चपेट में भी आ जाते हैं. सेक्स क्रिया के दौरान चक्कर आना, कंपकंपना, धड़कनों का तेज़ होना, ध्यान केंद्रित न कर पाना जैसी तकली़फें हाइपोग्लेसेमिया के संकेत हैं.
कैसे निपटें?
यदि हाइपोग्लेसेमिया का कोई भी संकेत नज़र आए. तो तुरंत शुगर की गोलियां लें. सेक्स क्रिया से पहले एक्स्ट्रा कार्बोहाइड्रेट युक्त फूड, जैसेः पास्ता, चावल या ब्रेड खाने से बचें. साथ ही शुगर लेवल को भी नियंत्रित रखने की कोशिश करें.
कोरोनरी हार्ट डिसीज़
कोरोनरी हार्ट पेशेंट को सेक्स के दौरान सांस लेने में तकलीफ़ या छाती में दर्द होने की संभावना हो सकती है, क्योंकि सेक्स के दौरान ज़्यादातर कोरोनरी हार्ट डिसीज़ पेशेंट का हार्ट रेट बढ़ने लगता है, उनका ब्लड प्रेशर भी हाई हो जाता है. ऐसे में अटैक आने की संभावना और भी बढ़ जाती है.
कैसे निपटें?
दिल के मरीज़, जिन्हें हाल ही में हार्ट अटैक आया हो, उन्हें 3 से 6 सप्ताह तक सेक्स से परहेज़ करना चाहिए. कोरोनरी हार्ट डिसीज़ से पीड़ित रोगी को यदि डायबिटीज़ हो, तो अटैक आने का ख़तरा और बढ़ जाता है. अतः ऐसे पेशेंट को तभी सेक्स करना चाहिए, जब उनका ब्लड प्रेशर तथा पल्स रेट नॉर्मल हो. साथ ही ऐसे पेशेंट्स को भोजन के 3 घंटे बाद तक सेक्स से परहेज करना चाहिए.
मोटापा
हालांकि मोटापा एक आम समस्या है, लेकिन मोटापा सेक्स लाइफ को काफ़ी हद तक प्रभावित करता है. मोटापा न स़िर्फ संबंधित व्यक्ति की कामेच्छा को प्रभावित करता है, बल्कि उसके परफॉर्मेंस पर भी गहरा असर डालता है. कई बार मोटे व्यक्ति ऑर्गेज़्म का सुख भी नहीं भोग पाते हैं.
कैसे निपटें?
मोटापा न स़िर्फ आपकी सेक्स लाइफ को प्रभावित करता है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी ठीक नहीं है. अतः सबसे पहले मोटापा कम करने की कोशिश करें. तली-भुनी चीज़ों के सेवन से परहेज़ करें. एक्सरसाइज़ एवं योगा को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, ताकि आप सेक्स का भरपूर आनंद उठा सकें.
हाइपोथायरायडिज्म
हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव आते हैं, जैसे कि अचानक से वज़न बढ़ना, ज़्यादा गर्मी लगना आदि. नतीजतन ऐसे व्यक्ति की कामेच्छा भी कम हो जाती है.
कैसे निपटें?
डॉक्टर से कंसल्ट करके थायरॉयड को कंट्रोल में रखने की कोशिश करें. इससे आपकी सेक्स लाइफ में संतुलन बना रहेगा.
अस्थमा
अस्थमा से पीड़ित रोगियों में सेक्स क्रिया के दौरान अधिक उत्तेजना के चलते अस्थमा का अटैक आने की संभावना होती है. कई बार महिलाओं में उनके पार्टनर के सेमिनल फ्लूइड में मौजूद प्रोटीन्स की एलर्जी के कारण भी सेक्स के दौरान अस्थमैटिक अटैक आने का ख़तरा बना रहता है. कई महिलाओं एवं पुरुषों में लैटेक्स एलर्जी के कारण कंडोम यूज़ करने पर अस्थमैटिक अटैक आने की गुंजाइश होती है.
कैसे निपटें?
सेक्स क्रिया से पहले ब्रोंकोडिलेटर थेरेपी लें. इससे आपको आराम मिलेगा. डॉक्टर की सलाह पर उचित एक्सरसाइज़ एवं दवाइयां भी आपको राहत दिलाएंगी.
पीठदर्द
पीठदर्द की वजह से न स़िर्फ आपकी दिनचर्या धीमी हो जाती है, बल्कि आपकी सेक्स लाइफ भी प्रभावित होती है. कई बार सेक्स के दौरान ग़लत पोस्चर भी पीठदर्द का कारण बन जाता है, तो कई बार पीठदर्द के चलते सेक्स क्रिया का भरपूर आनंद नहीं लिया जा सकता.
कैसे निपटें?
सेक्स के लिए सही एवं उचित पोस्चर ट्राई करें. पति-पत्नी दोनों में से जिसे पीठदर्द की शिकायत न हो, उसे टॉप पोजीशन अपनाने को कहें. जैसे, यदि पति को पीठदर्द की शिकायत है, तो पत्नी को तथा पत्नी को पीठदर्द की शिकायत है, तो पति को टॉप पोजीशन लेने को कहें. इसके साथ ही भुजंगासन, शलभासन, सुलभ उत्तासन, सर्पासन आदि आसान करें. इससे पीठदर्द से आराम मिलेगा.
आर्थराइटिस
आर्थराइटिस से पीड़ित रोगी की सेक्स लाइफ भी काफ़ी प्रभावित होती है. सेक्स में अधिक एक्सपेरिमेंट या डिफरेंट सेक्स पोज़ीशन ऐसे व्यक्तियों के लिए घातक साबित होता है तथा नए एक्सपेरिमेंट से उन्हें कई तरह की तकली़फें भी होती हैं.
कैसे निपटें?
सेक्स के दौरान ऐसे आसनों का प्रयोग करें, जिनसे जोड़ों पर अधिक दबाव न पड़े. हो सके तो पार्टनर को ही सेक्स क्रिया के दौरान एक्टिव रहने की सलाह दें.
कब करें सेक्स से परहेज?
निम्न स्थितियों में सेक्स से परहेज करेंः
- यदि दोनों पार्टनर में से एक या दोनों शारीरिक तौर पर बीमार हों.
- यदि दोनों पार्टनर में से किसी एक की हाल ही में सर्जरी हुई हो.
- यदि दोनों में से एक पार्टनर एस.टी.डी यानी सेक्सुअल ट्रांसमीटेड डिसीज़ का शिकार हो.
- यदि पार्टनर मानसिक रूप से अस्वस्थ हो.
- यदि दोनों में से कोई एक इंफेक्शन से ग्रसित हो.