जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे समय के साथ हमारा दिमाग़ भी कमज़ोर होने लगता है. इसके अलावा एक और कारण है, जिसकी वजह से हमारा दिमाग़ धीरे-धीरे बूढ़ा होने लगता है और वो है- हमारी कुछ बुरी आदतें. जी हां, अपने इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी ही कुछ बुरी आदतों के बारे में जो हमारे दिमाग़ को बूढ़ा यानी कमज़ोर बनाती हैं.
आदत नंबर 1
हमारे दिमाग़ को कमज़ोर बनाने वाली सबसे बुरी आदतों में से पहली बुरी आदत है पर्याप्त और अच्छी नींद न लेना. यदि हम 8-10 घंटे की सुकून भरी नींद नहीं लेते हैं, तो हम दिनभर थका हुआ सा महसूस करते है और हमारे दिमाग़ को भी आराम नहीं मिलता है, जिसकी वजह से अनेक गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जैसे- गुस्सा, इरिटेशन, डिप्रेशन, याददाश्त कमज़ोर होना, सिरदर्द, मूड स्विंग होना आदि.
एक अध्ययन से ये बात सामने आई है कि अच्छी नींद न लेने पर डिमेंशिया होने का ख़तरा बढ़ जाता है. इस बीमारी में दिमाग के कार्य करने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है. अगर आप चाहते हैं कि आपका दिमाग़ दुरुस्त रहे और सही तरी़के से काम करता रहे, तो रोज़ रात को 8-9 घंटे की नींद ज़रूर लें.
आदत नंबर 2
स्मोकिंग (धूम्रपान) ऐसी ख़तरनाक और बुरी आदत है, जो न केवल दिमाग़ की अच्छी सेहत, बल्कि हमारे पूरे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. स्मोकिंग करने से हमारे ब्लड वेसल्स डैमेज जाते है. स्मोकिंग के कारण शरीर में क्रोनिक इन्फ्लेमेशन होता है. साथ ही डिमेंशिया की समस्या होती है. दिल और दिमाग़ की अच्छी सेहत के लिए ज़रूरी है कि धूम्रपान छोडें.
आदत नंबर 3
दिमाग़ सुचारू रूप से काम करता रहे, इसके सोशलाइज़ करना आवश्यक है, क्योंकि अधिकतर समय अकेले रहने से दिमाग़ के कार्य करने की क्षमता धीमी होने लगती है. जब हम अपने चारों तरफ़ लोगों से घिरे रहते हैं, तो लोगों केसंपर्क में आने से दिमाग़ उत्तेजित होता है और लगातार एक्टिव रहता है. जबकि अकेले रहने पर दिमाग़ सुस्त होने लगता है. सोचने-समझने की क्षमता भी क्षीण पड़ने लगती है और डिप्रेशन, एंग्जायटी और डिमेंशिया की समस्या होने लगती है. बेहतर होगा कि अपने ब्रेन को हेल्दी रखने के लिए फैमिली और फ्रेंड्स से मिलें और उनके साथ फन टाइम बिताएं.
आदत नंबर 4
दिमाग़ को बूढ़ा बनाने वाली एक और बुरी आदत है- शारीरिक गतिविधियां न करना. यदि आप सेडेंटरी लाइफस्टाइल जीते हैं, तो अपने इस लाइफ स्टाइल को बदल डालिए. दिनभर एक ही जगह पर बैठे रहने से अनेक हेल्थ इश्यूज़ होने का ख़तरा बढ़ जाता है, जैसे- मोटापा, हार्ट डिजीज़, डायबिटीज़ आदि. इनकी वजह से दिमाग़ समय से पहले बूढ़ा होने लगता है. यदि आप अपने ब्रेन को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो नियमित रूप से एक्सरसाइज़ ज़रूर करें या फिर वॉकिंग, डांसिंग, स्विमिंग, साइकिलिंग ज़रूर करें.
आदत नंबर 5
ओवर ईटिंग भी एक ऐसी ही बुरी आदत है, जो आपके दिमाग़ को कमज़ोर बना सकती है. बेशक आप हेल्दी और बैलेंस्ड डायट ले रहे हों. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार भोजन में अधिक कैलोरीज़ लेने से याददाश्त पर बुरा असर पड़ता है. और यदि आप ओवर ईटिंग करते हैं, तो ऐसा करने से भी दिमाग़ का सिस्टम धीरे-धीरे कमज़ोर होने लगता है. ज़रूरत से ज़्यादा खाने पर अधिक आलस आता है, पर नींद नहीं आती है, पेट में भारीपन महसूस होता है, जिसकी वजह से नींद में खलल पड़ता है.
आदत नंबर 6
ओवर ईटिंग के अलावा बहुत अधिक जंक फूड खाने से दिमाग़ को नुक़सान पहुंचता है. जो लोग बहुत अधिक फ्राईज़, पोटैटो चिप्स और बर्गर खाते हैं, उनके दिमाग़ के सीखने वाले, मेमोरी वाले और मेंटल हेल्थ से जुड़े हिस्से प्रभावित होतेहैं, क्योंकि जंक फूड में बहुत अधिक कैलोरी होती है, जो सेहत के साथ-साथ दिमाग़ को भी नुक़सान पहुंचाती है. इसके अलावा जंक फूड में शुगर और कैलोरी अधिक होती है, जिससे मोटापा और डायबिटीज़ होने का ख़तरा बढ़ जाता है. अच्छी दिमाग़ी सेहत के लिए जंक फूड का कम और हेल्दी फूड का सेवन अधिक करें.
आदत नंबर 7
10-12 घंटे कान पर हेडफोन लगाकर रखने से सुनने की क्षमता प्रभावित होती है. इतना ही नहीं, हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार यदि आप लगातार 30 मिनट तक कान में हेडफोन लगाए रखते हैं, तो इससे भी सुनने की क्षमता को नुक़सान हो सकता है. और यदि आप ऐसा रोज़ करते हैं, तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि आप अपने सुनने की क्षमता को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं. शायद ये बात कम लोगों को ही पता हो कि जिन लोगों को हियरिंग लॉस होता है, उन्हें अल्जाइमर होने का ख़तरा बाकी लोगों की तुलना में अधिक होता है. इसलिए अगर आप अपनी सुनने की क्षमता को ठीक रखना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि हेडफोन का इस्तेमाल एक सीमा में करें.
आदत नंबर 8
जब हमारी सोच नकारात्मक होने लगती है, तो हम अक्सर चिंतित और तनावग्रस्त रहते हैं, जिसका सीधा असर हमारी मानसिक सेहत पर पड़ता है और धीरे-धीरे डिप्रेशन, एंग्जायटी और नींद न आने की समस्या बढ़ने लगती है. एक अध्ययन से ये साबित हुआ है कि जो लोग हमेशा नकारात्मक विचारों से घिरे रहते हैं या फिर हमेशा निगेटिव बातें करते हैं, वे भी धीरे-धीरे दिमाग़ी तौर पर कमज़ोर पड़ने लगते हैं. दिमाग़ की अच्छी सेहत के लिए यही अच्छा है कि नकारात्मक विचारों को छोड़ें और सकारात्मक सोच को अपनाएं.
आदत नंबर 9
यदि आप किसी तरह की शारीरिक या मानसिक बीमारी से परेशान हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. किसी भी हेल्थ इश्यू को नज़रअंदाज़ करने से और भी कई समस्याएं खड़ी हो सकती हैं, साथ ही आप हमेशा चिड़चिड़ेपन, चिंता और तनाव से भी ग्रस्त रहेंगे.
आदत नंबर 10
यदि आपका मन अंधेरे में रहने, घर से बाहर न निकलने और किसी से बात न करने का करता है, तो इसका मतलब है कि आप तनाव में हैं. बहुत अधिक तनाव में रहने के कारण दिमाग़ के काम करने की गति धीमी हो जाती है. आगे चलकर इसका परिणाम यह होता है कि दिमाग़ समय से पहले ही बूढ़ा होने लगता है.
- पूनम नागेंद्र शर्मा