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तनुश्री दत्ता: आरोप-प्रत्यारोप का दौर… (Tanushree Dutta: The Case Of Indian #Me Too)
जब से तनुश्री दत्ता (Tanushree Dutta) ने नाना पाटेकर (Nana Patekar) पर छेड़छाड़ और ग़लत तरी़के से छूने का आरोप लगाया है, तब से हर दिन यह विवाद एक नया मोड़ लेता नज़र आ रहा है. धीरे-धीरे कई फिल्मी कलाकारों का दोगलापन भी सामने आता जा रहा है.
अब इस विवाद में ज़बर्दस्त मोड़ रवीना टंडन की प्रतिक्रियाओं से आ रहा है. उन्होंने तनुश्री-नाना के विवाद पर एक के बाद एक कई ट्विट किए और अपनी बात को पूरी बेबाक़ी से रखा.
बकौल रवीना पीड़ित अभिनेत्री के साथ-साथ छेड़नेवाले ऐक्टर्स की पत्नियां व गर्लफ्रेंड भी उतनी ही दोषी हैं, क्योंकि वे चुप रहती हैं और खुलकर इसका विरोध नहीं करतीं. अपनी तरफ़ से तो रवीना टंडन ने अपनी बात रखी थी, पर सोशल मीडिया ने इसे और ही रंग दे दिया है, उनके अनुसार, रवीना का इशारा ट्विंकल और अक्षय कुमार की तरफ़ भी था.
इन प्रतिक्रियाओं का दौैर अभी थमा भी न था कि शक्ति कपूर ने गैरज़िम्मेदाराना बयान देकर इसे और हवा दे दी. जब उनसे इस विवाद पर पूछा गया, तो पहले उन्होंने काफ़ी टालमटोल किया कि मैं तो विदेश गणपति पूजा में गया था, मुझे इस बारे में कोई अधिक जानकारी नहीं है. और यह तो दस साल पुराना मामला है और तब तो मैं बच्चा था... अब इस तरह के गंभीर मुद्दे पर शक्ति कपूर के इस बयान से क्या अंदाज़ा लगाया जाए? इसमें कोई दो राय नहीं कि वे भी अमिताभ बच्चन, आमिर ख़ान, सलमान ख़ान आदि की तरह इस पर कुछ भी बयान देने से बचना चाहते हैं.
इन सभी से तो सच्चे और स्पष्टवादी अर्जुन कपूर निकले, जिन्होंने संतुलित शब्दों में ही सही अपनी बात रखी और इंडस्ट्री में महिलाओं की सुरक्षा की पैरवी की.
तनुश्री दत्ता और नाना पाटेकर का विवाद तब आग की तरह फैल गया, जब तनुश्री ने दस साल पहले हॉर्न ओके प्लीज़ फिल्म की शूटिंग के दौरान नाना पाटेकर द्वारा उन्हें उत्पीड़ित करने का आरोप लगाया था. तब फिल्म इंडस्ट्री दो खेमे में बंट गई. जहां कई अभिनेत्रियों ने उन्हें सपोर्ट किया, वहीं कई पुरुष अभिनेता इस पर सवाल करने और मज़ाक उड़ाने से भी बाज नहीं आए.
लेकिन इस पूरे विवाद में कहीं न कही हद तक सच्चाई तो है ही, वरना लीगल नोटिस की धमकी देनेवाले नाना का अभी तक नोटिस तुनश्री को न मिलना, सिंटा (सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन) का माफ़ीनामा कि उन्होंने साल 2008 में तनुश्री द्वारा की गई शिकायत का सही ढंग से जांच-पड़ताल नहीं करवाया. ये सभी बातें इसी तरफ़ इशारा करती हैं.
महिला व बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी तक ने कहा है कि सभी महिलाओं को एकजुट होकर ख़ुद पर होनेवाले अत्याचारों के लिए आवाज़ उठानी चाहिए. उनके अनुसार, Me Too India कैंपेन चलाना चाहिए और दोषी लोगों को कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए.
तनुश्री दत्ता साल 2004 में मिस इंडिया यूनिवर्स रही थीं. 2005 से उन्होंने अपना फिल्मी करियर शुरू किया. फिर कुछ सालों बाद वे अमेरिका चली गई थीं. हाल ही में भारत लौटने पर एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने क़बूला कि हॉर्न ओके प्लीज़ में आइटम नंबर सॉन्ग के समय नाना पाटेकर ने उनसे बदसलूकी की थी. साथ ही वे यह बताने से भी पीछे नहीं हटीं कि चॉकलेट मूवी की शूटिंग के दौरान निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने उनसे कपड़े उतारकर नाचने के लिए कहा था, तब सुनील शेट्टी और इरफान ख़ान ने उनका बचाव किया था. तनुश्री के साथ उनका परिवार भी है. उनके पिता तपनजी के अनुसार, वे इस मामले की क़ानूनी लड़ाई लड़ेंगे.
ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि किसी कलाकार ने ख़ुद पर उत्पीड़न, बदसलूकी, छेड़छाड़ आदि का आरोप लगाया है, लेकिन वर्कप्लेस पर इस तरह का अत्याचार हर किसी को सवालों के घेरे में ला देता है. इन सब के लिए क्या पुरुष प्रधान समाज या यूं कहे फिल्मी दुनिया ही ज़िम्मेदार है. हम अपनी ख़ुद की ज़िम्मेदारी से कैसे पल्ला झाड़ सकते हैं. इस तरह के मामले में आप क्या सोचते हैं और आपकी क्या राय है? अपनी प्रतिकियाएं ज़रूर बताएं.
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