उसकी नज़र में अनशन पर बैठे लोग देश के सच्चे हीरो थे. वो सोच रही थी काश, उसे भी मौक़ा…
“क्यों मुझे भी जीते जी मारने पर तुली है तू? अगर तुझे कुछ हो जाता तो? अंजली तो यही कहती…
ऐसे आदमी के लिए वह ख़ुद को सज़ा देती रही, जिसने रिश्तों को खेल बना रखा था. जैसे वर्जनाएं मात्र…
आजकल मां को अपने पुराने घर की बहुत याद आती है. वह घर पुराना था, असुविधाजनक था, परंतु वह उनका…
बाप रे! एक भी उत्तर इस तरह नहीं दे रही है कि कोई सुराग मिले. तो क्या वक़्त आ गया…
रात को अचानक हॉट फ्लैशेज़ की वजह से मैं बहुत बेचैन हुई. शरीर पसीने से पूरी तरह भीग गया. समीर…
प्रिय अनुराग, शुभाशीष! कल तुमने फ़ोन पर जो कुछ भी कहा, सुनकर क्षणभर को तो स्तब्ध रह गया मैं, फिर…
''शायद तुम ठीक कहती हो. अब ज़िंदगी आराम की रहेगी. आख़िर तुम्हारी तो पूरी ज़िंदगी ही एक रिटायर्ड लाइफ़ रही…
“क्या बात कर रही हो स्वाती! लोग अपने समाज का सड़ा-गला भी खाने को तैयार हैं, पर दूसरे समाज का…
मेरे मस्तिष्क में विचारों का बवंडर चल रहा था. कभी आंखों के आगे तन्वी का चेहरा आता, तो कभी मीता…
“मैं आपको... दुखी करना नहीं चाहती थी...” सतीशचन्द्र के चेहरे पर ज़मानेभर का दर्द सिमट आया. भीगे स्वर में बोले,…
क्या यह प्यार एकतरफ़ा था? शायद नहीं. यक़ीनन नहीं. मैं सोचती थी मैं अपने मन के नहीं दिमाग़ के आधीन…