दुनियाभर में मशहूर तबला वादक और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन (Tabla Maestro Zakir Hussain) अब हमारे बीच नहीं रहे. 73 की उम्र में उनका निधन (Zakir Hussain Passes Away) हो गया है. आज यानी सोमवार सुबह उनकी फैमिली ने ऑफिशियली उनके निधन (Zakir Hussain death) की पुष्टि की. उनकी फैमिली के मुताबिक हुसैन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित थे.
हालांकि कल रात को ही ये खबर फैल गई थी कि जाकिर हुसैन का निधन हो गया है. इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने पोस्ट शेयर करके उन्हें श्रद्धांजलि देनी शुरू कर दी. बॉलीवुड, पॉलिटिक्स से लेकर स्पोर्ट्स तक के कई सेलेब्स ने भी उनके निधन पर अफसोस व्यक्त किया, लेकिन देर रात उनकी फैमिली की ओर से X पर एक पोस्ट शेयर करके उनके निधन की खबरों को गलत बताया गया और कहा गया कि ज़ाकिर हुसैन अभी जिंदा हैं. उनकी हालत नाजुक बनी हुई है, लेकिन उनकी सांसें अभी चल रही हैं.
इसके बाद कई सेलेब्स ने उन्हें श्रद्धांजलि देनेवाले पोस्ट डिलीट कर दिए और उनकी सलामती के लिए दुआ करने लगे. लेकिन आखिरकार जाकिर हुसैन ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उनकी फैमिली ने खुद इस बात की पुष्टि कर दी है कि ज़ाकिर साहब अब नहीं रहे. ज़ाकिर साहब फेफड़ों की बीमारी इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित थे. उन्हें दो हफ्ते पहले सैन फ्रांसिस्को हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में रखा गया था जहां उन्होंने 73 की उम्र में आखिरी सांस ली.
जाकिर का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था. उस्ताद जाकिर हुसैन को 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था. जाकिर के पिता अल्लारक्खा भी तबला वादक थे. जाकिर हुसैन के अंदर बचपन से ही धुन बजाने का हुनर था. उन्होंने सिर्फ 11 साल की उम्र में अमेरिका में पहला कॉन्सर्ट किया था. 1973 में उन्होंने अपना पहला एल्बम 'लिविंग इन द मटेरियल वर्ल्ड' लॉन्च किया था. जाकिर हुसैन ने कुछ फिल्मों में एक्टिंग भी की है. उन्होंने 1983 की एक ब्रिटिश फिल्म हीट एंड डस्ट से डेब्यू किया था, जिसमें शशि कपूर ने भी काम किया था. इसके अलावा हुसैन ने 1998 की एक फिल्म साज में भी काम किया था. इस फिल्म में हुसैन के अपोजिट शबाना आजमी थीं.