सुषमाजी की जीवन यात्रा...
* सुषमा स्वराज ने अपने उल्लेखनीय कार्य, चुनौतीपूर्ण फैसलों, बेबाक़ बयान से भारत की विदेश मंत्री के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई थीं. * हर कोई उनकी तेजस्विता, दमदार आवाज़, गरिमापूर्ण व्यक्तित्व से प्रभावित रहा है. * उन्हें देश की पहली महिला विदेश मंत्री होने का गौरव हासिल है. * सुषमाजी का जन्म अंबाला कैंट (हरियाणा) में 14 फरवरी, 1953 में हुआ था. * यहीं के एसडी कॉलेज से उन्होंने बीए व चंडीगढ़ से लॉ की डिग्री हासिल की. * वे लगातार तीन साल तक एनसीसी की बेस्ट कैडेट व राज्य की श्रेष्ठ वक्ता रहीं. * साथ ही पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें सर्वोच्च वक्ता के रूप में भी सम्मानित किया गया. * पढ़ाई के बाद उन्होंने जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में ज़ोर-शोर से हिस्सा लिया. * साल 1970 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से उन्होंने अपना राजनीतिक करियर शुरू किया. * सुषमाजी सात बार सांसद, तीन बार विधायक रहीं. * वे पूर्व केंद्रिय मंत्री व साल 1988 में दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं. * उन्होंने साल 1977 में चौधरी देवीलाल की कैबिनेट में 25 वर्ष की उम्र में ही राज्य की कैबिनेट मंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया. * साथ ही 27 साल की उम्र में वे जनता पार्टी (हरियाणा) की प्रमुख भी बनी थीं. * वे भारतीय संसद की एकमात्र महिला सांसद हैं, जिन्हें ‘असाधारण सांसद’ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. * वे भाजपा की पहली महिला राष्ट्रीय प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री रही हैं. * 1975 में सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट स्वराज कौशल से उनका विवाह हुआ. * सुषमा स्वराज और उनके पति स्वराज को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने विशेष कपल के रूप अपने बुक में स्थान दिया है. * उनकी बेटी बांसुरी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री व इनर टैम्पल में वकालत की डिग्री ली है. फ़िलहाल वे दिल्ली हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रही हैं. * उनकी जीजिविषा व अदम्य साहस का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि अपनी किडनी फेल होने की सूचना उन्होंने ख़ुद ट्विटर पर दी थी. * उनमें आक्रामकता व सौम्यता का बेज़ोड़ संगम देखने को मिलता है. * ये सुषमाजी के प्रभावशाली भाषण का ही कमाल है कि अक्सर संसद में विपक्ष भी उनकी तारीफ़ करने के लिए बाध्य हो जाते हैं. * वे एक बेहतरीन वक्ता हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है. तभी तो पाकिस्तान से भारतीय महिला गीता को लाने की मुहिम हो… ट्विटर पर गुहार लगानेवाले ज़रूरतमंदों की मदद करनी हो या फिर पाकिस्तान को लेकर साहसपूर्ण विवादास्पद बयान ही क्यों न हो… वे हर बार अपने एक्शन-रिएक्शन से हर किसी को चौंका देती थीं. साथ ही अपनी मधुर मुस्कान से सभी का दिल भी जीत लेती थीं. * सुषमाजी हमेशा हर देशी-विदेशी को उचित मदद मुहैया करवाने के लिए तत्पर रही थीं. उनका यही सहयोगपूर्ण रवैया उन्हें ख़ास व आदरणीय बनाता है. अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर प्रतिक्रिया, आख़री उद्गार- प्रधानमंत्रीजी- आपका हार्दिक अभिनंदन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी.. Thank you Prime Minister. Thank you very much. I was waiting to see this day in my lifetime... भारतीय राजनीति में सुषमा स्वराजजी का योगदान अमर रहेगा. मेरी सहेली की तरफ़ से भावभीनी श्रद्धांजलि!...- ऊषा गुप्ता
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