समर में चिलचिलाती धूप और बढ़ती गर्मी की वजह से स्वास्थ्य बिगड़ने में ज़्यादा देर नहीं लगती. इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं इस मौसम में अपनी सेहत का ख़्याल कैसे रखें, जिससे आप सेहतमंद बने रहें. आइए जाने कुछ समर केयर हेल्थ टिप्स के बारे में.

हीट स्ट्रोक
गर्मियों में तापमान के बढ़ने पर और अधिक समय तक धूप में रहने की वजह से हीट स्ट्रोक हो जाता है, जिससे शरीर में कंपन, धड़कन का बढ़ना, बेहोशी और कमज़ोरी का सामना करना पड़ सकता है. इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है. ऐसे में बार-बार गला और होंठ सूखने की समस्या भी होती है.
कैसे बचें?
- अगर इस तरह के लक्षण नज़र आ रहे हैं, तो बिल्कुल लापरवाही ना करें. ये जानलेवा भी हो सकता है. इसलिए आप तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
- तेज धूप में घर से बाहर निकलने से बचें. अगर निकलना ज़रूरी हो, तो छाता लेकर ही निकलें.
- बार-बार पानी पीते रहें. इससे बॉडी हाइड्रेट रहेगी. बाहर घूम रहे हैं तो शिकंजी, नींबू पानी, लेमन सोडा आदि पीते रहें.
- धूप या तेज़ गर्मी से घर पहुंचते ही तुरंत ठंडा पानी ना पीएं. जब पसीना थोड़ा सूख जाए, तब ठंडा पानी पी सकते हैं.
- गर्मियों में बाहर निकलने से पहले ऐसे कपड़े पहनें, जो बॉडी को ठंडा रखें. इसके लिए कॉटन सबसे अच्छा विकल्प है.
- सिर पर भी हैट या कैप लगाकर ही बाहर निकलें.
- जब भी बाहर निकलें तब चेहरे पर सनस्क्रीन लगाकर निकलें. इससे आपकी त्वचा सूर्य की तेज़ किरणों से बची रहेगी. इससे टैनिंग नहीं होगी. और तो और हाथ-पैर में लोशन लगाकर निकलें, इससे स्किन जलने से बची रहेगी.
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स्किन से जुड़ी समस्याएं
गर्मियों में होने वाली स्किन प्रॉब्लम्स का कारण सूरज की यूवी किरणें हैं. गर्मी की वजह से त्वचा पर खुजली ज़्यादा बढ़ सकती है. इसके साथ ही अगर आपको डर्मेटाइटिस या एक्जिमा, स्किन रैशेज, खुजली, दाने और चकत्ते जैसी द़ि़क्क़तें हैं, तो इस मौसम में वह और ज़्यादा ट्रिगर हो सकती हैं. इसके चलते खुजली और रैशेज हो सकते हैं.
कैसे बचें?
- उएच का इस्तेमाल करें. सीईएम का अर्थ है क्लींजिंग, एक्सफोलिएटिंग और मॉइश्चराइजिंग. बढ़ते तापमान के साथ, त्वचा की कई समस्याएं, जैसे- ड्राई स्किन, स्किन रैशेस, सनबर्न या हाइपर पिग्मेंटेशन, एक्ने आदि. ये सभी समस्याएं सूरज की गर्मी और तेज़ धूप के कारण होती हैं. इसलिए त्वचा की क्लींजिंग करती रहें. इससे सारी गंदगी, एक्स्ट्रा ऑयल निकल जाता है. एक्सफोलिएशन मृत त्वचा की परत को हटाने में मदद करता है. मॉइश्चराइजिंग त्वचा को हाइड्रेट करता है और इसे नर्म-मुलायम रखता है. इसलिए इस फार्मूले का प्रयोग ज़रूर करें.
- कोकोनट ऑयल की कुछ बूंदे टी ट्री ऑयल में मिलाकर लगाने से भी स्किन को बेहद फ़ायदा पहुंचता है.
- स्किन पर कई बार कोई एलर्जी हो जाती है. ऐसे में मेथी के बीज काफ़ी लाभदायक हो सकते हैं. इन दानों को पानी में उबाल लें और फिर उससे नहा लें. ज़्यादा परेशानी हो तो डॉक्टर को दिखाएं.
- स्किन में खुजली, दाग़-धब्बे और जलन को दूर करने में एलोवीरा बहुत अच्छा रहता है, इसलिए इसका प्रयोग भी करें.
- गर्मी में बाहर निकलने से पहले आपको त्वचा की सुरक्षा के लिए कोई अच्छा एस.पी.एफ ज़रूर लगाना चाहिए.
- अधिक पसीना निकलने के कारण स्किन ऑयली हो जाती है, जिससे मुंहासे होने की संभावना बढ़ जाती है. क्ले चारकोल मास्क या मुलतानी मिट्टी के लेप से स्किन को सामान्य बनाया जा सकता है और मुंहासे होने से रोका जा सकता है.
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आंखों की समस्याएं
सूरज की तेज किरणें आंखों के टिश्यू को गंभीर रूप से नुक़सान पहुंचा सकती हैं, जिससे ’फोटो केराटाइटिस (photo keratitis) और ’टेरिजियम’ (terygium) यानी आंख की सतह पर गांठ होना जैसी समस्याओं के साथ आंखों का लाल होना, पानी आना, इंफेक्शन होने जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं.
कैसे बचें?
- धूप में जाने से पहले यूवी प्रोटेक्शन वाले सनग्लासेस ज़रूर पहनें. यह धूप की हानिकारक अल्ट्रावायलेट ए और अल्ट्रावायलेट बी जैसी हानिकारक किरणों से आपकी आंखों को बचाता है.
- अपनी आंखों को सुबह-शाम ठंडे पानी से धोएं. बाहर से आने पर आंखों में धूल, गंदगी चली जाती है. इससे बचाव के लिए भी आंखों को धोना ज़रूरी है.
- 7-8 घंटे की नींद ज़रूर लें. इससे आंखें हेल्दी रहती हैं.
- आइस पैक से आंखों पर 5 से 10 मिनट तक हल्के हाथों से मसाज करें. इससे आंखों को आराम मिलेगा.
- आंखों को छूने से पहले हाथ अच्छी तरह धोएं, ताकि संक्रमण से बचा जा सके.
- गर्मियों में बहुत अधिक कॉन्टैक्ट लेंस के इस्तेमाल से बचें. इससे आंखों में इंफेक्शन का ख़तरा अधिक होता है.

फूड पॉइज़निंग
गर्मियों में बासी खाना खाने, पहले के कटे हुए फल-सब्जी खाने से फूड पॉइजनिंग का ख़तरा बढ़ सकता है. फूड पॉइजनिंग का शिकार होने पर उल्टी और दस्त की समस्या देखने को मिलती है. साथ ही जी मिचलाना, पेटदर्द, ऐंठन और सीने में जलन की शिकायत भी हो सकती है. इसीलिए गर्मियों में ख़ासतौर से खानपान पर ध्यान देना ज़रूरी होता है.
कैसे बचें?
- फल और सब्ज़ियों को अच्छी तरह से धोकर ही इस्तेमाल करें.
- बचा हुआ खाना फ्रिज में रखें, ताकि उसमें बैक्टीरिया न पनप पाएं.
- फ्रिज में कच्चे मांस को पके भोजन के पास ना रखें. ऐसा करने पर बैक्टीरिया पके भोजन को ख़राब कर सकते हैं.
- नियमित रूप से हाथ धोएं. इससे संक्रमण या बीमारियों से बचने में मदद मिलती है.
- बैक्टीरिया और फंगस से बचने के लिए घर में पड़ी नमकीन, स्नैक्स, बिस्किट आदि को हमेशा एयर टाइट डिब्बों में ही रखें.
- गर्मी के मौसम में घर का ही दही और चटनी खाएं.
- स्ट्रीट फूड गर्मियों के मौसम में कम खाएं, ये फूड्स खुले होते हैं. इस पर मच्छर-मक्खियां बैठने से बैक्टीरिया पनपता है और सीधे यह हमारे पेट में जाता है.
- फूड पॉइज़निंग में पानी की कमी हो जाती है. इसलिए डिहाइड्रेशन की कमी को पूरी करने के लिए भरपूर पानी पीते रहना चाहिए.
- फूड पॉयज़निंग होने पर एक ग्लास गुनगुने पानी में नींबू, नमक और शक्कर मिलाकर पीएं.
- अगर तकलीफ़ लगातार बढ़ रही हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें.
चिकन पॉक्स
चिकन पॉक्स या स्मॉल पॉक्स ये दोनों बीमारियां गर्मियों में ज़्यादा होती हैं. दरअसल, यह वेरिसिला जोस्टर नामक वायरस के कारण ज़्यादातर होती हैं. चिकन पॉक्स होने पर दर्द व खुजली बॉडी में बनी रहती है. बुखार भी आ जाता है. शरीर में कमज़ोरी और बॉडी में बहुत ही ज़्यादा दर्द का एहसास बना रहता है.
कैसे बचें?
- चिकन पॉक्स के मरीज़ों को अंडे, फैट फूड मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स खाने से बचना चाहिए.
- चिकन पॉक्स के दौरान सिट्रस फ्रूट्स यानी खट्टे फल और उनका जूस पीने से भी बचना चाहिए.
- बहुत अधिक नमक, मसालेदार फूड, चॉकलेट, मूंगफली जैसी चीज़ें भी ना खाएं.
- प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड के साथ ही तले हुए फूड भी ना खाएं.
- तरल पदार्थों का सेवन भरपूर मात्रा में करते रहें. वहीं डायट में नींबू पानी, नारियल पानी और दाल के पानी का सेवन भी करते रहें.
- चिकन पॉक्स के दौरान नहाने में और कपड़े बदलने में बहुत तकलीफ होती है, इसलिए शुरुआत के दो दिन आप न नहाएं. लेकिन तीसरे दिन नीम के पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी से नहा सकते हैं.

नकसीर फूटना
गर्मियों में इसकी सबसे मुख्य वजह होती है हवा में नमी न होना. तापमान बढ़ने की वजह से हवा की नमी काफ़ी कम हो जाती है, जिसकी वजह से नाक में मौजूद छोटी ब्लड कैपिलरीज फट जाती हैं और खून आने लगता है.
कैसे बचें?
- गर्मी के महीनों में ख़ुद को हर समय हाइड्रेटेड रखने की कोशिश करें. अपनी नाक को सूखने से बचाने के लिए ख़ूब सारे तरल पदार्थ, जैसे- फलों का रस, आम का पना, नारियल पानी, शिकंजी और मिल्क शेक पीएं.
- अगर नाक से खून आ रहा है, तो नाक के नथुने को हल्के से दबाएं और सिर को थोड़ा आगे की ओर झुकाएं.
- ब्लड वेसल्स में सूजन को कम करने के लिए अपनी नाक पर ब़र्फ रगड़ें.
- नकसीर फूटने पर नाक की बजाय मुंह से सांस लेना चाहिए.
- प्याज़ को काटकर नाक के पास रखने और सूंघने से भी नाक से खून आना बंद हो जाता है.
- गर्मियों के मौसम में सेब के मुरब्बे में इलायची डालकर खाने में नकसीर की समस्या दूर होती है.
गर्मियों में कैसा हो आपका खानपान?
क्या खाएं?
- गर्मियों में पसीना अधिक आता है, इसलिए बॉडी को ख़ूब सारे पानी की ज़रूरत होती है, क्योंकि पसीने के साथ नमक और शक्कर शरीर से निकल जाता है. इस कमी को पूरा करने के लिए ओआरएस का घोेल पीना बेस्ट ऑप्शन है.
- ताजे मौसमी फल तरबूज, खरबूजा, खीरा, संतरा आदि मौसमी फलों को अपनी डायट में ज़रूर शामिल करें.
- हल्का खाना खाएं. अपनी डायट में लाइट फूड जैसे खिचड़ी या दाल जैसी चीज़ों को शामिल करें.
- समर में पुदीना वरदान साबित होता है. यह आपको तरोताज़ा महसूस कराने में कारगर है. पाचन को बेहतर करने में भी पुदीना का कोई तोड़ नहीं.
क्या ना खाएं
- हाई प्रोटीन रिच फूड से परहेज़ करें.
- सिगरेट, शराब के साथ ज़्यादा चाय और कॉफी भी समर में सेहत के लिए अच्छा नहीं है. इसलिए इनसे बचें.
- कड़वे, कसैले, तीखे, खट्टे, तेज़मिर्च-मसाले वाले, तले हुए, नमकीन और बासी खाद्य पदार्थ ना खाएं.
- गर्मियों में शुगर से भरपूर ड्रिंक्स जैसे एनर्जी ड्रिंक्स, कोल्ड ड्रिंक्स या फिर सोडा का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर डिहाइड्रेट होता है और ब्लड शुगर लेवल भी तेज़ी से बढ़ सकता है.
- शिखा जैन

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