22 साल की टीना डाबी ने अपनी पहली ही कोशिश में वो कर दिखाया, जिसे करने के लिए लोगों को सालों साल लग जाते हैं. जी हां, साल 2015 के सिविल सर्विसेस एग्ज़ामिनेशन में टीना ने टॉप किया. इंजीनियर माता-पिता की बेटी टीना ने इस प्रिस्टिजियस एग्ज़ाम में पहला स्थान लाकर न केवल अपनी फैमिली का नाम रोशन किया है, बल्कि देश के साथ-साथ महिलाओं की गरिमा में भी चार चांद लगाया है. अपने सक्सेस मंत्र को टीना ने कुछ इस तरह बताया:1. हार्ड वर्क
हार्ड वर्क का कोई ऑप्शन नहीं है. कड़ी मेहनत से कोई भी सफल हो सकता है.
2. फोकस
ऐसे एग्ज़ाम में शामिल होने वाले कैंडिडेट्स को लक्ष्य के प्रति हमेशा फोकस रहना चाहिए.
3. लर्निंग
हमें हमेशा सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए.
4. डिसिप्लिन
अनुशासन में रहकर ही सफलता प्राप्त की जा सकती है.
5. फैमिली सपोर्ट
मेरी इस परीक्षा में मेरे परिवार ने हर तरह से सहयोग किया. मेरी मां ने मेरे लिए बहुत बलिदान किए.
टीना बचपन से ही पढ़ने में होशियार थीं. कॉलेज के समय में भी उन्होंने हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया. अपनी ट्रेनिंग के बाद टीना हरियाणा में पोस्टिंग चाहती हैं, ताकि वहां वो महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत कुछ कर सकें.
अपनी इस सफलता का श्रेय टीना अपनी मां को देती हैं. टीना कहती हैं, “मेरी पढ़ाई की ख़ातिर मां ने नौकरी से वीआरएस लिया. हर क़दम पर न केवल वो मेरी हौसला अफ़ज़ाई करती रहीं, बल्कि पढ़ाई में भी मुझे बहुत सपोर्ट किया.”
टीना के अलावा जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के रहने वाले अतहर आमिर उल शफी ख़ान दूसरे स्थान पर और दिल्ली के जसमीत सिंह संधू तीसरे स्थान पर रहे.
कौन हैं टीना की प्रेरणा?
“मुझे इस मुक़ाम पर पहुंचाने के लिए पूरे परिवार ने साथ दिया, लेकिन असल में मेरी मां मेरी आदर्श और प्रेरणा हैं.”