मेरे पास गाड़ी है.. बंगला है.. बैंक बैलेंस है, तुम्हारे पास क्या है? अब अगर आप भी इस क्या का जवाब देना चाहते हैं और दूसरे लोगों की तरह जीवन में सफलता का परचम लहराना चाहते हैं, तो आइए हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे मूल मंत्र, जिसे अपनाकर आप भी करियर में बुलंदियों को छू सकते हैं.(Success mantra)जॉब बदलने से बचें
करियर काउंसलर मालिनी शाह के अनुसार, ङ्गङ्घआज की युवा पीढ़ी ज़्यादा सैलरी के चक्कर में एक साल भी किसी कंपनी में टिक नहीं पाती. ऐसे में कई बार वो अच्छे अवसर से चूक जाते हैं. सफलता पाने के लिए बहुत ज़रूरी है कि बिना सही समय आए जॉब न छोड़ें. बार-बार जॉब बदलने से आपकी सैलरी तो बढ़ जाएगी, लेकिन आप अपने आप पर फोकस नहीं कर पाएंगे. करियर में ठहराव बहुत ज़रूरी है. जब तक अच्छे विकल्प ना मिलें एक कंपनी से दूसरी कंपनी में जंप करना उचित नहीं है, स़िर्फ पैसों की ख़ातिर अच्छी कंपनी से जंप करना करियर के लिए नुक़सानदायक हो सकता है.फफ
काम में माहिर बनें
ङ्गजैक ऑफ ऑलफ बनने की बजाय ङ्गमास्टर ऑफ वनफ बनना आज की दुनिया में सफल होने का मूल मंत्र है. दो नाव की सवारी करने पर आप पानी में गिर सकते हैं. इसलिए जितना मुमक़िन हो अपने काम में महारत हासिल करें. आगे जिस क्षेत्र में आपको अपना करियर बनाना है, उसी पर पूरा ध्यान दें. दोस्तों या आसपास के लोगों के कहने में आकर हर क्षेत्र में क़िस्मत आज़माने की ग़लती न करें.
लक्ष्य से अवगत हों
करियर में सफल होने के लिए बहुत ज़रूरी है कि आप अपने लक्ष्य से भलीभांति अवगत हों. हवा में तीर मारने और बार-बार लक्ष्य बदलने की प्रक्रिया आपको सफलता से कोसों दूर कर देती है. ज़माना भले ही बदल गया हो, लेकिन आज भी सफलता पाने के लिए आपको अर्जुन की तरह लक्ष्यभेदी चिड़िया की आंख पर निशाना साधना होगा, तभी आप अपने जीवन में सफल हो पाएंगे.
डिक्शनरी से No शब्द मिटाएं
जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. कभी जॉब से बहुत ज़्यादा उम्मीद तो कभी निराशा झलकती है और जॉब छोड़ने का मन करता है, लेकिन इन बातों से निराश नहीं होना चाहिए. आप कमज़ोर हैं या फिर उस काम को आप नहीं कर सकते. इस तरह की बेवजह व नकारात्मक बातों को अपने अंदर से निकाल दें. अपने मन के शब्दकोश से ङ्गनफ शब्द को हमेशा-हमेशा के लिए ख़त्म कर दें.
बी प्रैक्टिकल
व्यक्तिगत जीवन में इमोशनल होना अच्छी बात है, लेकिन कार्यक्षेत्र में प्रैक्टिकल होना बहुत ज़रूरी है. सफलता उसी को मिलती है जो कार्यस्थल पर प्रैक्टिकल रहता है. उदाहरण के लिए अगर आपकी पहली कंपनी सैलरी नहीं बढ़ा रही है और आपको किसी दूसरी कंपनी से अच्छा ऑफर मिल रहा है, तो तुरंत उस ऑफर की तरफ़ हाथ बढ़ाएं, न कि पहली कंपनी से जुड़ी अपनी यादों के घेरे में बंधे रहें.
अपनी क्षमता को ख़ुद पहचानें
राजू डॉक्टर बन गया... रमेश अमेरिका से मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा है या फिर पारुल बड़े फर्म में अच्छे पे स्केल पर नौकरी कर रही है. इस तरह की बातें सोचकर ख़ुद भी उसी राह पर चलने से पहले ज़रा सोचिए कि क्या आप भी अपने उन्हीं दोस्तों की ही तरह शैक्षणिक, मानसिक और आर्थिक रूप से सक्षम हैं? जीवन में सफल होने के लिए बहुत ज़रूरी है कि आप अपनी क्षमता को ख़ुद परखें और जानें कि आप कितने पानी में हैं? दूसरों के कहने पर बिना सोचे-समझे उठाया गया आपका हर क़दम आपको पीछे की ओर ले जाएगा.
अच्छा नहीं, सबसे अच्छा करने की ज़िद्द
बीत गए वो दिन जब लोग एक जॉब पाकर उसी से संतुष्ट हो जाते थे और सारी ज़िंदगी एक ही कंपनी में बिता देते थे. आज अगर आपको सफल होना है तो करियर का बेस्ट देने की सोचें. किसी भी कंपनी में काम करते हुए स़िर्फ अच्छा करके संतुष्ट होने की बजाय सबसे अच्छा करने की सोचें. जब तक आप अपने सहकर्मियों से अच्छा नहीं करेंगे आप भी उन्हीं की श्रेणी में रह जाएंगे.
प्रेरणादायक है असफलता
जिस तरह से ठोकर लगने पर आप चलना सीखते हैं, ठीक उसी तरह सफलता का असली आनंद तभी आता है, जब आप अपनी असफलता से सीख लेकर आगे बढ़ने की सोचते हैं और सफलता के क़रीब पहुंचते हैं. पहले की गई अपनी ग़लतियों से प्रेरणा लेकर भविष्य में अच्छा करने की कोशिश करें.
ख़ुद का बिज़नेस
करियर काउंसलर मालिनी शाह के अनुसार, 8 से 9 घंटे किसी और के यहां काम करके महीने के अंत में सैलरी लेने की प्रक्रिया को जितनी जल्दी हो सके ख़त्म करें. जीवन की दौड़ में सबसे आगे निकलना है, तो जल्द ही अपना बिज़नेस शुरू करें. इससे न स़िर्फ आपका प्रॉफिट बढ़ेगा, बल्कि आपका स्किल और कॉन्फिडेंस भी
अपने मिशन में क़ामयाब होने के लिए आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित निष्ठावान होना पड़ेगा- अब्दुल कलामजीतने वाले अलग चीज़ें नहीं करते, वो चीज़ों को अलग तरह से करते हैं- शिव खेड़ा