लाफ्टर क्वीन भारती सिंह अपनी दमदार कॉमेडी और मस्त अंदाज़ के लिए घर-घर में पॉपलुर हैं. भारती आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं, वो आज जिस मुकाम पर पहुंची हैं, उसके लिए बेशक उन्हें काफी संघर्ष करने पड़े हैं. आज कॉमेडी की क्वीन भारती सिंह करोड़ों की मालकिन हैं और लग्ज़री लाइफ जीती हैं, लेकिन उनकी ज़िंदगी में एक ऐसा भी दौर था, जब उनके परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी. भारती का परिवार कभी भूखे पेट सोने तो कभी नमक रोटी खाकर गुजारा करने को मजबूर था. आइए जानते हैं भारती सिंह के संघर्ष की दिल छू लेने वाली कहानी...
कहा तो यह भी जाता है कि उन्हें अपनी सांसों के लिए भी संघर्ष करना पड़ा था. उनकी लाइफ में एक ऐसा दौर भी था, जब उन्हें नमक रोटी खाकर गुजारा करना पड़ता था. दरअसल, भारती सिंह की मां की शादी 17 साल की उम्र में हो गई थी और 23 साल की उम्र तक उनके तीन बच्चे हो गए थे. जब भारती महज 2 साल की थीं, तब उनके पिता का निधन हो गया था. यह भी पढ़ें: गौहर खान से लेकर भारती सिंह तक, इन अभिनेत्रियों ने आराम करने के बजाय प्रेग्नेंसी में लगातार किया काम (From Gauahar Khan to Bharti Singh, These Actresses Worked Continuously During Pregnancy Instead of Taking Rest)
आपको बता दें कि भारती के पिता नेपाली थे, जबकि उनका मां पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखती हैं. दो साल की उम्र में सर से पिता का साया उठ जाने के बाद परिवार की जिम्मेदारी भारती की मां कमला सिंह पर आ गई. भारती की मानें तो जब वो पेट में थीं, तब उनकी मां अबॉर्शन कराने की योजना बना रही थीं, क्योंकि उन्होंने भारती को जन्म देने का कोई प्लान नहीं किया था.
हालांकि फिर उनकी मां ने अपना फैसला बदल दिया और भारती को जन्म दिया. अब उनका परिवार कहता है कि अगर भारती नहीं होती तो उनका परिवार इस मुकाम तक शायद कभी नहीं पहुंच पाता, क्योंकि भारती के पिता के निधन के बाद परिवार की माली हालत बद से बदतर हो गई थी. उनकी मां कमला ने काफी मेहनत की और परिवार को पाला, लेकिन कई बार उन्हें भरपेट खाना भी नसीब नहीं होता था.
पढ़ाई के लिए भी भारती को काफी मेहनत करनी पड़ी, दरअसल, कॉलेज की फीस माफ कराने के लिए भारती ने स्पोर्ट्स कोटे से दाखिला लिया था. वह रोजाना सुबह पांच बजे प्रैक्टिस करने के लिए कॉलेज पहुंच जातीं, ताकि उन्हें जूस के लिए मिलने वाला पांच रुपए का कूपन मिल सके. भारती सारे कूपन इकट्ठा करतीं और फिर उनसे फल खरीदकर घर ले जाती थीं. यह भी पढ़ें: अपने एक साल के बेटे गोला की हेल्थ का खास ख्याल रखती हैं भारती सिंह, खाने में लाड़ले को देती हैं ये चीजें (Bharti Singh Takes Special Care of the Health of Her One-Year-Old Son Gola, Gives These Things in Food)
जैसे-तैसे अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भारती सिंह अमृतसर में थिएटर करने लगीं, जहां उनकी मुलाकात कपिल शर्मा ने हुई. उन्होंने ही भारती को लाफ्टर चैलेंज के लिए ऑडिशन देने की सलाह दी थी. कपिल की सलाह मानकर भारती अपने सपने को पूरा करने के लिए मुंबई पहुंचीं और मां ने भी उनका पूरा साथ दिया. ऑडिशन देने के बाद भारती लाफ्टर चैलेंज के लिए सिलेक्ट हो गईं और उसके बाद से भारती की किस्मत ने ऐसी करवट ली कि उन्हें फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा.
(फोटो सौजन्य: इंस्टाग्राम)