गर्म पानी पीने के चमत्कारी फ़ायदे (Health Benefits Of Drinking Warm Water)
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जब भी हम थके-हारे और प्यासे होते हैं तो सबसे पहले एक ग्लास ठंडा पानी पीने की इच्छा होती है. तब हमें ठंडा पानी अमृत से कम नहीं लगता, लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ठंडा पानी हमारी सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता. यह हम नहीं, आर्युवेद कहता है. आयुर्वेद के अनुसार, ठंडे पानी से हमें हर क़ीमत पर परहेज़ करनी चाहिए, ख़ासतौर पर खाना खाने के दौरान. खाना खाते समय ठंडा पानी पीने से पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है, जिसके कारण अपच व शरीर में टॉक्सिन्स एकत्रित होने की समस्या हो जाती है.
इसके ठीक विपरीत गर्म पानी हमारी सेहत के लिए अमृत का काम करता है. गर्म पानी पीने से अलावा कफ़ के असंतुलित होने के कारण होनेवाली बीमारियों में काफ़ी फ़ायदा होता है. गर्म पानी शरीर में चर्बी को एकत्रित होने से रोकता है और यूरिनरी ब्लैडर को साफ़ करता है. आइए जानते हैं, गर्म पानी पीने के कुछ जादुई फ़ायदे.
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1. डिटॉक्सिफिकेशन में सहायक
गर्म पानी पीने से शरीर में एकत्रित विषाक्त पदार्थो से छुटकारा मिलता है. इसलिए सुबह उठने के साथ गर्म पानी में नींबू व शहद डालकर पीने की सलाह दी जाती है.
2. पाचनतंत्र बेहतर होता है
गर्म पानी पीने से डाइजेस्टिव सिस्टम ऐक्टिवेट होता है और शरीर का मेटाबॉलिज़्म भी सुधरता है.
3- कब्ज़ से आराम मिलता है
गर्म पानी आंत में रक्त का प्रवाह को सक्रिय करता है, जिसके कारण पेट साफ़ होने में मदद मिलती है.
4- बंद नाक से छुटकारा
बंद नाक व गले की खराश से पीड़ित लोगों को गर्म पानी पीने से काफ़ी फ़ायदा होता है,
5- स्किन इंफ्लेमेशन में असरदार
गर्म पानी का सेवन करने से पित्त घटता है, जिसके कारण स्किन इंफ्लेमेशन से जुड़ी समस्याओं जैसे एक्ने व रैशेज़ से आराम मिलता है.
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इतना ही नहीं, गर्म पानी टिशूज़ में रक्त के प्रवाह को तेज़ करता है, नतीजतन दर्द इत्यादि से आराम मिलता है. अब आपको समझ में आ गया होगा कि माहवाही के दौरान गर्म पानी पीने की सलाह क्यों दी जाती है. इसके अलावा तेल व घी इत्यादि का सेवन करने के बाद भी गर्म पानी पीने लाभदायक होता है, इससे चिकनाई पेट में जमती नहीं है. अब हम आपको वात, पित्त व कफ़ को संतुलित करने के लिए कुछ वॉटर रेसिपीज़ बता रहे हैं.
क़फ़ संतुलित करने के लिए
यह रेसिपी बनाने के लिए एक पैन में दो लीटर पानी 10 मिनट तक उबालें. फिर इसे आंच से उतारकर पानी में दो-तीन तुलसी की पत्तियां, अदरक के टुकड़े, एक चौथाई टीस्पून जीरा व आधा टीस्पून सौंफ डालकर अच्छी तरह मिलाएं. इस मिश्रण को थर्मस में रखकर दिनभर थोड़ा-थोड़ा पीएं.
वात संतुलित करने के लिए
एक पैन में दो लीटर पानी गर्म करें. जब यह उबलने लगे तो इसे आंच से उतारकर इसमें तीन पुदीने की पत्तियां, आधा टीस्पून सौंफ व एक चौथाई मार्शमैलो (एक प्रकार का पौधा) की जड़ डालें. इस मिश्रण को थर्मस में रखकर दिनभर थोड़ा-थोड़ा पीएं.
पित्त संतुलित करने के लिए
एक पैन में दो लीटर पानी गर्म करें. जब यह उबलने लगे तो इसे आंच से उतारकर उसे एक चौधाई सौंफ, एक लौंग व दो रोज़ बड्स डालें. इस मिश्रण को थर्मस में रखकर दिनभर थोड़ा-थोड़ा पीएं.
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