शादी से क्या अभिप्राय है?
- यह शरीर, मन व आत्मा का मिलन है. दांपत्ति अपना भावी जीवन साथ बिताना चाहते हैं. अपनी समस्याएं, अपने सुख-दुख में एक-दूसरे का साथ निभाना चाहते हैं. भविष्य को मिलकर उज्ज्वल बनाएंगे.
- विवाह एक वैधानिक व्यवस्था है जिसमें आप अपना परिवार बढ़ाएंगे. दो लोग साथ रहें और उस प्यार के रिश्ते का वैधानिक नाम है विवाह होना.
- वैवाहिक संबंध दोनों को संतुष्टि व अपनी अपनी विषयों को मिल बांट कर ख़ुशी मनाने का मौक़ा दें.
- यह ज़रूरी है कि पति-पत्नी दोनों मनोवैज्ञानिक दृष्टि से समझदार हों और विवाह से पूर्व दोनों में परस्पर अच्छी समझ हो इसके साथ ही आर्थिक स्थिति भी अच्छी हो और लंबे समय तक साथ रहने का धैर्य भी हो.
एक दूसरे को कितना समझते हैं?
- विवाह से पूर्व ही उस सवाल का जवाब जानने का प्रयास करें, आज मैनेजमेंट का ज़माना है. डथजढ (स्ट्रेन्थ, वीकनेस, अपारच्युनिटी और थ्रेट) से सभी परिचित हैं. आपके रिश्ते की ताक़त/ शक्ति और कमजोरियां व रिश्ता किन स्थितियों में टूटने के कग़ार पर आ सकता है. सबसे अवगत होना ज़रूरी है.
- अपने साथी की उपलब्धियिों व अच्छाइयों पर तो नाज़ कर सकते हैं, पर क्या उसकी कमजोरियों को स्वीकार कर सकते हैं. भविष्य में निराशा व संघर्ष से बचने के लिए यह ज़रूरी है कि जीवनसाथी को उसकी अच्छाई व कमजोरी दोनों को साथ स्वीकार करना होगा. एक-दूसरे को बदलने के प्रयास करने की बजाय आपकी बातचीत से शांतिपूर्वक अपना पक्ष रखने व दूसरे को सुनने के गुर सीखने होंगे.
- क्या जीवनसाथी के परिवार व दोनों के साथ तालमेल कैसा है. केवल जीवनसाथी से अच्छे व्यवहार से बात नहीं बनती है. क्या उसके परिवार वालों व दोस्तों को देखकर आपकी भवें तन तो नहीं जातीं? यदि ऐसा है तो अपने आपको सुधार लें. तुम्हारी मां ने ऐसा क्यों कहा? तुम्हारे दोस्त ऐसे या वैसे क्यों हैं? की छोटी छोटी लड़ाइयां रिश्तों को टूटने के कग़ा पर ले आती है. इनसे दोस्ताना व्यवहार आपके रिश्ते को प्रगाढ़ कर आपका ही सामाजिक दायरा बढ़ाएगा.
क्या मैं शादी के बाद अच्छा पति या पत्नी साबित होऊंगा?
- आजकल पति पत्नी दोनों कामकाजी हैं और प्रो़फेशनल होने नाते उनकी बड़ी ज़िम्मेदारियां हैं. शादी के बाद सारी घरेलू ज़िम्मेदारियां स़िर्फ पत्नी के हवाले कर देने का ज़माना नहीं है. क्या इस बदली हुई स्थिति को संभालने के लिए आप तैयार हैं.
- पत्नी के साथ संग-संग किचन में, बच्चों की बेबी सिटिंग जैसी ज़िम्मेदारियों के लिए अपने को अभी से तैयार कर लें. ङ्गईगोफ को कहीं किसी छुपे कोने में ही छुपा दे जहां से उसे ढूंढा न जा सके.
- यही नहीं, ख़र्चे भी मिल-बांट कर करने होंगे, ज़्यादा महाभारत इसी कारण होते हैं.
विवाह पूर्व हेल्थ चेकअप करना ज़रूरी है?
- आपके व भविष्य में आपके परिवार के स्वास्थ्य के लिए आपका हेल्थ चेकअप ज़रूरी है. सुखी वैवाहिक जीवन ग्रह नक्षत्रों की दशा पर नहीं आपके स्वस्थ शरीर पर निर्भर करता है. कोई ऐसी बीमारी जो आने वाले समय में आपके बच्चों को प्रभावित कर सकती है के बारे में पहले से जानकर एक-दूसरे पर दोष मढ़ने की स्थिति नहीं आती है.
- विवाह के बाद शिशु आगमन के लिए थोड़ा इंतज़ार करें ताकि एक-दूसरे को आप समझ सकें. शिशु के आगमन के लिए शारीरिक व मानसिक दृष्टि से तैयार हो सकें. शिशु घर में ख़ुशियों का सबब बनकर आये न कि जी का जंजाल बन जाएं.
- ख़लील ज़िब्रान ने कहा था कि विवाह के रिश्ते में एक-दूसरे से प्रेम को बेड़ी मत बनाओ. एक-दूसरे का प्याला तो भरो किंतु दोनों एक ही प्लाले से मत पियो. अपनी रोटी दूसरे को खिला दो, किंतु दोनों एक ही रोटी से मत खाओ. मिलकर नाचो, गाओ और ख़ुशियां तो मनाओ, किंतु अपनी अपनी जगह पर अकेले रहो. वैसे की जैसे वीणा का प्रत्येक तार अकेला रहकर भी एक ही संगीत से झंकृत होता है. एक सुंदर स्वर लहरी निकले आपके मिलन से इसके लिए ज़रूरी है कि कुछ ख़ास बातें याद रखना न भूलें.
- अदिति
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