क्या सेक्सुअल फैंटेसी के बारे में सोचना ग़लत है?... मैं 16 साल की हूं. मेरी दोनों शादीशुदा बहनें जब मायके आती हैं, तो अक्सर अपनी शादीशुदा जीवन के अंतरंग पहलुओं के बारे में बातें करती हैं. उनकी बातों को सुनकर मैं अपनी एक अलग सेक्सुअल फैंटेसी की दुनिया में खो जाती हूं. मैं कुछ अलग ही अनुभव से गुज़रती हूं. चूंकि मेरी अब तक शादी नहीं हूं तो क्या ऐसा सोचना ग़लत है?
- करुतिका पटेल, कोल्हापुर.
आप एक नाज़ुक और मुश्किल दौर से गुज़र रही हैं. दरअसल उम्र के इस पड़ाव पर शरीर में हार्मोन्स में काफ़ी बदलाव होते हैं. सेक्सुअली कई परिवर्तन से हम गुज़रते हैं. पुरुषों की तरह महिलाओं में भी सेक्स को लेकर उसी तरह की इच्छा और उत्तेजना रहती है. यदि आप सेक्सुअल फैंटेसी देखती हैं तो भी आप सामान्य और स्वस्थ हैं. अतः इसे लेकर अधिक चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. आप अपनी दोनों बहनों की बातों को न सुनें तो बेहतर है, क्योंकि इस उम्र में यह ठीक नहीं. कुछ बातें सही उम्र और व़क़्त पर जानी जाए तो ही अच्छा है. यह भी पढ़े: कैसा हो पार्टनर का पोस्ट सेक्स बिहेवियर? यह भी पढ़े: कितनी हेल्दी है आपकी सेक्स लाइफ ?सेक्स को लेकर तनाव भी रहता है... मेरी दादी मां मुझे हमेशा लड़कों से बात करने के लिए मना करती रहती हैं. वे कहती हैं कि लड़के बुरे होते हैं, वे लड़कियों का फ़ायदा उठाते रहते हैं. वह मुझसे लड़कों से बात करने के लिए भी मना करती हैं, जबकि मुझे लड़के पसंद हैं और मैं अक्सर सपना देखती हूं कि मैं उनके साथ गार्डन-बीच आदि पर घूम रही हूं. उस समय दिलोदिमाग़ पर सेक्स को लेकर अलग-सा तनाव भी रहता है. मैं दादी मां को इसके बारे में कुछ नहीं बता पा रही. मैं 19 साल की हूं. क्या करूं?
- कुमकुम वर्मा, इलाहाबाद.
आप क्या सोचती हैं जब आपकी दादी मां और आपकी मां आपकी उम्र में रही होंगी, तब उनके साथ ऐसा नहीं हुआ होगा. इस उम्र में लड़कों के प्रति आकर्षण पैदा होना एक सामान्य बात है. लड़कों से बात न करना सही नहीं है. इससे आपका स्वाभाविक ग्रोथ नहीं हो पाएगा. आप दादी मां का सम्मान करें, पर साथ ही लड़कों से बात भी करें. लेकिन ध्यान दें कि आपका आचरण सही हो. सेक्स की तरफ़ से ध्यान हटाकर रचनात्मक कार्यों की तरफ़ अपना ध्यान केंद्रित करें.