Close

नवजोत सिंह सिद्धू को SC का बड़ा झटका, 34 साल पुराने केस में एक साल सश्रम कैद की सजा (SC’s Big Blow To Navjot Singh Sidhu, One Year Rigorous Imprisonment In 34-Year-Old Case)

जाने माने क्रिकेटर और राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस नेता सिद्धू को 34 साल पुराने रोड रेज केस में सुप्रीम कोर्ट ने एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. दरअसल 15 मई, 2018 के एक हजार रुपए के जुर्माने की सजा को कोर्ट ने बदल दिया है. गौरतलब है कि साल 2018 में पार्किंग को लेकर सिद्धू का झगड़ा हो गया था जिसमें एक वृद्ध व्यक्ति की मौत हो गई थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले उनको 1 हजार रुपए का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था. लेकिन इसके विरोध में पीड़ित पक्ष ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एएम खानविलकर की बैंच ने ये फैसला सुनाया है.

दरअसल जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई थी उसके परिवार ने रिव्यू पिटीशन दायर की थी. अब उसी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. मिली जानकारी के अनुसार पंजाब पुलिस सिद्धू को कस्टडी में लेगी. हालांकि पीड़ित के परिवार ने मांग की थी कि सिद्धू पर आईपीसी की धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया जाए, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया.

गौरतलब है कि साल 2018 में नवजोत सिंह सिद्धू का अंतर्राष्ट्रीय करियर शुरु हुए एक साल ही हुआ था. उसी साल 27 दिसंबर को सिद्धू अपने दोस्त रुपिंदर सिंह संधू के साथ शेरावाले गेट की मार्केट में पहुंचे थे. इसी मार्केट में कार पार्किंग को लेकर 65 साल के एक बुजुर्ग के साथ उनकी कहासुनी हो गई थी. बात बढ़ गई और हाथापाई तक पहुंच गई. ऐसे में सिद्धू ने उस व्यक्ति को घुटना मारकर गिरा दिया. उन्हें चोट लगी तो अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. रिपोर्ट में बताया गया कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी. लेकिन पीड़ित परिवार ने सिद्धू के खिलाफ मामला दर्ज किया था और अब जाकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुना दी है.

सश्रम या कठोर कारावास क्या होता है? - सश्रम कारावास में कैदी को सजा के दौरान कठिन परिश्रम वाला काम करवाया जाता है. आमतौर पर जेल में रहने वाले विचाराधीन कैदी खुद ही अपने छोटे-मोटे काम करते हैं, लेकिन सजायाफ्ता कैदियों को जेल प्रबंधन की तरफ से अलग-अलग काम दिये जाते हैं, जिसमें माली का काम, साफ सफाई का काम, बढ़ईगिरी, रंग रोगन का काम, किचन के काम, पत्थर तोड़ने के काम, पेंटर और वेल्डिंग जैसे काम शामिल होते हैं. जिन्हें सश्रम या कठोर कारावास की सजा मिलती है उनसे जेल प्रबंधन कड़ी मेहनत करवाता है. दिए गए काम को तय समय पर खत्म करना होता है. उस काम के बदले कैदी को प्रतिदिन के हिसाब से मेहनताना भी दिया जाता है। 

Share this article

https://www.perkemi.org/ Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Situs Slot Resmi https://htp.ac.id/ Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor https://pertanian.hsu.go.id/vendor/ https://onlineradio.jatengprov.go.id/media/ slot 777 Gacor https://www.opdagverden.dk/ https://perpustakaan.unhasa.ac.id/info/ https://perpustakaan.unhasa.ac.id/vendor/ https://www.unhasa.ac.id/demoslt/ https://mariposa.tw/ https://archvizone.com/