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मूवी रिव्यू-एक साधारण टीचर की असाधारण कहानी है रानी मुखर्जी की हिचकी ! (Rani Mukerji starrer Hichki Movie Review)
चार साल के इंतज़ार के बाद एक बार फिर रानी मुखर्जी (Rani Mukerji) हिचकी (Hichki) लेकर अपने दर्शकों के बीच आ चुकी हैं. जी हां, रानी मुखर्जी की कमबैक फिल्म 'हिचकी' सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है. रानी की यह फिल्म एक साधारण टीचर की असाधारण और प्रेरणादायक कहानी है. इससे पहले रानी को आख़िरी बार साल 2014 में फिल्म 'मर्दानी' में देखा गया था, इस फिल्म के बाद रानी ने फिल्मों से ब्रेक लेकर अपना पूरा ध्यान परिवार पर लगा दिया था.
इस फिल्म में रानी का किरदार अमेरिकन मोटिवेशनल स्पीकर और टीचर ब्रैड कोहेन से प्रेरित है. जिसमें रानी मुखर्जी नैना माथुर नाम की एक टीचर का किरदार निभा रही हैं. फिल्म में नैना टॉरेट सिंड्रोम से पीड़ित हैं जिसके चलते उन्हें बार-बार हिचकी आती है.
हिचकी आने की समस्या के चलते उन्हें बचपन में 12 स्कूल बदलने पड़े, हालांकि वो बचपन से ही एक टीचर बनने का ख्वाब देखती हैं, लेकिन हिचकी की समस्या के चलते 5 साल में 18 स्कूलों में रिजेक्ट हो जाती हैं फिर भी वो हार नहीं मानतीं और जब उन्हें एक मौका मिलता है तो वो खुद को साबित करने में कामयाब होती हैं.
कई बार रिजेक्ट होने के बाद नैना को अपने ही स्कूल में गरीब बच्चों को पढ़ाने का मौका मिलता है. हालांकि शुरूआत में स्कूल के बच्चे काफी परेशान करते हैं, लेकिन क्या नैना उन बच्चों को सुधार पाने में कामयाब होती हैं या नहीं, यह जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी पड़ेगी.
फिल्म में रानी ने अपने किरदार को बहुत ही खूबसूरती से निभाया है. वहीं फिल्म के डायरेक्टर सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा ने इस कहानी को बेहतरीन तरीके से पर्दे पर उतारा है. इस फिल्म की कहानी आपको शुरूआत से लेकर आखिर तक बांधकर रखने में सक्षम है. बात करें गानों की तो इसके गाने भी फिल्म की कहानी से मैच करते हैं. इसके अलावा फिल्म का क्लाइमैक्स भी काफी दमदार है.
अगर आप एक्शन, रोमांस और कॉमेडी फिल्मों से हटकर कोई प्रेरणादायक कहानी देखना चाहते हैं तो इस वीकेंड अपने बच्चों और परिवार के साथ रानी मुखर्जी की फिल्म 'हिचकी' देखने के लिए सिनेमा हॉल ज़रूर जाएं.
रेटिंग- 3.5/5
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