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रंग तरंग- हाय ये कस्टमर केयर… (Rang Tarang- Haye Yeh Customer Care…)

अपने देश में हमें इस बात को अपना सौभाग्य समझना चाहिए कि बड़ी कंपनियों ने हमें इस लायक़ समझा कि हमारी सहायता के लिए कस्टमर केयर सिस्टम बना दिया. अरे, कम से कम कोई कुछ करे न करे हमारी बात तो सुनाता है, वरना किसी बनिए के यहां से समान लीजिए, आप लाख कंप्लेन करे कि सामान ख़राब है, वह मनाने को तैयार ही नहीं होता. जबकि कस्टमर केयर वाला कहता है, "इस मामले में आपकी पूरी सहायता की जाएगी, आप लाइन पर बने रहें…" मेरी समझ में आज तक यह नहीं आया कि अभी दस-पंद्रह मिनट से लाइन पर ही तो बने थे, अब ये किस लाइन पर बने रहने की बात कर रहा है.

जिसने लाइफ में कस्टमर केयर से बात नहीं की यक़ीन मानिए इस संसार में उसका जन्म लेना निरर्थक है. वैसे इस कस्टमर केयर संस्थान का जन्म मेरे सामने हुआ है. जब नेट बैंकिंग पैदा हुई, तो देश में कस्टमर केयर आया. तब बेसिक मोबाइल पर भी पति को डांट पड़ जाती थी. बैंक वाली कस्टमर केयर वाली लड़की की रिकॉर्डेड वायस सुनने के बदले.
बड़ी मुश्किल से इक्कीसवीं सदी के शुरू होने के बाद बार-बार बच्चों के समझाने के बाद बच्चों की मम्मी को समझ आया कि पापा का कोई चक्कर नहीं है, पर भरोसा तब भी नहीं हुआ. इस चक्कर में समझदार लोग तो स्पीकर ऑन करके बात करने लगे कि सुन लो कोई इधर-उधर की बात नहीं हो रही है.
कई बार ये नंबर कॉल बैक कर चेक किए गए, तो कंप्यूटराइज्ड कॉल होने के कारण री डायल नहीं हुए. इसका फ़ायदा उठा कर कई लोगों ने असली चक्कर वाले नंबर और रियल कॉल भी बैंक के कस्टमर केयर नाम से सेव कर डाले थे. घर में ख़तरा होने पर किसी भी कॉल को आईसीआईसीआई की कॉल बता कर दोनों तरफ़ बच जाते. इधर समझा जाता बैंक की कॉल है, उधर समझ आ जाता कि घर में ख़तरे की घंटी बज रही है.
यहां तक कि किसी भी ख़तरे के लिए‌ एलआईसी और आईसीआईसीआई कोड वर्ड यूज होने लगा. दोस्त लोग चुटकी लेते, "कहो गुरु किस नंबर का कस्टमर केयर कॉल था, कहो तो भाभीजी को नंबर शेयर कर दें." तब बंदा कहता, "तुम हमारे दोस्त हो की दुश्मन बैठे बैठाए मुसीबत खड़ी करोगे."
और मामला चाय समोसे जा कर सेट होता. बहरहाल, कस्टमर केयर बस बात करने और तसल्ली देने के काम आता है. यदि आपको लगता है कि कस्टमर केयर आपकी किसी समस्या का समाधान करेगा, तो आप ग़लतफ़हमी में जी रहे हैं. 

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वह हर दो मिनट पर बोलेगा ज़रूर, "आप लाइन पर बने रहिए, हमारे कस्टमर केयर एक्ज़क्यूटिव दूसरे कॉल पर व्यस्त हैं… वेटिंग टाइम दो मिनट…" जैसे ही दो मिनट होने वाले होंगे कि कॉल रिपीट होगी.
"आपकी कॉल हमारे लिए महत्वपूर्ण है, कृपया लाइन पर बने रहें…"
बहुत से लोग तो इसे ही कस्टमर केयर समझ कर अपनी कम्प्लेंट रजिस्टर कर देते हैं. बाद में पता चलता है यह तो रिकॉर्ड्स वायस थी. कस्टमर केयर एक्ज़क्यूटिव वाली लड़की नहीं. इसके बाद कॉल पर दस-पंद्रह मिनट आपके धैर्य की परीक्षा ले कर कौन मिलेगा यह आपकी क़िस्मत पर निर्भर है. मतलब वह होगी या होगा सब क़िस्मत का खेल है. वैसे घर में हैं, तो उस आवाज़ का मेल वायस होना ही श्रेयस्कर है, वरना फिर वही आईसीआईसीआई कस्टमर केयर वाला लफड़ा पड़ सकता है.
ख़ैर अपने देश में हमें इस बात को अपना सौभाग्य समझना चाहिए कि बड़ी कंपनियों ने हमें इस लायक़ समझा कि हमारी सहायता के लिए कस्टमर केयर सिस्टम बना दिया. अरे, कम से कम कोई कुछ करे न करे हमारी बात तो सुनाता है, वरना किसी बनिए के यहां से समान लीजिए, आप लाख कंप्लेन करे कि सामान ख़राब है, वह मनाने को तैयार ही नहीं होता. जबकि कस्टमर केयर वाला कहता है, "इस मामले में आपकी पूरी सहायता की जाएगी, आप लाइन पर बने रहें…" मेरी समझ में आज तक यह नहीं आया कि अभी दस-पंद्रह मिनट से लाइन पर ही तो बने थे, अब ये किस लाइन पर बने रहने की बात कर रहा है.
इसके बाद आपसे मोबाइल नंबर, नाम आदि पूछ कर अपना अकाउंट कंफर्म करने के लिए वह आपको धन्यवाद देता है. देखिए कितने अच्छे लोग हैं जी, वरना आपने किसी को धन्यवाद देते सुना है. इसके बाद फिर तुरंत कहा जाता है, "लाइन पर बने रहने के लिए धन्यवाद." वाक़ई बात तो धन्यवाद वाली ही है, कम से कम पच्चीस मिनट तो हो गए इस सब प्रक्रिया में तो धन्यवाद तो बनता है.


फिर बात शुरू होती है, "आप कृपया लाइन पर बने रहें, मैं चेक कर लेती हूं कि आप किस प्रॉडक्ट के बारे में बात करना चाहते हैं. जी जैसा कि मैं देख पा रही हूं यह जो आपने हेयर ड्रायर और हेयर कलर ख़रीदा था, आप उसके विषय में सहायता चाह रहे हैं."
यक़ीन मानिए यदि अभी तक धैर्य ने आपका साथ दिया है, तो आप निश्चित रूप से अपने जीवन में एक स्थिर प्रज्ञ व्यक्ति हैं. क्योंकि इसके बाद जब मैं घड़ी देखता हूं, तो पैंतीस मिनट ख़राब हो चुके होते हैं और मुझे बोलने का मौक़ा नहीं मिला की मेरी समस्या क्या है.
ठहरिए अपनी समस्या बताने का अवसर तो अभी भी नहीं आया. वो कस्टमर केयर एक्ज़क्यूटिव आपसे कहेगा या कहेगी, "इस बारे में मैं आपको बताना चाहूंगी कि यह प्रॉडक्ट आपको तीन तारीख़ को डिलीवर हो चुका है. जैसा कि मैं देख पा रही हूं यह एक नॉन रिफंडेबल प्रॉडक्ट है. कृपया, आप लाइन पर बने रहिए. हम आपकी पूरी सहायता करेंगे." 

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आप को आए न आए इसके बाद मुझे तो भरपूर ग़ुस्सा आ चुका होता है और मैं ज़बरदस्ती इंटरफेयर करता हूं, "आपकी बात तो ठीक है, पर अभी तक आपने मेरी बात सुनी ही नहीं, तो सहायता क्या करेंगी."
यक़ीन मानिए इसके बाद भी आपको वही सुनने को मिलेगा जी, "आप लाइन पर बने रहें, इस मामले में आपकी पूरी सहायता की जाएगी."
ग़ज़ब सीन है भाई, अरे कम से कम ये तो सुन लो कि मेरी कौन सी सहायता करनी है. अगर आप बहुत ढीठ हुए तभी इसके बाद आप कुछ बोल पाएंगे,‌ क्योंकि अब तक पैंतालीस मिनट हो चुके होंगे. और हर लाइन एक ही बात कहती मिलेगी, "कृपया लाइन पर बने रहें."
बड़ी हिम्मत कर के मैंने कहा, "देखिए यह जो हर्बल हेयर कलर है, उसमें फ़ंगस लगी हुई है. मुझे अपना रिफंड चाहिए."
उधर से आवाज़ आएगी जैसा कि मैं देख पा रही हूं इस केस में रिफंड पॉसिबल नहीं है. यह एक नॉन रिफंडेबल प्रॉडक्ट है."
इसके बाद भी यदि हिम्मत है, तो आप लाइन पर बने रह सकते हैं. कस्टमर केयर के द्वारा आपकी पूरी सहायता की जा रही है. बस नतीज़ा कुछ नहीं निकलेगा. आप लाइन पर बने रहेंगे और वे हमें और आपको थका-थका कर मारते रहेंगे.
धन्य है कस्टमर केयर. और यह हो भी क्यों नहीं, हम थर्ड वर्ल्ड के कस्टमर ठहरे, कोई अमेरिका और यूरोप के कस्टमर थोड़ी हैं, जो इन बड़ी कंपनी वालों को कठघरे में खड़ा कर पाएं.

- मुरली मनोहर श्रीवास्तव 

Photo Courtesy: Freepik

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