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काव्य- वसुधैव कुटुंबकम… (Poetry- Vasudhaiva Kutumbakam)

वैश्विक धरातल पर
भारत की उपस्थिति
वसुधैव कुटुंबकम की स्वीकृति
धरा के संरक्षण की संस्तुति
सांस्कृतिक विरासत की
अद्भुत सुवास
यह G20 समेटे हुए है
गौरव की मिठास
इक्कीसवी सदी
भारत की सदी है
और हम सब
साक्षी हैं
इस परिवर्तन के
आइए क़िस्से गढ़ें
आने वाले समय के सीने पर
कुछ इस तरह कि
हमारी पीढ़ियां
पुनर्जागरण के लिए
सदा करें
वर्तमान समय को
याद..
हर परिवर्तन
किसी मुश्किल दौर से होकर गुज़रता है
बस उसके अच्छे और बुरे की परिभाषा
आने वाले दौर की सफलता लिखता है…

- मुरली

यह भी पढ़े: Shayeri

Photo Courtesy: Freepik

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