Close

कविता- रक्षाबंधन  (Poetry- Rakshabandhan)

रक्षाबंधन का पावन त्योहार
है प्रेम प्यार से जुड़ा हुआ
सावन माह की पूर्णिमा का दिन
साल में जब भी आता है
बहनों और भाइयों के मन में
यह दिन हर्षोल्लास जगाता है
भाई देता वचन रक्षा का और
बहन भाई की खैर मनाती है
राखी का यह पर्व है प्यारा
स्नेह और प्यार का बंधन है
राखी की वो डोर है प्यारी
जो रिश्तों को प्रेम से बांधे है
रक्षाबंधन का पर्व है प्यारा
रिश्तों में स्नेह का ये संचार कराए
भाई-बहन का रिश्ता ये सुदृढ़ बनाए
सुख-दुख में दोनों साथ निभाए
अपना-अपना फ़र्ज़ निभाए
अपनेपन का एहसास कराए
रक्षाबंधन का पावन पर्व
है प्यार से जुड़ा हुआ
भाई-बहन का प्यारा रिश्ता
उपहारों पर नहीं टिका हुआ
एक ही माला के हैं दो मोती
दोनों हैं दिल से जुड़े हुए
भाई करता बहन की रक्षा
बहन होती भाई की ढाल
इस प्यारे रिश्ते से ही तो
हर आंगन होता ख़ुशहाल
सावन माह की पूर्णिमा को
राखी बांधे बहन भाई के हाथ
रक्षा का वो वचन है लेती
प्यार का संदेश है देती
यह दिन होता भाई-बहन के लिए ख़ास
रिश्तों में मज़बूती लाए
भाई-बहन में प्यार बढ़ाए
राखी का त्योहार दिलों में
अपनेपन के भाव जगाए
भाई-बहन का प्यारा रिश्ता
उपहारों पर नहीं टिका हुआ
ये प्यारा सा बंधन है जो
होता दिलों से जुड़ा हुआ
इस प्यारे से रिश्ते से ही
घर-आंगन है खिला हुआ
हैप्पी रक्षाबंधन!..

- कंचन चौहान


यह भी पढ़े: Shayeri

Photo Courtesy: Freepik

Share this article