नारी तुम निर्मात्री हो
दो कुलों की भाग्य विधात्री हो
सृजन का है अधिकार तुम्हें
तुम ही जीवन धात्री हो
तुमसे ही उत्पन्न ये सृष्टि है
ममता और प्यार की मूरत तुम
धरती पर भगवान की सूरत तुम
तुम से ही जीवन सुखमय है
जीवन का सार, आधार तुम्हीं
तुम से ही जीवन ख़ुशहाल सबका
घर की सुख और समृद्धि तुम
अपनों के लिए ढाल हो तुम
दुश्मन के लिए तलवार हो तुम
निर्माण या विनाश है तुम्हारे हाथ
कुछ नहीं असंभव तुम्हारे लिए
सब संभव तुम कर सकती हो
नारी तुम बिल्कुल सक्षम हो
जब दृढ़ निश्चय तुम कर लेती हो
जो चाहे तुम कर सकती हो
नारी तुम निर्मात्री हो
अब नए युग का निर्माण करो
चुप रह कर ना अत्याचार सहो
सही और ग़लत की पहचान करो
लाचार नहीं, तुम सक्षम हो
एक नए युग का आगाज़ करो
नारी तुम निर्मात्री हो
अब नए युग का निर्माण करो...
- कंचन चौहान
यह भी पढ़े: Shayeri
Photo Courtesy: Freepik