Close

कविता- योग बनाओ जीवन का हिस्सा (Poem- Yog Banao Jeevan Ka Hissa)

योग बनाओ जीवन का हिस्सा
फिर लिखना तुम दिन का क़िस्सा
तेज, ताज़गी और स्फूर्ति
योग से मिलता बिन पैसे सब
स्वास्थ्य से भरपूर बनें जीवन
जब योग बने हर दिन का हिस्सा

योग रोग को दूर भगाए
आलस से पीछा छुड़वाए
बिन पैसे ये स्वस्थ बनाए
सेहत और स्फूर्ति दिलाए

रोगी काया निरोग बनाए
पहला सुख है निरोगी काया
ये हमको शास्त्रों ने बताया
और जिसने झेला रोगों को
उसके यह सत्य समझ में आया
हां, पहला सुख है निरोगी काया

जो योग को नित्य अपनाते
अपनी काया कंचन सी बनाते
आओ हम सब योग करें अब
अपनी काया निरोग करें सब

योग को सब नित्य अपनाओ
अपनी काया निरोग बनाओ
तन और मन में स्फूर्ति लाओ
जीवन का फिर लुत्फ़ उठाओ

- कंचन चौहान


यह भी पढ़े: Shayeri

Photo Courtesy: Freepik

Share this article