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ग़ज़ल- तुम्हारे प्यार के होने की कहानी… (Poem- Tumhare Pyar Ke Hone Ki Kahani…)

ये धड़कनें भी अजीब हैं
कभी-कभी बेवजह धड़कती हैं
सांस लेने के लिए
दिल पूछता है
जब तुम नहीं हो तो
सांस चलना बस यूं ही क्यों नहीं होता  
सांस के साथ
धड़कने क्यों चलती हैं
मैंने धडकनों को
सिर्फ़ तुम्हें पा कर मचलते देखा है
सांसों को तेज चलते देखा है
वरना
सांस का तेज चलना
किसी डाक्टर की निगाह में
किसी घबराहट किसी बीमारी
की दस्तक है
जिसे वह कभी हाई ब्लड प्रेशर तो
कभी हार्ट अटैक का खतरा बता
ढेरो टेस्ट करता है
मैं सोचता हूं
क्या तुम्हारा ख़्याल होना
मेरे लिए
किसी बीमारी का लक्षण है
मेरा दिल कहता है
नहीं
यह मेरे भीतर
तुम्हारे प्यार के होने की कहानी है
हो सके तो सिर्फ़ यह बता दो
मैं सही हूं कि डाक्टर?
- शिखर प्रयाग


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Photo Courtesy: Freepik

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