काफ़ी सालों पहले की बात है. एक गांव में किशन नाम का एक गरीब किसान रहता था. वह काफ़ी मेहनत करता था लेकिन फिर भी उसका गुज़र-बसर बड़ी मुश्किल से हो रहा था. वो गांव के एक ज़मींदार के खेत पर काम करके किसी तरह अपना घर चला रहा था.
एक वक्त था जब किशन की हालत ऐसी नहीं थी. पहले किशन के भी खेत थे, लेकिन उसके पिता के बीमार होने के कारण उसे अपने सारे खेत बेचने पड़े. मज़दूरी में मिलने वाले पैसों से पिता का इलाज कराना और घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था.
उसका हर दिन इसी सोच में गुज़र जाता कि कैसे घर की स्थिति को बेहतर किया जाए. एक दिन सुबह-सुबह ऐसे ही सोचते-सोचते वो ज़मींदार के खेत पर काम कर रहा था कि अचानक खुदाई करते-करते उसकी कुदाल किसी धातु से टकराई और तेज़ आवाज़ हुई. किशन ने सोचा कि आखिर ऐसा क्या है यहां ज़रा देखा जाए. उसने उस हिस्से को खोदना शुरू किया तो देखा एक बड़ा-सा पतीला है. पतीला देखकर किशन दुखी हो गया, क्योंकि किशन ने सोचा कि पतीले की जगह अगर गहने या ज़ेवरात होते तो उसके घर की हालत थोड़ी सुधर जाती. फिर किशन ने सोचा कि चलो, अब खाना ही खा लेता हूं. खाना खाने के लिए किशन ने अपने हाथ की कुदाल उस पतीले में ही फेंक दी और हाथ-मुंह धोकर खाना खाने लगा. खाना खाने के बाद जब किशन अपनी कुदाल उठाने के लिए उस पतीले के पास पहुंचा, तो वो हैरान हो गया. उस पतीले के अंदर एक नहीं, बल्कि बहुत सारे कुदाल थे. उसे कुछ समझ नहीं आया. तभी उसने अपने पास रखी एक टोकरी को भी उस पतीले में फेंक दिया. वो एक टोकरी भी पतीले के अंदर जाते ही बहुत सारी हो गईं. ये सब देखकर किशन खुश हो गया और उस चमत्कारी जादुई पतीले को अपने साथ घर लेकर चला आया.
अब वो रोज़ उस चमत्कारी पतीले में अपने कुछ औज़ार डालता और जब वो ज़्यादा हो जाते, तब उन्हें बाज़ार जाकर बेच आता. ऐसा करते-करते किशन ने काफ़ी पैसे कमाए और उसके घर की हालत सुधरने लगी. उसने अपने पिता का इलाज भी करवा लिया. एक दिन किशन ने कुछ गहने खरीदें और उन्हें भी पतीले में डाल दिया. वो गहने भी बहुत सारे बन गए. धीरे-धीरे किशन काफ़ी धनवान होने लगा और उसने ज़मींदार के यहां मज़दूरी करना भी छोड़ दिया.
किशन को इस तरह अमीर होते देख ज़मींदार मोहन को किशन पर शक़ हुआ और वो सीधे किशन के घर जा धमका. वहां उसे जादुई पतीले के बारे में पता चला. उसने किशन से पूछा- तुमने यह पतीला कब और किसके घर से चुराया सच-सच बताओ?
किशन सहम गया और डरी हुई आवाज़ में बोला- ये चमत्कारी पतीला मुझे खेत में खुदाई के समय मिला था. मैंने किसी के घर चोरी नहीं की है. बस फिर क्या था. खेत में खुदाई की बात सुनते ही ज़मींदार बोला- यह पतीला जब मेरे खेत से मिला, तो यह मेरा हुआ.
किशन ने जादुई पतीला ना लेकर जाने की बहुत मिन्नते कीं, लेकिन ज़मींदार मोहन ने उसकी एक नहीं सुनी और वो ज़बरदस्ती अपने साथ वो जादुई पतीला लेकर चला गया.
ज़मींदार ने भी किशन की ही तरह उसमें अलग-अलग सामान डालकर उन्हें बढ़ाना शुरू किया. एक दिन ज़मींदार ने अपने घर में मौजूद सारे गहने एक-एक करके उस पतीले में डाल दिए और रातोंरात वो और भी ज़्यादा धनवान हो गया.
यूं अचानक एकदम से ज़मींदार के इतने अधिक अमीर होने की खबर नगर के राजा तक भी पहुंच गई. पता लगाने पर राजा को भी जादुई पतीले की जानकारी मिली. राजा ने तुरंत अपने लोगों को भेजकर ज़मींदार के पास से वो चमत्कारी पतीला राजमहल मंगवा लिया.
उस जादुई पतीले के राजमहल में पहुंचते ही राजा ने अपने आसपास मौजूद तमाम क़ीमती सामान उसमें डालना शुरू दिया. सामान को बढ़ता देखकर राजा दंग रह गया. राजा ने सोचा कि देखने में तो ये पतीला बड़ा साधारण सा दिखता है, लेकिन इसके अंदर ज़रूर कुछ असाधारण होगा. बस फिर क्या था वो ललची राजा खुद उस पतीले के अंदर चला गया और देखते-ही-देखते उस पतीले से बहुत सारे राजा निकल आए. अब पतीले से निकला हर राजा बोलने लगा- मैं इस नगर का असली राजा हूं, तुम्हें तो इस जादुई पतीले ने बनाया है. ऐसा होते-होते सारे राजा आपस में ही लड़ने लगे और उनकी इस भयानक लड़ाई में सभी राजा लड़कर मर गए. इस लड़ाई के दौरान वो जादुई पतीला भी टूट गया.
जादुई पतीले के कारण राजमहल में हुई इस लड़ाई के बारे में नगर में सबको पता चल गया. जैसे ही ये जानकारी मज़दूर किशन और ज़मींदार को मिली तो उन्होंने राहत की सांस लेकर सोचा कि अच्छा हुआ कि हमने उस जादुई पतीले का इस्तेमाल सही तरीक़े से किया. उस राजा ने अपनी मूर्खता के कारण अपनी जान ही खो दी.
सीख: मूर्खता और लालच का अंत बुरा ही होता है, किसी मूर्ख के पास अच्छी चीज़ कभी नहीं टिकती क्योंकि वो उसका सही इस्तेमाल करने की समझ ही नहीं रखता. इसलिए किसी भी सामान का इस्तेमाल संभलकर करना चाहिए और लालच से बचना चाहिए.