काफ़ी समय पहले की बात है, दिनपुर गांव में सोहन नाम का एक मिठाई वाला था. वो गांव जितना खूबसूरत था उतनी ही प्रसिद्ध थी सोहन की मिठाई की दुकान. लगभग पूरा गांव उसकी दुकान की मिठाई ही लेता था.
सोहन और उसकी पत्नी शुद्ध देसी घी की मिठाई बना कर बेचते थे, इसलिए वो मिठाई सभी को पसंद थी. काफ़ी बिक्री के कारण उसकी दुकान भी अच्छी चल रही थी जिससे उसको काफी मुनाफा भी हो रहा था. पर न जाने क्यों इतना सब होने पर भी सोहन अपनी कमाई से खुश और संतुष्ट नहीं था. वो और मुनाफ़ा चाहता था और अपनी कमाई बढ़ाने के लिए उसने एक तरकीब भी निकाली. वो शहर से एक चुम्बक का टुकड़ा ले आया, जो उसने अपने तराजू पर लगा दिया जिससे वो घपला-घोटाला कर सके और मुनाफ़ा कमा सके.
इसके बाद एक ग्राहक आया और उसने एक किलो जलेबी मांगी. सोहन ने चुम्बक को लगाकर जलेबी तोल दी और ज़्यादा मुनाफ़ा कर लिया. वो काफ़ी खुश हुआ. उसने अपनी पत्नी को ज्यादा मुनाफ़े के बारे में बताया तो उसकी पत्नी ने सोहन से इसका कारण पूछा. सोहन ने चुम्बक वाली बात बता दी. लेकिन उसकी पत्नी ने उसको समझाया कि ये सही नहीं है और ग्राहकों के साथ धोखेबाजी है. उनकी दुकान अच्छी-ख़ासी चल रही है इसलिए वह ऐसा घोटाला न करे, लेकिन सोहन पर उसका लालच हावी था और उसने पत्नी की राय को अनसुना कर ये धांधली जारी रखी.
एक दिन सोहन की दुकान पर रवि नाम का एक लड़का आया उसने सोहन से 2 किलो जलेबी मांगी. सोहन से वैसे ही जलेबी तोल कर दे दी. रवि को संदेह हुआ और उसने जब जलेबी को देखा तो सोहन को बोला यह तो कम लग रही है. क्या आप इसको दोबारा तोल सकते हो? इस पर सोहन को गुस्सा आ गया और वो रवि को बोला कि तुमको जलेबी चाहिए तो ले लो वरना जाओ क्योंकि मुझे और भी बहुत काम है.
रवि वहां से एक जलेबी लेकर चला गया लेकिन वह दूसरी दूकान में गया और उसने जलेबी को दोबारा तुलवाया, जिससे उसको पता चला की जलेबी आधा किलो कम थी. इसके बाद रवि एक तराजू लेकर सोहन की दुकान में गया और उस तराज़ू को उसने दुकान के बाहर रख दिया.
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अब रवि ने सभी गांव वालों को ज़ोर-ज़ोर से बोलकर इकट्ठा कर लिया. सोहन को घबराहट होने लगी और उसने रवि को फटकार लगाई कि वो आख़िर ये तमाशा क्यों कर रहा है? रवि ने सोहन और बाक़ी लोगों को बताया कि वो अब सबको जादू दिखाएगा. उसने कहा कि आप जो भी मिठाई सोहन की दुकान से ख़रीदोगे तो वो इस तराज़ू में अपने आप कम हो जाएगी.
इसके बाद लोगों ने मिठाइयां तुलवाई और ये पाया कि सोहन की दुकान की मिठाई का वज़न तो वाक़ई अन्य दुकानों की मिठाई से कम निकला. इसके बाद रवि ने सोहन के तराजू में लगा चुम्बक लोगों को दिखाया और सारी बात बताई. सच जानकर लोगों को बहुत ग़ुस्सा आया और उन्होंने सोहन की खूब पिटाई की. घबराए सोहन ने लोगों से वादा किया कि इस बार उसे माफ़ कर दें वो आगे से ऐसा काम कभी नहीं करेगा. उसने माना कि वो लालच में आ गया था.
लेकिन सोहन पर से अब गांववालों का विश्वास उठ गया यह और उसकी इस धोखेबाजी से पूरा गांव नाराज़ था, इसलिए लोगों ने उसकी दुकान में जाना काफी कम कर दिया था. लेकिन अब सोहन के पास पछताने के अलावा कुछ और नहीं बचा, क्योंकि उसने ज़रा से अधिक मुनाफ़े के लालच में अपना ईमान खोकर धोखा किया जिससे उसे पहले जो मुनाफ़ा हो रहा था अब उससे भी हाथ धोना पड़ा.
सीख: लालच बुरी बला है, कम समय में जल्दी और ज़्यादा मुनाफ़े के चक्कर में बड़ा नुक़सान ही उठाना पड़ता है. इसके अलावा आपका सम्मान व इज़्ज़त भी जाती है. इसलिए मेहनत और ईमानदारी की कमाई ही फलती-फूलती है.
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