सावन बरस रहा है... मेरा विरही मन जल रहा है.. मुझे याद आ रही है सावन की वो पहली बारिश… उस पहली बारिश की वो की भीगती हुई खूबसूरत शाम और उस शाम का वो हसीन लम्हा... मन सुलग रहा था ...तन मचल रहा था...लजाती खामोश आंखें... जज़्बातों का उफान चरम पर था, हम दोनों अकेले उस कमरे में थे कि अचानक बिजली कड़कने से मैं डरकर तुम्हारे सीने से लिपट गई थी और तुमने मुझे मजबूती से थाम लिया था.
मैं झिझक रही थी... लजा रही थी और खुद को तुमसे छुड़ाने का असफल प्रयास कर रही थी. बारिश जब तक थम नहीं गई, तब तक हमारी खामोशियां रोमांचित होकर सरगोशियां करती रहीं... मौन मुखर होकर सिर्फ़ आंखों के रास्ते से एक-दूसरे के दिल को अपने मन का हाल बता रहा था. बारिश में भीगते अरमान मुहब्बत के नग़मे गुनगुना रहे थे… इतना हसीन मंजर था वो कि आज भी याद कर मां रोमांचित हो उठता है… लग रहा था कि ये बारिश ताउम्र यूं ही होती रहे, ये बदल ऐसेही मुहब्बत बरसाते रहें… ये बिजली कौंधकर यूं ही डराती रहे ताकि मैं तुमसे यूं ही लिपटी रहूं… चाहत के ये पल यूं ही थमे रहें…
मन इश्क़ के नशे में डूबा हुआ था कि अचानक बारिश और भी तेज़ हो गई. लग रहा था भगवान ने मेरी सुन ली थी… यूं लग रहा था कि बाहर एक तूफ़ान चल रहा है और यहां अंदर, मन के भीतर भी एक तूफ़ान शुरू हो गया था.
तुमने अपने हाथों से मेरे आरक्त चेहरे को उठाकर मेरे सुर्ख और तपते हुए अधरों को अपनी चाहत भरी पावन नज़रों से निहारा, फिर कहा… "अभी नहीं, अभी पाप है यह" ये कहते हुए तुमने अपनी नज़रों को झुका लिया था.
यह भी पढ़ें: पहला अफेयर: अलविदा! (Pahla Affair… Love Story: Alvida)
सच, आज वो लम्हा याद करके सोच रही हूं कि अगर उस वक़्त तुम्हारी नजर में वो पाप था, तो काश! वो पाप हो जाने दिया होता… उम्र के इस पड़ाव पर आकर वो पाप अब तक पुण्य में तब्दील हो गया होता.
खैर, अब पाप-पुण्य की परिभाषा से इतर हमारा प्रेम वक्त के साथ परिपक्व और रोमांटिक हो गया है... जो मिलन के क्षणों में भीगते जज़्बात को सावन का एहसास करा देता है. तुम्हारी नेह भरी छवि देखकर मेरे प्रतीक्षारत दृगयुगल में अचानक से जो एक प्रज्ज्वलित पवित्र दीये की तरह चमक आ जाती है, वो क्षण मेरी दिवाली बन जाता है. हर वक्त तुम्हारी टिप टिप बरसती मुहब्बत की रंगीन बरखा से कभी मैं शर्म से लाल हो उठती हूं, तो कभी तुम्हारी शरारत से बनावटी गुस्से में लाल-पीली हो उठती हूं, वही मेरी होली मन जाती है. तुम मेरे जीवन की बसन्त बहार हो, मेरा प्यार हो सिर्फ मेरा प्यार हो...!
सिर्फ तुम्हारी
डॉ. अनिता राठौर मंजरी
यह भी पढ़ें: पहला अफेयर… लव स्टोरी: हदें प्यार की… (Pahla Affair, Love Story: Hadein Pyar ki)