Close

फिल्म समीक्षाः द बकिंघम मर्डर्स- क़त्ल व सस्पेंस का ग़ज़ब का तानाबाना… (Movie Review: The Buckingham Murders)

रेटिंग: 2 **

 
लंबे अरसे बाद करीना कपूर गंभीर और अर्थपूर्ण भूमिका में दिखीं फिल्म 'द बकिंघम मर्डर्स' में. इंग्लैंड के विदेशी धरती पर निर्देशक हंसल मेहता का सस्पेंस और ड्रामा से भरपूर ज़बर्दस्त फिल्म है द बकिंघम मर्डर्स. इसमें एक मां के दर्द से लेकर, ड्रग्स में उलझते बच्चे, गुमशुदा फिर मारे जाते बच्चों, धर्म पर विवाद, घरेलू हिंसा, पत्नी का प्रतिशोध, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर जैसे हर मुद्दों को गंभीरता से छुआ गया है. लेकिन समलैंगिकता को खुलकर दिखाने का कोई औचित्य नहीं था. लेकिन हो सकता है भविष्य में इसे सीरीज़ के रूप में बनाने को लेकर या एक्सपेरिमेंट किया गया हो.

फिल्म केट विंस्लेट की सीरीज़ 'मेर ऑफ ईस्टटाउन' से प्रभावित है, लेकिन कश्यप कपूर, असीम अरोड़ा और राघव राज कक्कड़ ने अपनी लेखनी द्वारा इसे अलग रंग देने में कामयाब रहे. शायद इसी कारण भी करीना कपूर एकता और शोभा कपूर के साथ निर्माता के तौर पर भी फिल्म से जुड़ीं.


यह भी पढ़ें: इमरान हाशमी की इस एक्ट्रेस ने जब पति की कॉल डिटेल्स निकलवाकर मचा दिया था बवाल, इंडस्ट्री से दूर होकर कर रही हैं यह काम (When This Actress of Emraan Hashmi Created Ruckus by Getting Her Husband’s Call Details Out, She is Doing This Work by Staying Away From Industry)

फिल्म में अंग्रेज़ी का भरपूर इस्तेमाल हुआ है, इसलिए कह सकते हैं कि यह फिल्म ख़ास वर्ग के लिए ही है. इसमें विदेशों में पुलिस के काम करने के तरी़के और जासूसी को बेहतरीन ढंग से फिल्माया गया है.
करीना कपूर से लेकर अन्य कलाकार फिर चाहे वो राहुल सिद्धू, प्रभलीन संधू, रणवीर बरार, कपिल रेडकर, एश टंडन, रुक्कू नाहर, सारा जेन डायस, कीथ एलन ही क्यों ना‌ हो, प्रभावित किया है. सिनेमैटोग्राफर एम्मा डेल्समैन का काम बढ़िया है.

लोकेशन और सस्पेंस क्रिएट करने जैसे दृश्यों में वे कामयाब रहे.
इस तरह की फिल्मों में केतन सोढा व नाईट सॉन्ग का बैकग्राउंड म्यूज़िक तो ठीक है, लेकिन गाने खटकते हैं. गाने कहीं ना कहीं मूवी के एक तारतम्य को प्रभावित करते हैं. टिप्स म्यूज़िक तले एक मां के दर्द को दर्शाते हुए गाने ठीक-ठाक हैं.


यह भी पढ़ें: कंगना रनौत- महिलाओं के सशक्तिकरण व जेंडर भेदभाव को लेकर मैंने काफ़ी लड़ाइयां लड़ी हैं और लड़ती रहूंगी… (Kangana Ranaut- Mahilaon Ke Sashaktikaran Ko Lekar Kafi Ladaeiyan Ladi Hain…)

क़रीब पौने दो घंटे की‌ यह फिल्म धीमी गति से आगे बढ़ती है, तब नीरसता और बोरियत भी होने लगती है. लेकिन एक बच्चे के क़त्ल हो जाने के बाद छानबीन कहां से कहां तक पहुंच जाती है वह देखना दिलचस्प है. बालाजी मोशन पिक्चर्स के बैनर तले बनी 'द बकिंघम मर्डर्स' सीआईडी व क्राइम पेट्रोल जैसे शो देखने वालों को यक़ीनन पसंद आएगी.

- ऊषा गुप्ता

https://www.instagram.com/p/C_2LXppoPTp/?igsh=YzhvMXVmYmk4bDlq


यह भी पढ़ें: सारा अली खान- हम भाग्यशाली हैं, जो ऐसे देश में रहते हैं… (Sara Ali Khan- Hum Bhagyshali Hain, Jo Aise Desh Mein Rahte Hain…)

Photo Courtesy: Social Media

अभी सबस्क्राइब करें मेरी सहेली का एक साल का डिजिटल एडिशन सिर्फ़ ₹599 और पाएं ₹1000 का गिफ्ट वाउचर.

Share this article