अजय देवगन की फिल्म 'रनवे 34' एक सच्ची घटना पर आधारित है. साल 2015 में दोहा से कोच्चि के लिए रवाना हुई है जेट एयरवेज की विमान ख़राब मौसम की वजह से त्रिवेंद्रम में लैंडिंग होती है, इसी पर आधारित है फिल्म.
अजय देवगन ने 'यू, मी और हम' फिल्म से निर्देशन में अपना हाथ आज़माया था. शिवाय फिल्म के काफ़ी सालों बाद रनवे 34 से वे तिहरी भूमिका निभा रहे हैं यानी अभिनेता, निर्माता और निर्देशक. भारत में पहली बार इस तरह की हिंदी फिल्म बनी है और लोगों को इसका कॉन्सेप्ट बेहद पसंद आ रहा है.
कहानी कुछ इस प्रकार है- अजय देवगन पायलट कैप्टन विक्रांत खन्ना की भूमिका में हैं, जो दुबई से कोच्चि के लिए 150 यात्रियों को लेकर उड़ान भरते हैं, पर इसके एक दिन पहले वे अपने दोस्त के साथ पार्टी करते हैं और काफ़ी शराब भी पीते हैं. विक्रांत की को-पायलट तान्या रकुल प्रीत सिंह हैं. उन्होंने अपनी छोटी भूमिका में बेहतरीन अभिनय किया है. किस तरह दोहा से उड़ान भरने के बाद कोच्चि पहुंचने पर कैप्टन विक्रांत को लैंडिंग के लिए चक्रवात और ख़राब मौसम के कारण समस्याएं आती हैं. फिर वे मे डे की गुज़ारिश करते हैं. विमान की भाषा में अचानक दुर्घटना होने की आशंका पर इसका इस्तेमाल किया जाता है.
को-पायलट तान्या के मना करने के बावजूद विक्रांत कोच्चि की जगह त्रिवेंद्रम में विमान की लैंडिंग करने का निर्णय लेते हैं. ख़राब मौसम के कारण कंट्रोल टावर से बातचीत नहीं हो पाती, जिससे प्लेन क्रैश होने का डर बना रहता है, पर विक्रांत की सूझबूझ से विमान एक बड़े हादसे का शिकार होने से बच जाती है. तब किस तरह उन्हें कई तरह की छोटी-छोटी बातों की समस्या आती है, वो देखने लायक है. बाद में उनके इस निर्णय पर उन पर इंक्वॉयरी बैठा दी जाती है. तब नारायण वेदांत की भूमिका में अमिताभ बच्चन उनसे कई तरह के सवाल-जवाब करते हैं. विक्रांत की भूमिका शक के घेरे में आ जाती है. क्या विक्रांत का निर्णय सही था? वे अपने पर लगे आरोप से बरी हो पाते हैं?.. ऐसे तमाम सवालों के जवाब फिल्म देखने पर भी मिल पाएंगे.
फिल्म में तकनीकी पक्ष का काफ़ी ख़ूबसूरती से इस्तेमाल किया गया है. अजय देवगन ने कहा भी था कि उन्होंने कई नई चीज़ें ली हैं, जो आज तक हिंदी फिल्मों में नहीं ली गई और यह फिल्म देखने पर पता भी चलता है. अजय देवगन का निर्देशन बढ़िया है और उन्होंने काफ़ी मेहनत की है.
अजय देवगन, रकुल प्रीत सिंह और अमिताभ बच्चन के ज़बरदस्त अभिनय के अलावा अन्य कलाकारों में अंगिरा धर, बोमन ईरानी, आकांक्षा सिंह, कैरी मिनाटी ने अपने भूमिकाओं के साथ न्याय किया है.
अमर मोहिले का बैकग्राउंड स्कोर ठीक ठाक है. फिल्म दो ही गाने हैं, 'मित्रा रे…' और 'द फॉल सॉन्ग…' जसलीन रॉयल का संगीत ठीक हैं.
असीम बजाज की सिनेमेटोग्राफ़ी लाजवाब है. साबू सिरिल, सुजीत सुभाष सावंत व श्रीराम कन्नन का प्रोडक्शन डिज़ाइन प्रभावशाली है. एनवाई वीएफएक्सवाला का वीएफएक्स बेहतरीन है. एडिटिंग में थोड़ी सी कमी रही है, जिसे धर्मेंद्र शर्मा को ठीक करनी चाहिए थी.
फिल्म में टर्बुलेंस और पायलट एरीना के साथ-साथ एविएशन इंडस्ट्री के डार्क पहलू को भी दिखाने की कोशिश की गई है. कह सकते हैं कि फिल्म में टेक्निकल, मसाला और इमोशनल तीनों का ज़बरदस्त तड़का है.
फिल्म- रनवे 34
कलाकार- अजय देवगन, रकुल प्रीत सिंह, अमिताभ बच्चन, आकांक्षा सिंह, बोमन ईरानी, अंगिरा धर, हृषिकेश पांडे, विजय निकम.
निर्देशन- अजय देवगन
रेटिंग : 3 ***
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Photo Courtesy: Instagram