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फिल्म समीक्षा: एक्शन, कॉमेडी, एंटरटेनमेंट से भरपूर है ‘बच्चन पांडे’ (Movie Review- Bachchan Panday)

अक्षय कुमार की फिल्मों की ख़ासियत होती कि उसमें ऐसा कुछ ज़रूर होता है जिसे लोग देखना पसंद करते हैं. संदेश के साथ मनोरंजन भी भरपूर होता है. वही बात 'बच्चन पांडे' में भी देखने को मिली. जहां फिल्म में मारधाड़, एक्शन, कॉमेडी, ड्रामा है यानी भरपूर बॉलीवुड मसालेदार फिल्म की तरह है. वहीं एक संदेश भी है कि बुराई पर अच्छाई की जीत होती ही है.

साजिद नाडियाडवाला निर्मित 'बच्चन पांडे' का निर्देशन एंटरटेनमेंट, हाउसफुल 3 और 4 के निर्देशक फरहाद सामजी ने किया है. साल 2014 में आई तमिल फिल्म 'जिगरठंडा' की रीमेक है 'बच्चन पांडे', लेकिन गौर करनेवाली मज़ेदार बात यह भी है कि 'जिगरठंडा' भी कोरियन फिल्म 'ए डर्टी कार्निवल' पर आधारित थी.

https://youtu.be/4d8m59ct2wQ

फिल्म की कहानी कुछ इस प्रकार है कृति सेनॉन जो मायरा का क़िरदार निभा रही हैं एक सहायक निर्देशक हैं. लेकिन उनकी तमन्ना एक निर्देशक के तौर पर किसी गैंगस्टर पर फिल्म बनाने की है. इसके लिए वे काफ़ी रिसर्च करती हैं. आख़िरकार उन्हें बघवा गांव के शातिर गुंडे बच्चन पांडे की कहानी बेहद प्रभावित करती है. मायरा अपने दोस्त विशु जिसका क़िरदार अरशद वारसी ने निभाया है, जो एक्टर बनना चाहता है, के साथ मिलकर बच्चन पांडे पर फिल्म बनाने का निर्णय लेती है. दोनों यूपी-बिहार के बॉर्डर पर स्थित बघवा गांव में जाते हैं बच्चन पांडे के बारे में सब कुछ विस्तार से जानने के लिए. वहीं पर जब बच्चन पांडे के साथ उनकी मुलाक़ात होती है, तो वे थोड़ा डर भी जाते हैं. वे बच्चन पांडे को बताते हैं कि उन पर फिल्म बनाने की कोशिश कर रहे हैं. तब बच्चन पांडे एक शर्त रखता है कि वे फिल्म ज़रूर बनाए, लेकिन मुख्य किरदार वह निभाएगा. मायरा इस बात को लेकर परेशान है कि आख़िर वे बच्चन पांडे से अभिनय कैसे करवाएंगी.

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पंकज त्रिपाठी का भी मज़ेदार किरदार है, जो एक्टिंग टीचर भावेश भोपलो की भूमिका में है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वे अपने क़िरदार को कुछ इस तरह से प्रस्तुत करते हैं कि दर्शक अपनी मुस्कुराहट को रोक नहीं पाते हैं. बच्चन पांडे की ज़िंदगी का दूसरा पहलू यह भी है कि वह जितना ही खूंखार और पत्थर दिल बताया जाता है, लेकिन उसके जीवन में कभी प्यार की बहार थी उसकी प्रेमिका, जिसका रोल जैकलिन फर्नांडीज ने निभाया है. लेकिन हालात और चीज़ें कुछ इस तरह से हो जाते हैं कि बच्चन पांडे अपनी प्रेमिका का कत्ल कर देते हैं. अब सोचनेवाली बात है कि बच्चन ने अपनी प्रेमिका की हत्या क्यों की? यह तो फिल्म देखने के बाद ही हम जान पाएंगे.

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बाकी फिल्म के अन्य किरदार में संजय मिश्रा, प्रतीक बब्बर, अभिमन्यु सिंह, संजय मिश्रा सीमा बिस्वास ने भी बढ़िया काम किया है. बच्चन की मां की भूमिका में सीमा बिस्वास अपनी उपस्थिति दर्ज कराती हैं. जैकलिन ने कैमियो का रोल किया है. एक गाने और कुछ सीन्स के अलावा उनके हाथ तो कुछ नहीं आया, फिर भी वह अपनी छाप छोड़ती हैं. प्रतीक बब्बर नासमझ गुंडे की भूमिका में प्रभावित करते हैं. पेंडुलम के क़िरदार में अभिमन्यु सिंह और बफरिया चाचा की भूमिका में संजय मिश्रा, कांडी में सहर्ष कुमार मज़ेदार कॉमेडी करते हुए दिखते हैं.


अक्षय कुमार के अभिनय की बात करें, तो पूरी फिल्म में वे छाए रहते हैं. उस पर उनका डरावना गेटअप पत्थर की आंख लोगों को डराती भी है, तो कई जगह पर हंसाती भी है. मनोरंजन के साथ-साथ सब कुछ एक मसालेदार फिल्म की तरह है, जो लोगों को पसंद आ रही है. अक्षय काफ़ी समय से एक ही तरह के लुक में नज़र आ रहे थे, लेकिन बच्चन पांडे वाकई में थोड़ा हटकर है. अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि जब जैसलमेर में फिल्म की शूटिंग के लिए टीम गई थी, तब उनके लुक और गेटअप के लिए कई दिन बदलाव करते गए, आख़िरकार यह पत्थर की आंखवाला दाढ़ी और लूंगी के साथ का यह लुक पसंद आया और इसे फाइनल किया गया.
बकौल अक्षय पत्थर की आंख के लिए लेंस लगाना पड़ता था, जो काफ़ी दर्द भरा होता था. उन्होंने इस बात का भी ख़ुलासा किया कि उनकी यह फिल्म का नाम बच्चन पांडे 2004 में आई उनकी फिल्म टशन के क़िरदार से लिया गया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिल्म में अक्षय कुमार के किरदार का नाम बच्चन पांडे था, जो उस समय काफ़ी मशहूर हुआ था और लोगों को ख़ूब पसंद भी आया था.


इन दिनों अक्षय कुमार की फिल्मों को लेकर विवाद भी कुछ कम नहीं हो रहे हैं. अब फिल्म के रिलीज से पहले ही ट्रेलर को देखकर और बाद में फिल्म को देखकर लोगों ने काफ़ी बातों पर अपना विरोध जताया, ख़ासकर उनके क़िरदार के नाम को लेकर. उनका कहना था कि क्यों बार-बार हिंदू और ब्राह्मण नाम को लेकर विलेन दिखाया जाता है. इस बात पर सोशल मीडिया पर बॉयकट बच्चन पांडे भी काफी ट्रेंड करता रहा, पर अंत भला तो सब भला. अब फ़िलहाल फिल्म अच्छा बिज़नेस कर रही है और पसंद भी की जा रही है. होली के मौक़े पर रिलीज़ हुई थी, तो लोगों ने त्योहार और मनोरंजन दोनों का भरपूर लुत्फ़ उठाया.

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मायरा के क़िरदार में कृति सेनॉन बहुत खूबसूरत और आकर्षक लगी हैं. उन्होंने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है. उनका अभिनय लाजवाब रहा. उनका बख़ूबी साथ निभाया अरशद वारसी ने. वैसे भी अरशद वारसी मुन्ना भाई एमबीबीएस के बाद से ही सपोर्टिंग एक्टर के क़िरदार में काफ़ी पंसद किए जा रहे हैं. यहां पर भी विशु के क़िरदार में उन्होंने कमाल का अभिनय किया है और उनकी कॉमेडी की पंच टाइमिंग से तो सब वाकिफ़ हैं ही. एक जगह पर कृति को कहते हुए देखा गया कि मुन्नाभाई में सर्किट का क़िरदार किस तरह से छा जाता है… और वह भी निभाया था अरशद वारसी ने ही.


टी सीरीज़ म्यूज़िक के बैनर तले फिल्म के गाने रिलीज़ होने से पहले मेरा प्यार मेरा प्यार… सारे बोलो बेवफ़ा… लोगों के ज़ुबान पर चढ़ गए हैं. बी प्राक ने भी बेहतरीन अंदाज़ में गानों को गाया है. विक्रम मोंट्रोस की संगीत में तैयार हुआ मार खाएगा… गाना तो सभी को बहुत ही पसंद आ रहा है. इसके गीत विक्रम, अजीम दयानी और फरहाद भिवंडीवाला ने लिखे हैं. इसे फरहाद और विक्रम ने गाया है. इसकी कोरियोग्राफी भी गणेश आचार्य ने बड़े ही दिलचस्प अंदाज़ में की है. फिल्म की सिनेमैटोग्राफी लाजवाब है और इसका पूरा श्रेय गेवमिक यू एरी को जाता है. अक्षय कुमार व कृति सेनॉन के फैंस को मनोरंजन से भरपूर यह फिल्म यक़ीनन बेहद पसंद आएगी.

फिल्म- बच्चन पांडे
कलाकार- अक्षय कुमार, कृति सेनॉन, जैकलीन फर्नांडीज, अरशद वारसी, पंकज त्रिपाठी, प्रतिक बब्बर, अभिमन्यु सिंह, संजय मिश्रा, सीमा बिस्वास
निर्देशक- फरहाद सामजी
रेटिंग- 3 ***

Photo Courtesy: Instagram

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