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फिल्म रिव्यू: ‘ट्यूबलाइट’ में सलमान खान तो चमके, लेकिन फिल्म नहीं (Movei Review: Tubelight)

फिल्म- ट्यूबलाइट स्टारकास्ट- सलमान खान, सोहेल खान, शाहरुख खान (गेस्ट अपीयरेंस),  स्व. ओमपुरी, झू झू, मातिन रे तंगु, बिजेंद्र काला, मोहम्मद जीशान अयूब, यशपाल शर्मा निर्देशक- कबीर खान रेटिंग- 3 स्टार tubelight_650x400_61498189279 ईद का मौक़ा सलमान खान के लिए हमेशा ही लकी साबित होता है. इस बार ईद के मौक़े पर रिलीज़ हुई है सलमान की फिल्म ट्यूबलाइट. कबीर खान के साथ सलमान की ये तीसरी फिल्म होगी. इससे पहले एक था टाइगर और बजरंगी भाईजान दोनों ही फिल्में सुपरहिट साबित हुई हैं. आइए, जानते हैं कि इस बार क्या ईद और कबीर खान का साथ सलमान के लिए लकी साबित होगा? कहानी कहानी है लक्ष्मण सिंह बिस्ट (सलमान खान) की, जिसे उसके आसपड़ोस वाले ट्यूबलाइट कहकर बुलाते हैं, क्योंकि वो बातें थोड़ी देर से समझता है. भले ही लोग उसे ट्यूबलाइट बुलाते हों, लेकिन लक्ष्मण का जीवन जीने का एक ही तरीक़ा है कि अपने विश्वास को ज़िंदा रखो, अगर विश्वास कायम है, तो आप जीवन में कुछ भी कर सकते हो, जंग भी रोक सकते हो. लक्ष्मण का भाई है भरत (सोहेल खान), दोनों अनाथ हैं और भारत-चीन बॉर्डर के पास एक गांव में रहते हैं. फिल्म की कहानी साल 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान सेट की गई है. इस दौरान सेना में भर्ती चल रही होती है, भरत भी सेना में भर्ती हो जाता है. भरत को को ये डर रहता है कि उसके चले जाने के बाद लक्ष्‍मण अकेला हो जाएगा, पर फिर भी वो युद्ध में जाने का फैसला कर लेता है. लक्ष्‍मण भाई का इंतज़ार करता है. भरत की कोई ख़बर नहीं आती है, लोगों को लगता है कि अब भरत वापस नहीं आएगा, लेकिन लक्ष्मण का विश्वास उसके साथ है. क्या उस विश्वास के दम पर लक्ष्मण अपने भआई भरत को वापस ले आ पाएगा? ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी. फिल्म की यूएसपी फिल्म की यूएसपी हैं सलमान खान. एक नए और अलग अंदाज़ में सलमान को आप देख पाएंगे. पूरी फिल्म उन्ही के आसपास रची गई है. एक बेहद ही स्ट्रॉन्ग संदेश भी है फिल्म में, जिसकी जानने और समझने की ज़रूरत है लोगों को. फिल्म का म्यूज़िक और गाने भी अच्छे हैं, जो दर्शकों को बांधे रखेंगे. यह भी पढ़ें: परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोखरण की पूरी कहानी सुनाएंगे जॉन अब्राहम, देखें फिल्म का पोस्टर कमज़ोर कड़ी फिल्म की कहानी कमज़ोर है. स्क्रिप्ट और स्क्रिनप्ले दोनों ही कमज़ोर है. कबीर खान अपनी पहली दोनों फिल्मों का जादू इस फिल्म में नहीं दिखा पाए हैं. कहीं-कहीं कहानी में कुछ ऐसे सीन्स शामिल किए गए हैं, जिनकी बिल्कुल ज़रुरत नहीं थी फिल्म में. सेकंड हाफ में फिल्म बहुत ही स्लो हो जाती है. अंत में क्या होने वाला है, ये आप पहले ही जान जाएंगे. फिल्म में स्व. ओमपुरी, बिजेंद्र काला, मोहम्मद जीशान अयूब और यशपाल शर्मा जैसे टैलेंट कलाकारों को अपना अभिनय दिखाने का मौक़ा ही नहीं मिला. फिल्म देखने जाएं या नहीं? सलमान खान की फिल्मों को देखने के लिए शायद ही फैन्स फिल्म की कहानी के बारे में सोचते होंगे. आप सलमान खाने के फैन हों या ना हो, एक बार उनकी फिल्म को देखना तो बनता ही है. इस बार सलमान एक नए अंदाज़ में नज़र आएंगे. वैसे भी ये फिल्म एक बार देखी जा सकती है. इस बार वीकेंड तीन दिनों का है, शनिवार, रविवार और सोमवार को ईद की छुट्टी को एंजॉय करें इस फिल्म के साथ. बॉलीवुड और टीवी से जुड़ी और ख़बरों के लिए क्लिक करें.

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