Close

मदर्स गाइड- बच्चों के आम रोगों में उपयोगी घरेलू नुस्ख़े (Mother’s Guide- Home Remedies For Children’s Common illnesses)

Home Remedies For Children's Common illnesses जन्म के बाद से 5 वर्ष की उम्र बच्चे की परवरिश की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं. इस काल में शरीर में रक्त, मांस, सभी अवयव और मस्तिष्क आदि का विकास होता है. ऐसे समय में थोड़ी-सी लापरवाही या उनसे होने वाले रोग उनके शारीरिक या मानसिक विकास को रोक सकते हैं. इस उम्र में बच्चों को होने वाली छोटी-मोटी बीमारियों का घरेलू इलाज प्रस्तुत है. नैपकिन रैश प्रायः जन्म के बाद एक साल तक यह रोग पाया जाता है. मां के दूध में खराबी होने, टट्टी-पेशाब के बाद गुदा की उचित रूप से सफाई न करने या स्नान के बाद इस स्थान को अच्छी तरह न सुखाने से गुदा में फुंसियां निकल आती हैं. उनमें जलन व खुजली होती है और खुजलाते-खुजलाते उसमें घाव हो जाता है. * लहसुन की 8-10 कलियों का रस निकाल कर 4 गुना जल में मिलाकर उससे रोगग्रस्त स्थान को धोएं. * तुलसी के पत्तों का रस निकालकर या उसके पत्तों को पीसकर उसका लेप लगाने से नैपकिन रैश से राहत मिलती है. * मक्खन में हल्दी मिलाकर उसका लेप लगाने से लाभ होता है. * हरी दूब को अच्छी तरह पीस कर लेप लगाने से भी बच्चों को नैपकिन रैश से आराम मिलता है. गैस वायु के अवरोध से कभी-कभी बच्चे का पेट फूल जाता है. पेट में गुड़गुड़ आवाज होती है, दर्द होता है, कभी-कभी बच्चा तेज रोता है और बेचैन हो जाता है. ऐसे में निम्न नुस्ख़े कारगर सिद्ध होते हैं. * एक चम्मच लहसुन के रस में आधा चम्मच घी मिलाकर पिलाएं. तुरंत गैस से राहत मिलेगी. * सरसों भर सेंकी हुई हींग का चूर्ण घी में मिलाकर पिलाने से गैस से बच्चे को आराम मिलता है. * जीरा या अजवायन को पीसकर पेट पर लेप करने से वायु का अवरोध दूर होता है और बच्चा राहत महसूस करता है. * हींग को भूनकर उसे पानी में घिसकर नाभि के चारों ओर लेप करें. गैस का शमन होगा और बच्चा चैन की सांस लेगा. यह भी पढ़े: …क्योंकि मां पहली टीचर है खांसी-जुकाम बच्चों को अक्सर खांसी, जुकाम हो जाता है, इससे घबराएं नहीं. जिस कारण से यह रोग हुआ हो, उन खाद्य-पेयों से बच्चे को दूर रखें. गरम पानी पीने को दें. गर्म कपड़े पहनाकर रखें. * आधा चम्मच तुलसी के रस में आधा चम्मच मधु मिलाकर दिन में तीन बार बच्चे को पिलाएं. इससे सर्दी-खांसी से तुरंत राहत मिलेगी. * शिशु को खांसी-जुकाम हो तो थोड़ा-सा सरसों का तेल प्रतिदिन उसकी छाती पर मलें और गुदा में लगाएं, शीघ्र ही आराम होगा. * थोड़ा-सा सोंठ का चूर्ण गुड़ व घी के साथ मिलाकर चटाने से बच्चे की खांसी-जुकाम ठीक होती है. * आधा इंच अदरक व तेजपत्ता (1 ग्राम) को एक कप पानी में भिगोकर काढ़ा बनाएं. इसमें एक चम्मच मिश्री मिलाकर 1-1 चम्मच की मात्रा में तीन बार पिलाएं. खांसी-जुकाम दो दिन में ठीक हो जाएगा. बुखार बच्चे को हल्का बुखार होने पर निम्न नुस्ख़ों का प्रयोग करें. अवश्य लाभ होगा. * कालीमिर्च का चूर्ण 125 मि.ग्रा. तुलसी के रस व शहद में मिलाकर दिन में तीन बार दें. बच्चे को बुखार से राहत मिलेगी. * बुखार तेज हो तो प्याज को बारीक काटकर पेट व सिर पर रखें. बुखार कम होने लगेगा. * बुखार में सिरदर्द हो तो गर्म जल या दूध में सोंठ का चूर्ण मिलाकर सिर पर लेप करें या जायफल पानी में पीसकर लगाएं. * बुखार में पसीना अधिक हो, हाथ-पैरों में ठंड लगे तो सोंठ के चूर्ण को हल्के हाथों से लगाएं. लाभ होगा. मतली बच्चों की पाचन क्रिया ठीक न होने से कभी-कभी खट्टी, दुर्गंधयुक्त मतली आती है. दांत निकलते वक़्त भी मतली छूटती है. * अदरक का रस एक चम्मच, नींबू का रस एक चम्मच और शहद एक चम्मच मिलाकर चटाएं. * अजवायन और लौंग का चूर्ण 1-1 चुटकी लेकर शहद के साथ चटाएं. * छोटी इलायची को भूनकर उसका कपड़छान चूर्ण बनाएं. चुटकी भर चूर्ण आधा चम्मच नींबू के रस में मिलाकर खिलाएं. * हरी दूब का रस एक चम्मच लेकर सममात्रा में चावल के धोवन या मिश्री के साथ पिला दें. यह भी पढ़े: चाइल्ड केयर- बच्चों की खांसी के घरेलू उपाय बच्चों की हिचकी बच्चों को प्रायः हिचकी आती रहती है. वैसे यह लाभदायक है, क्योंकि यह शरीर के विकास की निशानी मानी जाती है. हिचकी से आंतें बढ़ती हैं और स्वस्थ रहती हैं. फिर भी यदि हिचकी बार-बार आती है और बच्चे को कष्ट होता हो तो निम्न नुस्खा प्रयोग करें. * अदरक के रस में (4-5 बूंद) आधी चुटकी भर पीसी हुई सोंठ, काली मिर्च और दो बूंद नींबू का रस मिलाकर बच्चे को चटाएं. तुरंत लाभ होगा. * नारियल की जटा जलाकर उसकी थोड़ी-सी राख तीन चम्मच पानी में घोलकर और उसे छानकर बच्चे को पिलाने से हिचकी बंद हो जाती है. बच्चों में कब्ज़ की शिकायत माता के अनुचित आहार-विहार के कारण उसका दूध दूषित हो जाता है, जिसकी वजह से बच्चे की पाचन शक्ति खराब होकर उसे वायु विकार हो जाता है और मल का सूख जाना, मल त्याग का अभाव, पेट में दर्द, गुड़गुड़ाहट, उल्टी आदि लक्षण पैदा हो जाते हैं और बच्चा रोते-रोते बेहाल हो जाता है. * नीम के तेल का फाहा गुदा मार्ग में लगाने से कब्ज दूर होता है. * रात को बीज निकाला हुआ छुहारा पानी में भिगो दें. सुबह उसे हाथ से मसलकर निचोड़ लें और छुहारे के गूदे को फेंक दें. छुहारे के इस पानी को बच्चे को आवश्यकतानुसार 3-4 बार पिलाएं. इससे कब्ज की शिकायत दूर होगी. * बड़ी हरड़ को पानी के साथ घिसकर उसमें मूंग के दाने के बराबर काला नमक मिलाएं. इसे कुछ गुनगुना गर्म करके आवश्यकतानुसार दिन में 2-3 बार दें. अवश्य लाभ होगा. मुंह में छाले बच्चों के लिए यह रोग भी बहुत कष्टदायक होता है. मुख में तथा जीभ पर लाल-लाल छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं. मुंह से लार टपकना, मुंह में पीड़ा व जलन आदि लक्षण मिलते हैं. * सुहागे की खील को बारीक पीसकर शहद या ग्लिसरीन में मिलाकर छालों पर लगाने से शीघ्र लाभ होता है. * पीपल की छाल तथा पीपल के पत्तों को पीसकर छालों पर लगाने से छाले नष्ट हो जाते हैं. * आंवलों का रस निकालकर छालों पर मुलायम हाथों से लगाएं और राल बहने दें. तीन बार यह प्रयोग करने से छाले ठीक हो जाते हैं. यह भी पढ़े: बच्चे को डांटें नहीं हो जाएगा बीमार नींद में डरना आमाशय का दूषित प्रभाव मस्तिष्क में पहुंच जाने से बच्चा सोते समय नींद में डरावने सपने देखकर डरने लगता है और नींद से जाग उठता है. वह जोर-जोर से रोने लगता है. नींद में उसकी सांस घुटने लगती है और बच्चा चीख मारकर उठ बैठता है. * रात को सोने से दो घंटा पहले बच्चे को खिला दिया करें, ताकि खाना भलीभांति पच जाए. * सर्दी के मौसम में एक से दो ग्राम सौंफ पानी में उबालकर उसे छान लें. इसे रात को सोने से पहले बच्चे को पिला दें. इससे नींद में डरने की शिकायत दूर होगी. * गर्मी के मौसम में छोटी इलायची का एक ग्राम अर्क सौंफ के उबले हुए पानी के साथ पिलाएं. नींद में डरने की आदत छूट जाएगी.

- रीटा गुप्ता

अधिक पैरेंटिंग टिप्स के लिए यहां क्लिक करेंः Parenting Guide 
[amazon_link asins='0857205250,B00HVSRN8G,B00EZQ5DD4,B008YD5500' template='ProductCarousel' store='pbc02-21' marketplace='IN' link_id='9d203688-0e4b-11e8-a71a-af5b7dc9dfba']

Share this article