न्यू जॉब जॉइन करने से पहले ख़ुद से करें कुछ सवाल (Make Yourself Some Questions Before Joining New Job )
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अच्छी लाइफस्टाइल जीने के लिए आर्थिक मज़बूती बहुत ज़रूरी है. ऐसे में कई बार जॉब जाने की परेशानी का सामना भी आपको करना पड़ता है. बेरोज़गार होने और आर्थिक दिक्क़तों के चलते कोई भी नौकरी करने से पहले अच्छी तरह से उसके बारे में सोचें और ख़ुद से उस नौकरी से जुड़ी इन बातों को पूछें.पर्सनल वैल्यूज़
आर्थिक तंगी के चलते पार्ट टाइम जॉब के लिए आप कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन फुल टाइम जॉब के लिए आप उसी फर्म को चुनें, जो आपके व्यक्तित्व से मेल खाता हो. ऐसे फर्म को कभी वरियता न दें, जो आपके इंटरेस्ट से मेल न खाता हो और जहां पर ख़ुद आपकी कोई इज़्ज़त न हो. भले ही सैलरी बहुत अच्छी क्यों न हो, लेकिन इस तरह के फर्म में आप ज़्यादा दिन तक काम नहीं कर पाएंगे. बेहतर होगा पहले अपने आप से इस बारे में पूछें फिर कोई निर्णय लें.
कंपनी की रेपोटेशन
स़िर्फ पैसों के लिए किसी भी कंपनी में काम करना भविष्य में बुरा साबित हो सकता है. जिस भी कंपनी से आपको ऑफर लेटर आया है, सबसे पहले उसके बारे में अच्छी तरह से जांच-पड़ताल कर लें. मार्केट में उस कंपनी के बारे में लोगों का क्या कहना है, ये भी आपके लिए बहुत महत्व रखता है. अपनी सीवी को मज़बूत करने और ख़ुद की इज़्ज़त का ख़्याल करते हुए बेस्ट कंपनी का चुनाव करें.
भविष्य का ख़्याल
किसी भी कंपनी में जॉब के लिए आवेदन देने से पहले अपने भविष्य का ख़्याल ज़रूर रखें. अपने लक्ष्य को दिमाग़ में रखकर ही आगे बढ़ें. लॉन्ग टर्म के लिए अगर कंपनी आपके लिए उपयुक्त नहीं रहेगी और आप अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएंगे, तो बेहतर होगा कि कुछ समय और इंतज़ार करें और दूसरी नौकरी की
तलाश करें.
वर्कप्लेस का माहौल
दिन के आठ घंटे जहां आप काम करेंगे उसका माहौल आपके अनुसार न होने पर बहुत जल्द ही काम में मन नहीं लगता और आप नई जॉब की तलाश में लग जाते हैं. नई नौकरी जॉइन करने से पहले वहां काम करनेवालों से ऑफिस के अंदर के माहौल के बारे में पता लगाएं. सब कुछ जानने के बाद ख़ुद ही तय करें कि क्या ऐसे माहौल में आप काम कर पाएंगे?
कैसा है बॉस?
बॉस का असर आपके काम पर बहुत पड़ता है. एक अच्छे बॉस के होने से आपका काम करने में मन लगता है और इसका फ़ायदा आपके साथ आपकी कंपनी को भी होता है, लेकिन बॉस के सही न होने से कई तरह की समस्याओं से गुज़रना पड़ता है. काम का अनियमित समय, एक्स्ट्रा प्रेशर, टारगेट और मेंटल टॉर्चर जैसी कई परेशानियों के चलते प्रायः लोग जॉब छोड़ देते हैं.
सैलरी
किसी भी तरह की नौकरी करने का सबसे मुख्य कारण है कि उससे आपकी आमदनी हो. महीने के आख़िर में आपको कुछ पैसे मिल जाएं, जिससे आपकी ज़रूरतें आसानी से पूरी हो जाएं और भविष्य के लिए कुछ बचत भी कर लें. इसलिए इंटरव्यू देने के बाद और ज्वाइन करने से पहले ख़ुद से एक बार पूछें कि क्या इतनी सैलरी आपके लिए उपयुक्त होगी या फिर इस नौकरी के साथ आपको कहीं और भी कुछ करना पड़ेगा? पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही आगे बढ़ें.
घर से कंपनी की दूरी
कहीं भी जॉब ज्वाइन करने से पहले अमूमन दिमाग़ में ये बात ज़रूर आती है कि रोज़ाना घर से ऑफिस पहुंचने में कितना समय लगेगा. नई नौकरी का ऑफर लेटर हाथ में लेने से पहले आप ये सुनिश्चित कर लें कि क्या प्रतिदिन आप इतनी दूरी तय कर पाएंगे, क्या आसानी से और सही समय पर आप प्रतिदिन ऑफिस पहुंच पाएंगे, इस नौकरी को करने में कहीं ट्रैवलिंग में ही आपका बहुत पैसा तो नहीं लग जाएगा जैसी आदि बातों को पहले ही अपने दिमाग़ में सोच लें फिर आगे बढ़ें.
अपनी पसंद
अपनी पसंद का खाना न होने पर जब आप नहीं खाते, तो नौकरी बिना पसंद की कैसे कर सकते हैं. घर की माली हालत ठीक न होने पर भले ही मजबूरी में आप नई नौकरी के लिए हां कर दें, लेकिन कुछ ही समय के बाद आपका वहां मन नहीं लगेगा. इसलिए नई नौकरी के लिए हां करने से पहले एक नहीं, बल्कि सौ बार सोचें फिर हां करें, क्योंकि बार-बार जॉब बदलने से आपकी सीवी कमज़ोर हो जाती है और लोगों में आपकी ग़लत छवि जाती है.
आपकी क्षमता
आप कितने पानी में खड़े हैं, इसकी जानकारी होना बहुत ज़रूरी है. दूसरों के कहने और उनकी ज़ोर-ज़बर्दस्ती से बिना सोचे ही किसी भी तरह के काम को हां न करें. हर इंसान की अपनी व्यक्तिगत क्षमता होती है उससे अधिक काम होने पर तनाव होता है और फिर धीरे-धीरे सेहत बिगड़ने लगती है. इंटरव्यू टेबल पर बैठते ही आप वहां के काम और टार्गेट के बारे में जानना न भूलें.
प्राथमिकता का रखें ख़्याल
अपनी प्राथमिकता को देखते हुए सही जॉब की तलाश करना आपकी ज़िम्मेदारी है. कई बार जॉब संतुष्टि से ज़्यादा पैसों की ज़रूरत ज़्यादा होती है. ऐसे में अगर सैलरी को दिमाग़ में रखकर जॉब सिलेक्शन कर रहे हैं, तो कोई बुरी बात नहीं है.